उज्जैन पुलिस ने नाबालिग लड़कियाें को फंसाने वाले रैकेट के खिलाफ चार्ज शीट पेश की
उज्जैन पुलिस ने बनाया मजबूत केस: नाबालिगों के शोषण और धर्मांतरण रैकेट में 9 गिरफ्तार

उज्जैन पुलिस ने एक बड़े और संगठित अपराध मामले में चार्ज शीट पेश की है। थाना घट्टिया क्षेत्र में मिली शिकायतों के आधार पर पुलिस ने कड़े कानून में चार्ज शीट तैयार करने का दावा किया है। मामले में आरोप है कि नाबालिग लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका यौन शोषण किया जाता था, आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाते थे और फिर उन्हें ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता था।
इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुल 9 आरोपियों और 2 बाल अपचारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक उज्जैन के निर्देश पर गठित विशेष अनुसंधान टीम (SIT) ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
प्रमुख आरोपी और उनकी भूमिका
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें छह मुख्य आरोपी शामिल हैं, जिनके नाम हैं:
- फरमान मंसूरी
- इकरार
- जुबैर
- जुनेद
- राजा उर्फ अख्तर
- मुश्ताक
तीन सहयोगी भी पकड़े गए
इसके अलावा, तीन अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया है जिन्होंने इस अपराध में मदद की। इनमें अल्ताफ, जो आर्थिक सहायता देता था, होटल मैनेजर विजय प्रजापत, जो लड़कियों को कमरे उपलब्ध कराता था, और सहयोगी अरबाज उर्फ मुजफ्फर शामिल हैं। दो बाल अपचारियों को भी पकड़ा गया है, जिन्हें बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है।
पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी जानबूझकर नाबालिग लड़कियों से भावनात्मक संबंध बनाते थे। इसके बाद उन्हें होटलों में बुलाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बना लेते थे। इन वीडियो का इस्तेमाल लड़कियों को ब्लैकमेल करने और उनका शोषण करने के लिए किया जाता था। आरोपियों ने मानसिक दबाव डालकर लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की कोशिश भी की।
चार पीड़िताएं आई सामने
इस मामले में कुल 4 पीड़िताएँ हैं। उनके बयानों और तकनीकी सबूतों के आधार पर पुलिस ने यह अपराध प्रमाणित किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021, पॉक्सो एक्ट 2012, आईटी एक्ट और बीएनएस की धारा 111 के तहत आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया है। इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक लीला सोलंकी, निरीक्षक डी.एल. दसोरिया, उप निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह अलावे, उप निरीक्षक प्रतीक यादव और आरक्षक दीपक यादव की भूमिका सराहनीय रही है।
पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष अनुसंधान टीम (SIT) का गठन किया गया था। इस टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए फरमान मंसूरी, इकरार, जुबैर, जुनेद, राजा उर्फ अख्तर, मुश्ताक जैसे मुख्य आरोपियों सहित कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके अलावा, इस अपराध में आर्थिक सहायता देने वाले अल्ताफ, होटल मैनेजर विजय प्रजापत (जो कमरा उपलब्ध कराता था), और सहयोगी अरबाज उर्फ मुजफ्फर को भी पकड़ा गया है। दो बाल अपचारियों को भी पकड़ा गया है और उन्हें बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है।
मामले की मुख्य बातें:
- आरोपियों ने जानबूझकर लड़कियों को भावनात्मक रूप से अपने जाल में फंसाया और उन्हें होटलों में बुलाया।
- वहां उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए गए और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनका शोषण किया गया।
- आरोपियों ने मानसिक दबाव डालकर लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की कोशिश की।
- इस मामले में कुल 4 पीड़ित लड़कियां हैं, जिनके बयानों और तकनीकी सबूतों के आधार पर अपराध साबित हुआ है।
कड़ी कानूनी कार्रवाई
आरोपियों के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021, पॉक्सो एक्ट 2012, आईटी एक्ट, संगठित अपराध और बीएनएस की धारा 111 के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
पुलिस की आम जनता से अपील
उज्जैन पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह की किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत नजदीकी थाने या साइबर हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दें। उज्जैन पुलिस नागरिकों की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।