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उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम, CM बोले- सांदीपनि आश्रम से ही योगेश्वर बने श्रीकृष्ण

उज्जैन: मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का उल्लास शनिवार आधी रात‌ को चरम पर रहा।  भगवान कृष्ण के जन्म के साथ रात 12 बजे मंदिर और घरों में शंख, घंटे और नगरों की ध्वनि के साथ के मंगल आरती की गई।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में शहर के प्रमुख मंदिरों में भक्ति का सैलाब उमड़ा। गोपाल मंदिर, इस्कॉन मंदिर, श्रीकृष्ण मित्रविंदा धाम, सांदीपनि आश्रम और बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

शहीद पार्क पर मुंबई की युवतियों ने 35 फीट ऊंचाई पर बंधी मटकी फोड़कर उत्साह को चरम पर पहुंचाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपनी पत्नी श्रीमती सीमा यादव के साथ हर आयोजन में शामिल हुए और भक्ति में डूबे नजर आए।

सांदीपनि आश्रम में CM ने गाया भजन, दी ये खास सीख

शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के  गुरुकुल सांदीपनि आश्रम में भव्य आयोजन हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पत्नी के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना और अभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने भजन “श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी” गाकर भक्तों का मन मोह लिया।

आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “सांदीपनि आश्रम वह पवित्र स्थल है, जहां श्रीकृष्ण ने विद्या अर्जन कर योगेश्वर बनने की यात्रा शुरू की। द्वारका, वृंदावन और गोकुल की तरह उज्जैन का भी श्री कृष्ण के संदर्भ में विशेष महत्व है।”

उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के गौमाता पूजन और प्रकृति संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की बात भी कही।

मटकी फोड़ी, महाआरती हुई, सांस्कृतिक रंग में रंगा उज्जैन

शहीद पार्क पर रात 10:45 बजे हुए मटकी फोड़ के आयोजन में मुंबई की 51 युवतियों ने 5 मंजिला पिरामिड बनाया और 35 फीट ऊंची दही हांडी तक पहुंच कर उसको एक ही बार में फोड़ दिया।

हजारों दर्शकों ने तालियों से इस जोश का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “मटकी फोड़ प्रतियोगिता श्रीकृष्ण के बचपन की याद दिलाती है और हमें टीमवर्क की सीख देती है।”

मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के तहत मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। गोपाल मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और श्रीकृष्ण मित्रविंदा धाम में भजन-कीर्तन और शहनाई वादन ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

श्रीकृष्ण मित्रविंदा धाम में सत्संग, बांके बिहारी में रातभर उत्सव

उज्जैन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में शामिल हुए cm
जन्माष्टमी पर उज्जैन के एक कार्यक्रम में भजन गाते मुख्यमंत्री डॉ यादव।

शहर में ही श्री कृष्ण मित्रविंदा धाम में मुख्यमंत्री ने बालक गिरीश गुरुजी से सत्संग किया और भजन गाए।

यहां मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “श्रीकृष्ण का मटकी फोड़ना कंस के अत्याचार के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक था।”

इधर अंकपात क्षेत्र स्थित बांके बिहारी मंदिर में रात 12 बजे जन्म आरती हुई। पं. हरिनारायण शास्त्री ने बताया कि भगवान को मोर पंखों से सजाया गया और शहनाई वादन ने माहौल को और भक्तिमय बनाया।

गोपाल मंदिर में द्वारकाधीश के दर्शन, CM ने दी शुभकामनाएं

रात में बड़े गोपाल मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री ने द्वारकाधीश के दर्शन किए और भजन गाए।

मंदिर के बाहर हजारों भक्तों का हुजूम उमड़ा। पंडित गिरी शर्मा ने CM को माला भेंट की। डॉ. यादव ने शहरवासियों को जन्माष्टमी और गोगा नवमी की शुभकामनाएं दीं।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने  बताया कि मध्यप्रदेश में 3000 मंदिरों में सजावट प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रथम पुरस्कार 1.5 लाख और द्वितीय पुरस्कार 1 लाख रुपये का है।

मीरा माधव मंदिर में पूजन, विकास का लिया संकल्प

मक्सी रोड पर पंवासा स्थित मीरा-माधव मंदिर में भी मुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में सपत्नीक पूजन कर देश-प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना की।

यहां उन्होंने कहा कि मक्सी रोड और आसपास के क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए सरकार कटिबद्ध है।

उज्जैन का श्रीकृष्ण से अनूठा नाता

मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन का श्रीकृष्ण से गहरा संबंध है। यह उनकी शिक्षास्थली होने के साथ-साथ ससुराल भी है।

धार जिले के अमझेरा में रुक्मिणी विवाह प्रसंग और इंदौर के जानापाव में सुदर्शन चक्र प्राप्ति का इतिहास मध्यप्रदेश को और भी खास बनाता है।

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