अध्यात्ममध्यप्रदेश

जन्माष्टमी पर उज्जैन सहित पूरा मध्यप्रदेश मनाएंगा श्रीकृष्ण पर्व, जानिए कहां क्या आयोजन होंगे

जन्माष्टमी पर 500 से ज्यादा कलाकार देंगे प्रस्तुतियां

मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा बलराम जयंती (14 अगस्त) और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (16 अगस्त 2025) के अवसर पर श्रीकृष्ण पर्व’ का आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, भारत का हृदय ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र भी है। यह वह भूमि है जहाँ भगवान श्रीराम ने वनवास का एक लंबा समय बिताया था और जहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने गुरु सांदीपनि से 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखी थीं। इसी पावन भूमि पर अब ‘श्रीकृष्ण पर्व’ के भव्य आयोजन की तैयारी हो रही है। इसका उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित प्रदेश के प्रमुख स्थलों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करना है। इस कार्यक्रम में 500 से अधिक कलाकार श्रीकृष्ण के जन्म, जीवन लीलाओं और भक्ति-भजन से जुड़ी प्रस्तुतियां देंगे, जिससे पूरा प्रदेश कृष्णमय हो जाएगा।

बलराम से श्रीकृष्ण तक: कृषि और पशुपालन का संदेश

संस्कृति विभाग के संचालक श्री एन.पी. नामदेव ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण से पहले उनके बड़े भाई बलराम जी का प्राकट्य हुआ। बलराम जी को हलधर के रूप में पूजा जाता है, जो व्यवस्थित कृषि संस्कृति के जनक माने जाते हैं। इसी तरह, भगवान श्रीकृष्ण की गौ-पालक की भूमिका ने पशु संरक्षण और कृषि के विकास को सुनिश्चित किया। उनकी लीलाओं का मूल उद्देश्य पशुओं में होने वाली बीमारियों को दूर करना था, जिससे अकाल मृत्यु रुक सके। इसी विचार पर आधारित यह पर्व साहित्यिक परिचर्चा, संवाद और भक्तिमय कार्यक्रमों के माध्यम से बलराम और श्रीकृष्ण के कल्याणकारी जीवन गाथाओं को प्रस्तुत करेगा। इसके साथ ही, जिला स्तर पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।


उज्जैन: कृष्ण की शिक्षा भूमि पर भक्ति का सैलाब

भगवान श्रीकृष्ण ने जहाँ ज्ञान प्राप्त किया, उस उज्जैन में पर्व की खास धूम रहेगी:

