महाकाल मंदिर के सुरक्षाकर्मी आर्थिक तंगी से जूझ रहे, मार्च 2025 का वेतन नहीं मिला
महाकाल मंदिर के कर्मचारी तनावपूर्ण माहौल में कर रहे काम, इस कारण आये दिन हो रहे विवाद

महाकाल मंदिर Mahakal temple उज्जैन में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सुरक्षाकर्मी इन दिनों भारी तंगी से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों को अभी तक मार्च महीने का वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में मंदिर समिति के अधिकारी भी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, इस कारण तंगी से जूझ रहा कर्मचारी हताश और निराश है। दूसरी ओर केएसएस कंपनी KRISHNA SECURITY SERVICES ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का वेतन अप्रैल महीने के आखिरी दिन 30 अप्रैल को दिया है, जिससे उन्हें राहत मिली है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दो कंपनियों के जरिये आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं ले जा रही है। जिसमें से क्रिस्टल कंपनी Krystal Integrated Services Pvt Ltd मंदिर को सुरक्षाकर्मी प्रदान करती है वहीं केएसएस कंपनी सफाई, ड्राइवर, कार्यालयीन सहायक, लड्डू निर्माण ईकाई, गौशाला, कंट्रोल रूम, कंप्यूटर ऑपरेटर, अन्नक्षेत्र आदि में सेवाएं दे रहे कर्मचारी प्रदान करती है। दोनों कंपनियों के अधीन करीब 1500 से अधिक कर्मचारी मंदिर में सेवाएं दे रहे हैं। मंदिर समिति द्वारा कंपनियों से हुये अनुबंध के मुताबिक हर महीने की पांच तारीख को कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाना चाहिए। लेकिन इन कंपनियों द्वारा कभी इस नियम का पालन नहीं किया गया। हर बार 15-20 दिनों के बाद ही कर्मचारियों को वेतन भुगतान हुआ है। लेकिन पिछले चार महीनों में वेतन भुगतान में और भी लेटलतीफी की जा रही है। वर्तमान में क्रिस्टल कंपनी के करीब 500 सुरक्षाकर्मियों को अभी तक मार्च माह का वेतन नहीं मिला है। जबकि मई का महीना शुरू हो चुका है।
आर्थिक तंगी के कारण हताश है कर्मचारी
मंदिर की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मोर्चे पर अपनी सेवाएं दे रहे सुरक्षा कर्मचारी समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण काफी तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। आर्थिक स्थिति गड़बड़ होने के कारण परिवार में भी तनावपूर्ण माहौल है। समय पर जरूरी जिम्मेदारी जैसे दूध, किराना, बच्चों की स्कूल फीस आदि की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है और परिवार का हर सदस्य इस तनाव में जूझ रहा है। इस तनाव का असर उनके कामकाज पर भी दिख रहा है और आये दिन मंदिर में विवाद की स्थिति बन रही है। सुरक्षाकर्मी बताते हैं कि अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार हो जाये तो उसका इलाज कराने की स्थिति में भी नहीं होते हैं। यह भी पता नहीं होता कि हमारे हाथ में पैसा कब आयेगा, इस कारण देनदारों से भी मुंह छिपाना पड़ता है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि मंदिर समिति के जिम्मेदारों को इस बारे में पूरी जानकारी है, फिर भी कंपनी को समय पर वेतन भुगतान के लिये दबाव नहीं बनाया जाता है। दूसरी ओर कंपनी के जिम्मेदार कहते हैं उनकी वेतन फाइल पर मंदिर कार्यालय में अटकी है, इस कारण वे समय पर वेतन नहीं दे पा रहे हैं।
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केएसएस कंपनी ने दिया बढ़ा हुआ वेतन
हाल ही में श्रम विभाग ने कलेक्टर रेट में बढ़ौत्तरी कर मार्च माह से नये रेट के मुताबिक वेतन देने के निर्देश जारी किये है। केएसएस कंपनी ने मार्च माह का वेतन कर्मचारियों को 30 अप्रैल को जारी किया है। यह वेतन कंपनी ने बढ़ी हुई दरों के मुताबिक जारी किया है जिससे प्रत्येक कर्मचारी को 800 से 1400 रुपए अधिक मिले है।