उज्जैन भैरवगढ़ जेल में तंबाकू की पुडि़या 700 रुपए की, प्रहरी ही कर रहे हैं सप्लाई

अंडरवियर-टोपी-बनियान में अंदर ले जा रहे थे पाउच, जेल अधीक्षक ने तीन को धरदबोचा
समाचार आज। उज्जैन
उज्जैन की केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंदियों को तंबाकू उपलब्ध कराने का काम प्रहरी कर रहे हैं। 13 जुलाई को जेल अधीक्षक ने तीन प्रहरियों को रंगे हाथों पकड़ा और विभगीय कार्रवाई की। बनियान और टोपी में तंबाकू की पुडिय़ा और पाउच छिपाकर प्रहरी जेल के अंदर ले जाने का प्रयास कर रहे थे।
उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में अधीक्षक मनोज साहू ने तंबाकू सप्लाय करते एक प्रहरी को पकड़ा है जो अंडरवियर में तंबाकू की 10 पुड़िया छिपाकर ले जा रहा था। प्रहरी को जेल अधीक्षक ने सस्पेंड कर दिया है। वहीं जेल के दो अन्य प्रहरी के पास भी एक तंबाकू का पाउच पाया गया जो दोनों दूसरे को देने के दौरान फेंक दिया था। उक्त दोनों सिपाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। जेल अधीक्षक साहू ने बताया कि रूटीन चेकिंग के दौरान दस जुलाई सुबह छह बजे करीब सिपाही सूर्यभान अंडरवियर में तंबाकू के पाउच छिपाकर ले जा रहा था। जिसे जेलर ने देखा व पाउच जब्त करते हुए तत्काल उसे सस्पेंड कर दिया गया। 700 रुपए में एक पुड़िया बेचने की बात सामने आई है, इसमें कितनी सच्चाई ये नहीं कह सकता।जेल अधीक्षक ने ये भी बताया कि 9 तारीख की रात दस बजे प्रहरी गिरिराज के पास टोपी में पाउच मिले थे। उसने चैकिंग के चलते टोपी दूसरे सिपाही दीपक करण को दे दी। दीपक करण ने टोपी से तंबाकू के पाउच बाहर फेंक दिये और इस तरह वे भी पकड़ में आ गये। दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और दोनों की ड्यूटी बदलते हुए बाहर लगा दी है।

तंबाकू खरीदने के लिए कहां से आ रहा है पैसा
यह पहला मामला नहीं है जब जेल में तंबाकू और पाउच ले जाते हुए प्रहरी पकड़े गये हैं। इसके पहले भी सिपाहियों को मादक पदार्थ ले जाते तक पकड़ा गया था व उनके खिलाफ भैरवगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब तंबाकू ले जाते सिपाही पकड़े गए है। भैरवगढ़ जेल में कई सिपाही सालों से जमे हुए है और इन्हें सारे हथकंडे पता है। पूर्व में मौजे में भरकर भी बाहर से तंबाकू जेल के अंदर फिंकवाई जाती रही है। वहीं जेल में अगर 700 रुपए तक में तंबाकू बेची जा रही है तो बड़ा सवाल ये भी है कि बंदियों के पास इसे खरीदने के लिए पैसा कहां से आ रहा है। जेल के अंदर बंदियों तक रुपए कौन पहुंचा रहा है।
नए सिरे से ड्यू्टी लगाने की दरकार
जिस तरह से जेल में नशीली वस्तुओं के व्यापार की सूचना मिल रही है, उससे साफ है कि प्रहरियों की रजामंदी से ही यह व्यापार चल रहा है। ऐसे में प्रहरियों की ड्यू्टी में नए सिरे से बदलाव की जरूरत है। एक ही सीट पर बरसों से जमे अधिकारी, सिपाही और बाबू इस तरह के खेल में लिप्त हैं और इनकी ड्यूटी में व्यापक स्तर पर फेरबदल की जरूरत है।