महाकाल मंदिर के बाहर फूल-प्रसाद बेचने वालों की दादागिरी, नशे में कर रहे विवाद, वीडियो वायरल
महाकाल भगवान को बाहर के प्रसाद का भोग नहीं लगता फिर भी मंदिर के सभी गेट पर जमे है प्रसाद बेचने वाले

श्री महाकाल मंदिर के बाहर फूल-प्रसादी बेचने वालों की दादागिरी से आये दिन कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। हाल ही में फूल प्रसाद बेचने वालों के बीच मारपीट के कारण दर्शनार्थी परेशान होते रहे। करीब आधा घंटा से अधिक समय तक मारपीट चलती रही, लेकिन इस दौरान कहीं भी पुलिस कर्मी या महाकाल मंदिर के सुरक्षा कर्मी हस्तक्षेप करते नजर नहीं आये हैं। मारपीट का दर्शनार्थियों वीडियो बनाकर वायरल किया है।
मारपीट की यह घटना शुक्रवार 9 मई 2011 की शाम करीब साढ़े सात बजे की है। आम दशनार्थियो का निर्गम द्वार गेट नंबर 10 के बाहर फूल-प्रसादी की दुकान लगाने वाले युवाओं को बीच मारपीट की घटना हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नशे में धुत्त युवाओं में करीब आधे घंटे तक मारपीट चलती रही। पहले हाथापाई हुई, बाद में लाठी और पत्थर से एक दूसरे पर हमला करते रहे। इस दौरान इनके साथ की एक महिला बीच बचाव भी करती रही। मारपीट की यह घटना करीब आधा घंटा तक चली। बाद में दोनों पक्षों को उनके सार्थियों ने ही समझा-बुझाकर शांत कर दिया। कुछ दर्शनार्थियों ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस घटना को देखकर यहां से गुजरने वाले दर्शनार्थी सहम गये। मारपीट के दौरान महाकाल मंदिर समिति के सुरक्षाकर्मी और महाकाल थाने का पुलिस यहां नजर नहीं आया।
आये दिन करते हैं फूल प्रसादी वाले विवाद
महाकाल मंदिर के आसपास काफी संख्या में अवैध रूप फूल प्रसाद बेच रहे लोगों में अधिकतर गुण्डा तत्व भी शामिल हैं। जो खुद भी फूल-प्रसादी व धार्मिक सामग्री बेच रहे हैं और अन्य लोगों को भी जगह किराये पर देकर सामान बिकवा रहे है। दादागिरी का आलम यह है कि इनके सांमजस्य के बिना कोई अन्य व्यक्ति कुछ बेचना चाहे तो मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। पहले ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है, जिसमें से कुछ तो जानलेवा भी हैं।
50 का प्रसाद 200 रुपए तक बिकता है
फूल प्रसाद विक्रेता थोड़े से फूल के साथ चिरोंजी दाने का प्रसाद दर्शनार्थियों को देते है। अगर बाजार मूल्य से आंकलन किया जाये तो इसका अधिकतम मूल्य 50 रुपए होगा, लेकिन यह प्रसाद वे 200 रुपए में बेचते हैं। जमकर कमाई के बाद शाम होते ही इन लोगों में नशाखोरी और उसके बाद मारपीट की घटनाएं शुरू हो जाती हैं।
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जब प्रसाद का भोग नहीं लगता तो बिकता क्यों है
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को बाहर बिकने वाले चिरोंजी दाने का भाेग ही नहीं लगता है। फिर यहां पर प्रसाद बेचने की अनुमति प्रशासन क्यों दे रहा है। बाहर से लाये गये फूल और प्रसाद मंदिर में प्रतिबंधित है, इसके बाद भी यहां रोज फूल-प्रसादी का लाखों रुपए का कारोबार हो रहा है। मंदिर प्रशासन को फूल प्रसाद की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।