  • सांदीपनी आश्रम (16 से 18 अगस्त): भगवान श्रीकृष्ण को उज्जैन में ज्ञान की प्राप्ति हुई,  स्थित सांदीपनी आश्रम में 16 से 18 अगस्तभ, 2025 तक ‘’श्रीकृष्णं पर्व’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पहले दिन विशाला सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण लीला, श्री अनुपम वानखेड़े, इंदौर द्वारा बांसुरी वादन एवं सुश्री स्वाति उखले, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। कार्यक्रम के दूसरे दिन 17 अगस्त को श्री अक्षय खरे, पन्ना द्वारा बरेदी लोकनृत्य, सुश्री कृष्णा वर्मा, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन एवं विशाला सांस्कृतिक संस्थान उज्जैन द्वारा श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति दी जायेगी। अंतिम दिन 18 अगस्त को श्री अविनाश धुर्वे, बैतूल द्वारा ठाठ्या लोकनृत्य, श्री रामचन्द्र गांगोलिया, उज्जैन द्वारा भक्ति गायन एवं विशाला सांस्कृतिक संस्थान, उज्जैन द्वारा श्रीकृष्ण लीला की प्रस्तुति दी जायेगी।
  • नारायण धाम मंदिर (14 से 18 अगस्त): उज्जैन स्थित नारायण धाम मंदिर प्रांगण में 14 से 18 अगस्त तक श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका – सुश्री संघरत्ना बनकर एवं साथी, भोपाल, भक्ति गायन – श्री अनमोल जैन एवं साथी, श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका – संगीता शर्मा, दिल्ली, भक्ति गायन – श्री चरणजीत सिंह सौंधी, गणगौर लोकनृत्य – सुश्री अनुजा जोशी, खण्डवा, भक्ति गायन – श्री बाबूलाल सोलंकी, आगर-मालवा, भक्ति गायन – सुश्री श्रृद्धा जैन, दिल्ली, भक्ति गायन – श्री रवि त्रिपाठी एवं साथी, मुम्बई, श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका – अर्घ्य कला समिति, भोपाल, श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका – सुश्री सुकन्या नागदा एवं साथी, मुम्बई, भक्ति गायन – सुश्री कल्याणी सुगंधी एवं वाणी साठे, उज्जैन और रासलीला – श्री बलराम शर्मा, मथुरा द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
  • श्री राधा कृष्ण मंदिर, महिदपुर (14 से 16 अगस्त): श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर, महिदपुर (उज्जैन) में 14 से 16 अगस्त, 2025 तक भक्ति गायन – सुश्री अनामिका त्रिपाठी, मुम्बई, श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका – सुश्री प्रशस्ति मानेश्वर, मुम्बई, भक्ति गायन – सुश्री आकृति मेहरा एवं साथी, भोपाल, मयूर नृत्य, चरखुला, फूलों की होली – श्री गोविंद तिवारी, वृन्दावन, भक्ति गायन – सुश्री उर्मिला मेवाड़ा, शाजापुर, रासलीला – श्री गोविंद तिवारी, वृन्दावन एवं भक्ति गायन – सुश्री रक्षा श्रीवास्तव, मुम्बई द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
  • गोपाल मंदिर (16 अगस्त):  गोपाल मंदिर, उज्जैन में 16 अगस्त, 2025 को सुश्री श्वे्ता गुंजन जोशी, धार द्वारा भक्ति गायन और सुश्री विनती जैन, उज्जैन द्वारा मटकी लोकनृत्य‍ की प्रस्तुति होगी।

प्रदेश के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी आयोजन

यह पर्व केवल उज्जैन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के कई ऐतिहासिक स्थलों पर भी इसकी छटा बिखरेगी:

