अध्यात्म

श्रावण में महाकाल लोक में गूंजेगी शिव स्तुति, हर शाम कलाकारों की प्रस्तुति

श्रावण में महाकाल की सवारी हर सोमवार निकलेगी नई थीम पर

उज्जैन, मध्य प्रदेश: इस वर्ष श्रावण में महाकाल लोक में गूंजेगी शिव स्तुति। श्रावण माह में उज्जैन का श्री महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक श्रद्धा और संस्कृति के अनूठे संगम का साक्षी बनेगा। 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण में पहली बार महाकाल लोक में हर शाम शिव स्तुति की गूंज सुनाई देगी। श्रावण माह के दौरान भगवान महाकाल की पारंपरिक सवारी का भी भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें हर सोमवार को एक नई और विशिष्ट थीम देखने को मिलेगी।

 श्रावण माह में रोज शाम 6 से रात 8 बजे तक विभिन्न कलाकार भगवान शिव की आराधना में अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। यह उन कलाकारों के लिए भी एक विशेष अवसर होगा जो श्रावण महोत्सव की मुख्य सूची में चयनित नहीं हो सके थे, उन्हें भी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मंच मिलेगा। यह पहल श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगी।

कलेक्टर-एसपी ने किया महाकाल सवारी मार्ग का निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

श्रावण माह (सावन) से पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार शाम कलेक्टर रोशन कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने भगवान श्री महाकाल की सवारी मार्ग का सघन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

कलेक्टर और एसपी ने सवारी मार्ग पर आवश्यक संकेतक लगाने, विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा सुविधा, पेयजल और प्रकाश की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर सिंह ने सवारी मार्ग पर जर्जर भवनों को तोड़ने की कार्रवाई, आवश्यक बेरिकेडिंग लगाने और रामघाट से दत्त अखाड़ा घाट को जोड़ने वाली रपट पर आवागमन बारिश में बंद करने का कार्य सावन माह की शुरुआत से पहले पूरा करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सिंह ने मार्ग पर लगे अनावश्यक होर्डिंग और बैनर हटाने के निर्देश दिए, साथ ही विद्युत विभाग को खंभों पर प्लास्टिक सीट लगाकर कवर करने और विद्युत तारों को व्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए।

महाकाल की सवारी हर सोमवार निकलेगी नई थीम पर

  • पहली सवारी (14 जुलाई): यह सवारी “वैदिक उद्घोष” थीम पर आधारित होगी, जिसमें बटुक के दो दल मंत्रोच्चार करते हुए चलेंगे, जिससे एक पवित्र और आध्यात्मिक वातावरण निर्मित होगा।
  • दूसरी सवारी (21 जुलाई): इस दिन आदिवासी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी, जो भारतीय संस्कृति की विविधता को दर्शाएगी।
  • तीसरी सवारी (28 जुलाई): यह सवारी पुलिस, सेना के साथ निजी बैंड के साथ निकलेगी, जो एक अनूठा और प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुत करेगी।
  • चौथी सवारी (4 अगस्त): चौथी सवारी “पर्यटन” की थीम पर निकाली जाएगी, जो उज्जैन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करेगी।
  • पांचवी सवारी (11 अगस्त): इस सवारी की “धार्मिक थीम” होगी, जिसमें विभिन्न धार्मिक झांकियां और प्रदर्शन शामिल होंगे।

श्रावण माह की यह श्रृंखला 18 अगस्त को निकलने वाली राजसी सवारी के साथ समाप्त होगी, जो अपनी भव्यता और पारंपरिक महत्व के लिए जानी जाती है। इस बार का श्रावण माह उज्जैन में भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनने वाला है।

महाकाल मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों का भी किया निरीक्षण

सवारी मार्ग के निरीक्षण के बाद कलेक्टर सिंह ने श्री महाकाल मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया। उन्होंने फर्श बिछाने के कार्य और अन्य निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। कलेक्टर ने सभी कार्यों को तेजी से और गुणवत्तापूर्वक मापदंडों के अनुसार करने के निर्देश दिए। विशेष रूप से, उन्होंने मंदिर परिसर स्थित भगवान श्री ओंकारेश्वर मंदिर क्षेत्र में फर्श बिछाने के कार्य को 10 जुलाई से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एडीएम प्रथम कौशिक, नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग गौतम अहिरवार, उज्जैन शहर एसडीएम एलएन गर्ग सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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