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महाकाल महालोक में सावन में रोज होगी श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या

महाकाल मंदिर में शास्त्रीय गायन से जुड़े आयोजन में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय कलाकार देंगे प्रस्तुति

उज्जैन के महाकाल महालोक में सावन-भादौ के 40 दिन रोज सांस्कृतिक आयोजन होंगे। श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के नाम से यह आयोजन श्री महाकाल महालोक में रोज शाम को होंगे। यह आयोजन सावन के पहले दिन 11 सितंबर से 16 अगस्त तक चलेंगे।

श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या का स्थान चयन गुरुवार को किया गया। मंदिर समिति प्रशासक प्रथम कौशिक ने अन्य अधिकारियों के साथ श्री महाकाल महालोक में सप्तऋषि प्रतिमाओं के पास का स्थान कार्यक्रम के लिये फाइनल किया है। यहां पर वाटरप्रूफ स्टेज बनाकर कार्यक्रम की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये गये हैं।

शास्त्रीय/उपशास्त्रीय संगीत कार्यक्रम होंगे संध्या में

श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या में शास्त्रीय/उपशास्त्रीय संगीत कार्यक्रम होंगे। जो कि नृत्य, गायन और वादन से जुड़े होंगे। इस कार्यक्रम में उन लोगों को भी मौका मिलेगा, जिन्होंने श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति के लिये मंदिर समिति को आवेदन दिये थे। इनके अलावा स्थानीय व अन्य कलाकारों को प्रस्तुति के लिये आमंत्रित किया जा रहा है। हालांकि अभी सभी कलाकारों का प्रस्तुति दिन के मुताबिक कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।

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शनिवार-सोमवार और नागपंचमी पर नहीं होंगी सांस्कृतिक संध्या

श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम शनिवार और सोमवार को नहीं होंगे। मंदिर समिति के मुताबिक प्रत्येक शनिवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से श्रावण महोत्सव के आयोजन श्री त्रिवेणी कला संग्रहालय में होंगे। वहीं सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी और नागपंचमी पर दर्शनार्थियों की अधिक संख्या होने के कारण श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के आयोजन नहीं होंगे।

-हरिओम राय

 

महाकाल मंदिर में 20वां अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 12 जुलाई 2025 से

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