  • जानापाव (16 अगस्त): भगवान परशुराम द्वारा श्रीकृष्ण को जानापाव में सुदर्शन चक्र प्रदान किया गया था। इस स्थान पर 16 अगस्त , 2025 को सुश्री शीला त्रिपाठी, भोपाल द्वारा भक्ति गायन एवं सुश्री अंकिता कैलासिया, ग्वालियर द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुतियां दी जावेंगी।
  • अमझेरा, धार (16-17 अगस्त): जहां भगवान श्रीकृष्ण ने माता रुक्मिणी का हरण किया वह स्थान धार जिले का अमझेरा है। अमझेरा के थाना परिसर के पीछे में 16 एवं 17 अगस्त, 2025 को दो दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसमें पहले दिन श्री दिलीप संदेला, सागर द्वारा बधाई नृत्यक एवं श्री चरणजीत सिंह, मुम्बई द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। दूसरे दिन श्री आनंदीलाल भावेल, धार द्वारा भक्ति गायन और रंग त्रिवेणी, भोपाल द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जावेगी।
  • पन्ना (14 और 16 अगस्त): श्री बलदेवजी मंदिर परिसर, पन्ना में 14 अगस्त, 2025 को सुश्री कमला लोधी, छतरपुर द्वारा भक्ति गायन, श्री लाल बहादुर घासी, सीधी द्वारा घसिया बाजा और स्वप्निल मैलोडी ग्रुप, जबलपुर द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। साथ ही जुगल किशोर मंदिर प्रांगण, पन्ना में 16 अगस्त, 2025 को श्री अमित घारू, सागर द्वारा बधाई एवं बरेदी लोकनृत्यम और श्री पवन तिवारी, टीकमगढ़ द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तु्ति दी जाएगी।
  • दमोह, (16 अगस्त): एक दिवसीय श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, दमोह में 16 अगस्त, 2025 को सायं 7 बजे से विविधा कला एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका, सुश्री माधवी मधुकर झा, मुम्बई द्वारा भक्ति गायन और श्री अभिलाष चौबे, सागर द्वारा बधाई, जवारा नृत्यम की प्रस्तुतियां होंगी।
  • देवास (16 अगस्त): श्रीराधा-कृष्ण मंदिर, खातेगांव (देवास) में सुश्री संजो बघेल, जबलपुर द्वारा भक्ति गायन और श्री मांगीलाल कुलश्रेष्ठी, आगर-मालवा द्वारा मालवी भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी। कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम, रीवा में सुश्री मणिमाला सिंह, रीवा द्वारा भक्ति गायन, दूर्वा नामदेव, सागर द्वारा बधाई लोकनृत्य और श्री रवि त्रिपाठी एवं ग्रुप, मुम्बरई द्वारा भक्ति गायन गायन की प्रस्तुति होगी।
  • मण्डला (14 और 16 अगस्त): श्रीकृष्ण पर्व के अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, मण्डला में 14 अगस्त, 2025 को दोपहर 1 बजे श्री मनीष यादव, सागर का बरेदी लोकनृत्य, मथुरा के श्री गिरधर गोपाल शर्मा समारोह में हलधर लीला प्रस्तुति, सुश्री राखी बांके, भोपाल और लक्ष्मी दुबे, जबलपुर भक्ति गायन की सुमधुर प्रस्तुति देंगी।
  • महिष्मति घाट (16 अगस्त): 16 अगस्त, 2025 को महिष्मति घाट पर छतरपुर के रवि अहिरवार बधाई और बरेदी लोकनृत्य, भोपाल की डॉ. श्यामा पंडित “श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका”, सिवनी के श्री रूद्रकांत ठाकुर एवं दल तथा जबलपुर के मनीष अग्रवाल एवं दल का भक्ति गायन की प्रस्तु्ति होगी।
  • उमरिया (14 से 16 अगस्त):  संस्कृति विभाग द्वारा देवी बिरासनी मंदिर प्रांगण, पाली (उमरिया) में 14 से 16 अगस्त, 2025 तक ‘’श्रीकृष्ण पर्व’’ का आयोजन किया जायेगा। तीन दिवसीय समारोह में पहली सभा भक्ति गायन से सजेगी। श्री दुखीलाल दाहिया, उमरिया श्रीकृष्ण केंद्रित भक्ति गीतों की प्रस्तुति देंगे। अगली कड़ी में सुश्री संघमित्रा तायवाड़े, भोपाल द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका, कबीरा बैण्ड, उमरिया के कलाकार अपने भक्ति गीतों के माध्यम से भक्ति रस की धारा में भिगो देंगे। 15 अगस्त को नर्मदापुरम की सुश्री ममता मिश्रा भक्ति गायन, अभिनयना डांस अकादमी, उड़ीसा द्वारा श्रीकृष्ण केन्द्रित नृत्य की प्रस्तुति दी जावेगी। अंतिम दिन सुश्री शालिनी खरे एवं ग्रुप, जबलपुर द्वारा श्रीकृष्णण नृत्य नाटिका और श्री विवेक मेहता एवं साथी, इंदौर द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति दी जावेगी।
  • शहडोल (14 से 16 अगस्त): मानस भवन सभागार, शहडोल में 14 अगस्त , 2025 को सायं 7 बजे श्री अरविंद कुमार पटेल, सीधी द्वारा नृत्यह नाटिका और साया बैण्ड, भोपाल द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी। 15 अगस्त, 2025 को शासकीय सांदीपनि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ग्राम — छतवई, शहडोल में सुश्री जया सक्सेना, मथुरा द्वारा रासलीला, श्री ईशान मिनोचा, जबलपुर द्वारा भक्ति गायन एवं श्री मुनीन्द्र मिश्रा, शहडोल द्वारा गायन की प्रस्तुति दी जायेगी। 16 अगस्त, 2025 को राधास्वामी मंदिर, धनपुरी (शहडोल) में सुश्री इशिता विश्वकर्मा एवं साथी, मुम्बई द्वारा भक्ति गायन एवं सुश्री मनोभावना सिंह, रीवा द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुत दी जायेगी। सभी कार्यक्रमों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

यह विशाल आयोजन मध्यप्रदेश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने और जन-जन में भक्ति का संचार करने का एक अनूठा प्रयास है। इन सभी कार्यक्रमों में प्रवेश निःशुल्क रहेगा।

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