महाकाल के पास करोड़ों का हेरिटेज होटल, पर पर्यटक पहुंचें कैसे?
महाकाल मंदिर के आसपास के रास्ते सावन में बंद होने से बढ़ी परेशानी

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा उज्जैन में श्री महाकाल मंदिर के पास 17.90 करोड़ की लागत से निर्मित महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। प्रदेश की सबसे महंगी हेरिटेज होटल होने के बावजूद दर्शनार्थी समस्या से जूझ रहे हैं। यहां कमरों का किराया 10,000 से शुरू होकर 29,500 रुपए तक है, लेकिन पर्यटक आसानी से यहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं क्योंकि होटल तक आने वाले सभी रास्ते महाकाल मंदिर में सावन की व्यवस्था के कारण बेरिकेड्स लगाकर बंद कर दिए गए हैं। श्रावण माह में बढ़ती भीड़ ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। पहले हरसिद्धि मंदिर की ओर से वाहन लाने की सुविधा थी, लेकिन अब पुलिस और सुरक्षा गार्ड इसकी अनुमति नहीं दे रहे। होटल तक आने वाले सभी रास्ते बेरिकेड्स लगाकर बंद कर दिए के कारण पर्यटकों को अपने वाहन पार्किंग में छोडक़र पैदल ही होटल तक पहुंचना पड़ रहा है।
रूफटॉप रेस्टोरेंट भी खाली, श्रद्धालु नहीं पहुंच पा रहे
होटल के साथ-साथ यहां के रूफटॉप रेस्टोरेंट की भी यही स्थिति है। महाकाल आने वाले श्रद्धालु शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिसके कारण कमरों की बुकिंग होने के बावजूद रेस्टोरेंट खाली रह रहे हैं।
प्रशासन का आश्वासन-जल्द होगी ई-कार्ट की व्यवस्था
यह समस्या सामने आने पर एडीएम और महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने मीडिया को बताया कि सावन माह में भीड़ को देखते हुए, खासकर सोमवार को सावन की सवारी और मंगलवार को नाग पंचमी के पर्व के कारण, पार्किंग स्थल पर ई-कार्ट की व्यवस्था की जाएगी। इससे हेरिटेज होटल में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सकेगी।
ऐतिहासिक इमारत को मिला हेरिटेज होटल का रूप
गौरतलब है कि महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल का शुभारंभ 30 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्यपाल मंगुभाई पटेल द्वारा किया गया था। टूरिज्म और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सहयोग से 5000 वर्गफीट परिसर में स्थित 2500 वर्गफीट की इस ऐतिहासिक इमारत का पुनर्निर्माण मराठा स्थापत्य कला को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह होटल पूरी तरह से हाईटेक ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसका इंटीरियर हैंड वर्क नक्काशी, राजस्थानी महंगे पत्थर, उच्च गुणवत्ता वाले मार्बल, झूमर, भव्य दरवाजे और सोफे के साथ पारंपरिक स्वरूप में तैयार किया गया है।