अमोल बालवड़कर के कारण पुणे के कोथरूड निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की राह आसान नहीं है। यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अमोल बालवड़कर को मनाने में भाजपा नाकाम रही है। इस कारण ऐसा माना जा रहा है कि अमोल कदम पीछे नहीं हटाने वाले हैं और वे मैदान में डटे रहने के अपने फैसले पर अडिग हैं।
आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में, हर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या बड़ी होती जा रही है. पुणे शहर के कसबा, पर्वती, खड़कवासला, पुणे कैन्टोंमेंट, शिवाजीनगर, वड़गांव शेरी और कोथरूड निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है. सटीक रूप से उम्मीदवारों की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले दो दिनों के पुणे दौरे पर थे. इस दौरे के दौरान उन्होंने सभी निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों की बातें सुनीं और नाराजगी को दूर करने की कोशिश की, लेकिन सबसे सुरक्षित माने जाने वाले कोथरूड निर्वाचन क्षेत्र के इच्छुक उम्मीदवार अमोल बालवड़कर को मनाने में अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली है।
पांच सितारा होटल में बुलाया, नहीं आये तो घर भी गये
पुणे के एक पांच सितारा होटल में प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने पुणे के 6 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों से मुलाकात की, लेकिन अमोल बालवड़कर उनसे मिलने नहीं पहुंचे. इस कारण से बावनकुले को बालवड़कर के घर जाना पड़ा. दोनों के बीच लगभग दो घंटे तक बातचीत हुई। लेकिन इस बातचीत से ज्यादा कुछ हासिल होता नजर नहीं आया. बावनकुले और बालवड़कर के बीच उम्मीदवारी को लेकर चर्चा हुई.
बावनकुले ने दिया मनपा के लिये ऑफर
बावनकुले ने बालवड़कर से कहा कि वे भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं, जल्द मनपा चुनाव भी आने वाले हैं. उम्मीदवार की घोषणा अभी नहीं हुई है, इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन आप पार्टी का काम जारी रखें, ऐसा अनुरोध बावनकुले ने किया.
मुझे विधानसभा लड़ना है-बालवड़कर
इस मुलाकात के बारे में जब बालवड़कर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, बावनकुले साहब मेरे घर आए थे, यह सच है. उन्होंने मुझे समझाने की कोशिश की, लेकिन मैंने उनसे विधानसभा की उम्मीदवारी मांगी है. उन्होंने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है। मैं अब भी आशावादी हू्ं. मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है, ऐसा बालवड़कर ने बताया.
बालवड़कर की नाराजगी भाजपा को महंगी पड़ सकती है
अगर पुणे शहर में भाजपा का सबसे मजबूत निर्वाचन क्षेत्र कहा जाए, तो कोथरूड का उल्लेख किया जाता है. इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल करते हैं, लेकिन भाजपा के नगरसेवक और उसी इलाके के अमोल बालवड़कर ने ताल ठोक दी है, जिसने चंद्रकांत पाटिल और भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है. शहर के अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों की तरह बालवड़कर प्रदेशाध्यक्ष से मिलने नहीं गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बालवड़कर किस मूड में हैं. यही बात समझते हुए, बालवड़कर की नाराजगी भाजपा को महंगी पड़ सकती है, इसलिए खुद बावनकुले बालवड़कर के घर गए, लेकिन इस चर्चा से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ. उम्मीदवारी की घोषणा के बाद बालवड़कर के हाथ में क्या आता है और अगर चंद्रकांत पाटिल का ही नाम उम्मीदवार के रूप में घोषित होता है, तो बालवड़कर की भूमिका क्या होती है? यह देखना महत्वपूर्ण होगा.