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schools-in-ujjain : उज्जैन में सीएम के निर्देश का असर, जांच में मिली एमपी पब्लिशर, पराग और ज्ञान गंगा पब्लिशर की स्कूलों से मिलीभगत

schools-in-ujjain : उज्जैन में स्कूल मनमानी करे तो डायल करें - 0734-2520711, बैठक में हिदायत- परेशान किया तो आप दिक्कत में आ जाओगे

schools-in-ujjain : उज्जैन में सीएम मोहन यादव के निर्देश मिलने के बाद प्रशासन स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त हो गया है। कॉपी-किताब-यूनिफॉर्म में कमीशनखोरी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रशासन ने 3 अप्रैल को शहर की किताब दुकानों पर छापे मारे। बुधवार को जांच के दौरान तीन दुकानों एमपी पब्लिशर, पराग पब्लिशर और ज्ञान गंगा पब्लिशर पर जांच में मिलीभगत सामने आई है। सभी को नोटिस दिया है। 4 अप्रैल को स्कूल संचालकों की मीटिंग लेकर साफ शब्दों में समझा दिया कि आप ध्यान रखे। किसी को परेशान किया और शिकायत आई तो आप दिक्कत में आ जाओगे। इसके अलावा फ्लाइंग स्कवाड स्कूलों में भेज दिये और स्थाई हेल्पलाइन नंबर – 0734-2520711 जारी कर दिया है।

उज्जैन के शास्त्री नगर स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में 4 अप्रैल दोपहर स्कूल मैनेजमेंट और पब्लिशर्स की मीटिंग हुई। जिसमें 156 प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल शामिल हुए। कलेक्टर नीरज सिंह ने भी सख्त लहजे में उनसे कहा कि किसी भी स्कूल के मालिक ने पेरेंट्स पर खास दुकान से कॉपी, किताब, यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाया तो कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कहा, ‘अगर आप लोग नहीं मानोगे तो हमें और आपको दोनों को दिक्कत हो जाएगी। हमें दिक्कत होगी तो हम आपको दिक्कत पैदा करेंगे।’ प्राइवेट स्कूल्स और पब्लिशर की मिलीभगत पर पेरेंट्स की ओर से लगातार मिल रही शिकायतों पर गुरुवार को यह बैठक बुलाई गई थी।

मनमानी रोकने के 1 अप्रैल को CM ने दिए थे निर्देश

उज्जैन निवासी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे प्रदेश में प्राइवेट स्कूल्स की मनमानी पर रोक लगाने के लिए 1 अप्रैल को निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था, ‘अब प्राइवेट स्कूल किसी निर्धारित दुकान से ही किताबें, यूनिफॉर्म और बाकी शिक्षण सामग्री खरीदने का दबाव अभिभावकों पर नहीं बना सकते। अगर ऐसी कोई शिकायत मिली, तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ इसके बाद उज्जैन कलेक्टर ने नंबर 0734-2520711 जारी कर ऐसे स्कूल और दुकानों की शिकायत करने को कहा है।

किताब दुकानों की जांच करती प्रशासनिक टीम

तीन दुकानों की मिलीभगत सामने आई

कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि 10 उड़नदस्ता टीम बनाई गई है। बुधवार को तीन दुकानों एमपी पब्लिशर, पराग पब्लिशर और ज्ञान गंगा पब्लिशर पर जांच में मिलीभगत सामने आई है। सभी को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में ये हिदायत दी गई

  • किसी एक दुकान से पेरेंट्स को कॉपी, किताब, यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।
  • हर क्लास के कोर्स की लिस्ट रिजल्ट से पहले स्कूल वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
  • अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 15 जून 2024 तक खरीदी कर सकेंगे।
  • स्कूल मालिक सुनिश्चित करेंगे कि अन्य विषय जैसे नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर की प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

बुधवार 3 अप्रैल को देर रात तक चैक की थी दुकानें

बुधवार दोपहर को जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा, एसडीएम लक्ष्मीनारायण गर्ग टीम के साथ फ्रीगंज स्थित स्टेशनरी की प्रमुख दुकानों पर जांच को पहुंचे थे। प्रशासनिक टीम ने यहां पता किया कि कितने स्कूलों के कोर्स उनके यहां से मिल रहे हैं। साथ ही यह भी पता किया कि जो कोर्स उनके यहां हैं वह अन्य स्टेशनरी दुकानों पर भी उपलब्ध हैं या नहीं। इस दौरान कोर्स खरीदने आए ​अभिभावकों से भी शिक्षा अधिकारी व एसडीएम ने बात की और उनके बयान लिए। कुल पालकों ने मिलीभगत की शंका भी जताई थी। जिस पर चैकिंग अभियान देर रात करीब 9 बजे तक चला।

किताबें सिर्फ एक ही दुकान पर मिल रही, डिस्काउंट भी नहीं

बुधवार रात को फ्रीगंज में जांच टीम को कुछ अभिभावकों ने बताया था कि पिछले दो-तीन साल से तो एक ही दुकान पर बच्चे का कोर्स मिल रहा है। अगर कोई किताब रह जाये तो वह अन्य दुकान पर कितना भी घूम लें नहीं मिलती, थक हारकर संबंधित दुकान पर ही आना पड़ रहा है। इस दौरान वंदना पति दीपक निवासी आगर रोड ने कहा कि स्कूल वाले हर साल कोर्स भी बदल देते हैं, ताकि उक्त कोर्स कोई अन्य बच्चा उपयोग नहीं कर सके। अभिभावक शिवनारायण आंजना निवासी शिवाजी पार्क ने कहा कि कोर्स व यूनिफॉर्म में कमीशन के लिए ये दबाव है। कुछ अभिभावकों ने बताया कि किताबों पर किसी तरह की कोई छूट नहीं है, सिर्फ कॉपियों पर डिस्काउंट दे रहे।

कलेक्टर ने स्कूलों के लिए जारी किये यह निर्देश

  • स्कूल संचालक/प्राचार्य अनिवार्य रूप से प्रत्येक कक्षा की किताबों की सूची स्कूल की वेबसाइट व स्कूल परिसर में चस्पा करें।
  • अभिभावक व विद्यार्थी को सूचीबद्ध किताबें परिणाम व उसके पूर्व क्रय करने को बाध्य नहीं करेंगे। वे 15 जून तक खरीदी कर सकते हैं।
  • स्कूल संचालक तय करें कि ​अतिरिक्त विषय नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर आदि किताबें क्रय करने को बाध्य नहीं करेंगे।
  • कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट को क्रय करने की बाध्यता नहीं रखेगा व विद्यार्थी के पास पुरानी किताबें हैं तो उसकी आवश्यकता की किताबें ही उपलब्ध कराए।
  • विद्यालय प्रशासन द्वारा स्कूल यूनिफाॅर्म का निर्धारण इस तरह किया जाए कि कम से कम 3 सत्र तक उसमें परिवर्तन न हो।

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