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विक्रम उद्योगपुरी फेज-2 के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा

उज्जैन का कायाकल्प: विक्रम उद्योगपुरी का दूसरा चरण, विकास की नई गाथा।

उज्जैन: उज्जैन में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। अब यह शहर सिर्फ धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि विकसित औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। हाल ही में, विक्रम उद्योगपुरी के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। यह न केवल एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भी दिखाता है कि उज्जैन आर्थिक प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन में, विक्रम उद्योगपुरी-2 इस परियोजना के लिए 568 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। यह राशि 593 भूमि स्वामियों को वितरित की जाएगी। इस कदम से उज्जैन का भविष्य और भी उज्जवल होगा, जिससे यहाँ रोजगार और निवेश के नए द्वार खुलेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच का परिणाम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की नीतियों ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को गति दी है। उन्होंने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था कि विकास की राह में भूमि मालिकों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। उनकी इसी सोच का परिणाम है कि विक्रम उद्योगपुरी का दूसरा चरण बिना किसी विरोध के पूरा हुआ है। यह परियोजना दिखाती है कि सरकार विकास और जनहित के बीच संतुलन साधने में पूरी तरह सफल रही है।

क्या है विक्रम उद्योगपुरी का दूसरा चरण

यह चरण उज्जैन के औद्योगिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव लाएगा। यहाँ 346.178 हेक्टेयर भूमि पर एक नई और आधुनिक औद्योगिक नगरी बसाई जाएगी। इसमें सात गाँव- नरवर, मुंजखेड़ी, माधोपुर, कड़छा, गवाड़ी, चेनपुर हंसखेड़ी और पिपलोदा द्वारकाधीश की जमीन शामिल है।

परियोजना की मुख्य बातें

  • आधुनिक टाउनशिप का निर्माण: यह केवल एक औद्योगिक क्षेत्र नहीं होगा, बल्कि एक आधुनिक टाउनशिप के रूप में विकसित होगा, जिसमें आवासीय कॉलोनियाँ, स्कूल, अस्पताल और व्यावसायिक केंद्र भी होंगे। यह उज्जैन को एक स्मार्ट सिटी का रूप देगा।
  • दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा: यह परियोजना दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी, जिससे उज्जैन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
  • कुल लक्ष्य और दायरा: दूसरे चरण के साथ, विक्रम उद्योगपुरी का कुल दायरा 2300 एकड़ से अधिक हो जाएगा।

निवेश के प्रस्तावों की बाढ़: हजारों रोजगार के अवसर

इस परियोजना की घोषणा के बाद से ही, निवेशकों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। अब तक 35 कंपनियों ने यहाँ 6857 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इससे 10,220 युवाओं के लिए सीधे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

प्रमुख निवेशकों में शामिल हैं

  • अडाणी सीमेंट्स: 3500 करोड़ रुपये का निवेश।
  • वीई कमर्शियल व्हीकल्स: 1500 करोड़ रुपये का निवेश।
  • अलकेम इंडिया: 600 करोड़ रुपये का निवेश।
  • इको रीसाइक्लिंग लिमिटेड: 200 करोड़ रुपये का निवेश।
  • एक्वारेल इंडिया: 250 करोड़ रुपये का निवेश।
  • बेरीकेप: 100 करोड़ रुपये का निवेश।
  • केबकॉन इंडिया: 100 करोड़ रुपये का निवेश।
  • 9एम इंडिया लिमिटेड: 100 करोड़ रुपये का निवेश।

इन बड़े निवेशों से न केवल उज्जैन, बल्कि आसपास के जिलों की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।

रोजगार की बंपर संभावनाएं: युवाओं को नहीं करना पड़ेगा पलायन

विक्रम उद्योगपुरी परियोजना उज्जैन के युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। एक अनुमान के मुताबिक, केवल उद्योग स्थापित होने से ही करीब 78 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे युवाओं को नौकरी के लिए बड़े शहरों में पलायन नहीं करना पड़ेगा। वे अपने ही शहर में बेहतर अवसरों का लाभ उठा सकेंगे, जिससे उनके और उनके परिवारों के जीवन में समृद्धि आएगी।

वर्तमान में, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा और प्लास्टिक जैसे सेक्टर में अमूल जैसी कई नामी कंपनियां यहाँ पहले से ही मौजूद हैं, जिनके अनुभव से नए निवेशकों का भरोसा और भी मजबूत होगा।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी स्मार्ट उज्जैन

विक्रम उद्योगपुरी को एक स्मार्ट टाउनशिप के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहाँ उद्योगों के साथ-साथ आवासीय कॉलोनियाँ, स्वास्थ्य केंद्र, शैक्षणिक संस्थान, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और मनोरंजन की सुविधाएं भी होंगी।

  • कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया गया है:
  • देवास-उज्जैन बाईपास
  • कड़छा रेलवे स्टेशन
  • एयरस्ट्रिप

ये विश्वस्तरीय सुविधाएं न केवल उद्योगों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देंगी, बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी।

भूमि स्वामियों को मिला बेहतर मुआवजा: सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण

इस परियोजना की सबसे बड़ी सफलता यह है कि भूमि अधिग्रहण शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। सरकार ने भूमि मालिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा। पहले अनुमान था कि उन्हें 2024-25 की गाइडलाइन के अनुसार 521 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक विशेष पैकेज लागू किया गया। इसके तहत, लगभग 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा स्वीकृत हुआ। इस स्पेशल पैकेज ने भूमि स्वामियों का विश्वास जीता और यह अधिग्रहण बिना किसी विरोध के पूरा हुआ।

विक्रम उद्योगपुरी केवल एक औद्योगिक केंद्र नहीं, बल्कि उज्जैन को एक आधुनिक और विकसित शहर के रूप में स्थापित करने का एक बड़ा कदम है। यह परियोजना उज्जैन के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल देगी, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य तैयार होगा।

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