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उज्‍जैन के गदर सेठ का जलवा, पूरे गांव को ले गये फिल्‍म दिखाने

पिता थे सनी देओल के जबर्दस्‍त फेन, गांव वालों को पुत्र ने दिखाई गदर-2

20 ट्रैक्टर- 40 बाइक- कार से गये टॉकीज, 27 किमी दूर सांवेर में बुक किया सिनेमा हॉल

समाचार आज @ उज्‍जैन

गदर, यह सिर्फ एक फिल्‍म नहीं थी, बल्कि देशप्रेम के दीवानों के लिए एक जुनून थी। बरसों तक फिल्‍म का क्रेज लोगों के जेहन में बरकरार रहा। अब इसका दूसरा भाग गदर-2 रीलिज हो चुकी है और गदर के दीवानों के लिए य‍ह फिल्‍म देखना किसी रोमांचक जंगजीतने जैसा ही आनंददायी क्षण है। आज हम बात कर रहे हैं उज्‍जैन के गदर सेठ की। गदर सेठ सनी देओल के इतने बड़े फेन थे कि इन्‍होंने गांव के सभी लोगों को कई बार गदर फिल्‍म दिखाई।

प्‍यारवश लोगों ने इनका नाम ही गदर सेठ रख दिया। अब गदर सेठ तो नहीं रहे, लेकिन उनके पुत्र ने अपने पिता की स्‍मृति में एक पूरा सिनेमाहाल बुक करवाकर सारे गांव को गदर-2 फिल्‍म दिखाई। जो चर्चा में छाई हुई है। पूरे गांव को गदर-2 दिखाने के लिए इन्‍होंने सिनेमा हॉल बुक कर लिया। इसमें 60 हजार रुपए से अधिक का खर्च आया। गांव से 20 ट्रैक्टर, कार, बाइक और गदर फिल्म के गानों पर नाचते हुए 280 लोग उज्जैन के सिनेमा हॉल पहुंचे, जहां हॉल भर गया तो बचे हुए लोग 27 किलोमीटर दूर सांवेर के सिनेमा हॉल चले गए। उज्जैन के घट्टिया तहसील के गांव बकानिया में रहने वाले धर्मेंद्र जाट ने उज्जैन का सिनेमा हॉल बुक किया था।

रोज गदर फिल्‍म देखते थे गदर सेठ

धर्मेंद्र के पिता लक्ष्मीनारायण सनी देओल के बड़े फैन थे। पिता ने 2001 में गदर फिल्म देखी। उन्हें गदर फिल्‍म और सनी देओल इतने पसंद आए कि वो रोज गदर फिल्म देखने जाते और साथ में गांववालों को भी ले जाते। उन्होंने एक टीवी और वीसीआर मंगवाकर गांव के मंदिर में लगवा दिया, जहां दिनभर गदर फिल्म चलती थी। फिल्म से लगाव देखकर गांववालों ने उनका नाम गदर सेठ रख दिया। लक्ष्‍मीनारायण को गदर फिल्‍म इतनी पसंद आई कि उन्‍होंने अपना पहनावा भी गदर के सनी देओल की तरह की चुन लिया था। वे कपड़े, बोलचाल, हावभाव से पूरी तरह सनी देओल की तरह रहते थे। एक वर्ष पहले गदर सेठ यानी लक्ष्‍मीनारायण का निधन हो गया।

पिता की स्‍मृति में दिखाई गदर-2

लक्ष्‍मीनारायण के बेटे धर्मेंद्र ने तय किया कि वे अपने पिता की स्‍मृति में पूरे गांव को गदर-2 फिल्‍म दिखाएंगे। गुरुवार को 24 किमी दूर सांवेर में हॉल बुक किया। सांवेर जाने से पहले उज्जैन में डीजे पर गदर के गाने बजाकर जमकर डांस किया। इस दौरान ग्रामीण सांफा बांधकर निकले। गदर सेठ यानी लक्ष्‍मीनारायण के बेटे धर्मेद्र ने कहा कि उनके पिता की इच्‍छानुसार वे सभी को फिल्‍म दिखाने लाये हैं। आज उनके पिता होते तो वे काफी प्रसन्‍न होते।

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