यह मेरी आखिरी फोटो है-आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे…
कर्ज में डूबे परिवार की आखिरी सेल्फी, दो बच्चों के साथ युवा दंपति ने दे दी जान
समाचार आज @ उज्जैन।
आज की यह खबर आपको विचलित कर सकती है और साथ ही एक सवाल भी खड़ा कर रही है कि कर्ज का दानव समाज में क्यों फैलता जा रहा है। मामला है भोपाल का। यहां कर्ज में डूबे एक हंसते-खेलते परिवार को अपनी जान देना पड़ी है।
भोपाल के 38 वर्षीय भूपेंद्र विश्वकर्मा, उनकी 35 वर्षीय पत्नी रितु और 9 व 3 साल के दो बेटे ऋषिराज और ऋतुराज इस सेल्फी में नजर आ रहे हैं। इस हंसते खेलते परिवार ने जहर खाकर अपनी जान दे दी है। गुरुवार 13 जुलाई की सुबह भोपाल पुलिस ने रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी से इन चारों की लाश बरामद की है। गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले। दोनों बेटों को जहर देने की आशंका है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कर्ज का जिक्र है।
ऑनलाइन कंपनी में काम कर फंसा
भूपेंद्र एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर काम का प्रेशर और लोन था। भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु, बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्टे को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी।
भतीजी को भेजा अंतिम सेल्फी और जिंदगी का अंतिम संदेश
नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के घर से छह पैकेट जहर के मिले हैं। भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी। रिंकी, मंडीदीप स्थित एक धागा फैक्टरी में काम करती है।
ऑनलाइन कंपनी ने किया साइबर क्राइम
भूपेंद्र के चचेरे भाई पंकज विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के साथ साइबर क्राइम हुआ है। ऑनलाइन कर्ज देने वाली कंपनी ने उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके अश्लील वीडियो और फोटो वायरल कर दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भूपेंद्र ने 4 से 5 दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे इग्नोर करें। दो तीन दिन पहले हमारी बात हुई। वे परेशान हो चुके थे। उनसे 17 लाख की डिमांड की गई। कहते थे कि इतने पैसे कहा से दूंगा। भैया ने बताया था कि उनके तीनों बैंक अकाउंट खाली कर दिए। पूरा पैसा निकाल लिया। 7-8 जुलाई को साइबर सेल में शिकायत करने गए थे। साइबर सेल की ओर से उनका सिम और मोबाइल भी शायद एक्सचेंज करा दिया गया था।
अब हम आपको बताते हैं सुसाइड नोट के प्रमुख अंश जिसमें भूपेंद्र का कहना है कि उनकी एक गलती से सब परेशान हो गये, उन्हें ऑनलाइन लोन के झमेले में पड़ना ही नहीं था।
- समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें, नहीं पता हमारे इतनी सी छोटी सी प्यारी सी फेमिली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से।
- हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम से वॉट्सऐप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया। जिसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था, तो मैंने शुरू कर दिया। जिसमें मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ पर धीरे-धीरे एक दलदल में धंसने लगा और थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था, लेकिन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा।
- जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और अग्रीमेंट का कहने लगे। मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल खराब था। कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा। इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो कि ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी है। इस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है।
- मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भईया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है।
- कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइफ विद स्मॉल फैमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसीलिए उन्हें भी मैं अपने साथ ले जा रहा हूं। सबसे पुन: माफी मांगता हूं।