Artificial rain in Delhi : दिल्ली में कृत्रिम से पहले रीयल बारिश, प्रदूषण से राहत की उम्मीद
Artificial rain in Delhi : आबोहवा अभी भी खतरनाक, AQI 450 के पार

Artificial rain in Delhi : जानलेवा प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली में अच्छी खबर यह है कि यहां पर गुरुवार रात से बारिश का दौर शुरू हो गया है। प्रदूषण से राहत के लिए कृत्रिम बारिश की तैयारी के बीच अचानक आई रीयल बारिश ने प्रदूषण से राहत की उम्मीद जताई है।
दिल्ली-NCR में गुरुवार देर रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इससे धुंध में जरूर कमी आई है। हालांकि, बारिश से एयर क्वालिटी में कोई सुधार नहीं है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 7 बजे तक दिल्ली के अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के ऊपर रहा। दिल्ली के अशोका विहार में AQI 462, आर के पुरम में 461, पंजाबी बाग में 460 और ITO बस स्टैंड में 464 रिकॉर्ड किया गया। वहीं, गुरुग्राम में AQI 416, फरीदाबाद में 457 और नोएडा में 375 दर्ज किया गया।
21-22 नवंबर को कृत्रिम बारिश Artificial rain का प्लान
दिल्ली की केजरीवाल सरकार प्रदूषण कम करने के लिए 21-22 नवंबर को दिल्ली में पहली बार कृत्रिम बारिश यानी आर्टिफिशियल बारिश Artificial rain कराने का प्लान कर रही है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 8 नवंबर को IIT कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। इसमें बताया गया कि जब 40% बादल हों या नमी तो तब कृत्रिम बारिश कराई जा सकती हे। मौसम की ऐसी स्थिति 21-22 नवंबर को बन रही है।
दिल्ली सरकार उठाएगी बारिश का खर्च
दिल्ली सरकार के अफसरों ने कहा है कि आर्टिफिशियल बारिश का पूरा खर्च केजरीवाल सरकार वहन करेगी। अगर केंद्र, दिल्ली सरकार के फैसले को सपोर्ट करता है तो पहली कृत्रिम बारिश 20 नवंबर तक कराई जा सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस ने 9 नवंबर को कहा था कि का कहना है कि दिल्ली-NCR में अगले पांच से छह दिनों तक एयर क्वालिटी गंभीर रहेगी। प्रदूषण कम होने की संभावना नहीं है। प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार आर्टिफिशियल बारिश कराने पर विचार कर रही है।
मंत्रियों को सौंपा निगरानी का जिम्मा
केजरीवाल सरकार ने अपने सभी मंत्रियों को प्रदूषण के खिलाफ ग्राउंड लेवल पर काम करने को कहा गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 9 नवंबर को कहा कि अधिकारियों के स्तर पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों को लागू करवाने में लापरवाही हुई है। इसलिए मंत्रियों को निगरानी का काम सौंपा गया है। इसके तहत देर रात कैलाश गहलोत दिल्ली के साउथ, साउथ-वेस्ट जिलों में निगरानी के लिए पहुंचे। आतिशी ने ईस्ट, साउथ-ईस्ट जिलों का निरीक्षण किया। केजरीवाल सरकार ने गोपाल राय को दिल्ली के नॉर्थ और नॉर्थ-ईस्ट जिलों, सौरभ भारद्वाज को साउथ और नई दिल्ली, इमरान हुसैन को सेंट्रल और शाहदरा और राज कुमार आनंद को नॉर्थ-वेस्ट जिलों की निगरानी का काम सौंपा है।
दिल्ली के स्कूलों में एक महीने पहले अवकाश
Delhi Weather : दिल्ली सरकार ने 9 से 18 नवंबर तक स्कूलों में सर्दी की छुट्टियों का ऐलान किया है। हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था, लेकिन इस बार प्रदूषण की वजह से नवंबर में ही छुटि्टयां कर दी गई हैं। दिल्ली के शिक्षा विभाग ने बुधवार (8 नवंबर) को यह आदेश जारी किया। इससे पहले, दिल्ली सरकार ने सिर्फ प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया था।
ऑड-ईवन के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार
दिल्ली सरकार 13 नवंबर से ऑड-ईवन लागू करने के फैसले से भी पीछे हट गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 8 नवंबर को कहा कि ऑड-ईवन सिस्टम कितना कारगर है, सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा करेगा। सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा। दरअसल, दिल्ली सरकार ने दीपावली के अगले दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू करने का ऐलान किया था। इस बीच 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन से प्रदूषण कम नहीं होता। यह सिर्फ एक दिखावा है। दिल्ली सरकार को प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस उपाय सोचना चाहिए।
दिल्ली में GRAP-चौथा स्टेप लागू, कॉमर्शियल गाड़ियों की एंट्री पर रोक
बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में 5 नवंबर से GRAP का चौथा स्टेज लागू है। इसके तहत कॉमर्शियल गाड़ियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। सब्जी, फल, दवा जैसे जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाले, CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों की आवाजाही प्रतिबंधित है। किसी जगह पर GRAP-IV तब लगाया जाता है, जब वहां का AQI लास्ट स्टेज यानी 450-500 के बीच पहुंच जाता है। दिल्ली में GRAP-IV लागू होने के साथ ही GRAP-I, II और III के नियम भी लागू हैं। इनके तहत गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन वर्क, BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल, चार पहिया वाहनों पर बैन है।
हर तीन में एक बच्चा अस्थमा का शिकार
प्रदूषण का सबसे बुरा असर दिल्ली में छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। सांस लेने में दिक्कत होने पर कई बच्चों को अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। लंग इंडिया जर्नल में साल 2021 में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया कि दिल्ली में स्कूल जाने वाले हर तीन में से एक बच्चा अस्थमा का शिकार है। वहीं, लैंसेट मेडिकल जर्नल के एक अध्ययन में दावा किया गया कि भारत में वायु प्रदूषण के कारण 2019 में 16 लाख 70 हजार लोगों की असामयिक मौत हुई थी।
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