ashutosh-at-vikramotsav : आशुतोष राणा बने रावण ने सुनाया शिव तांडव, काट कर रख दिया शीष
ashutosh-at-vikramotsav : उज्जैन में हमारे राम के जरिए रामायण के अनछुए पहलुओं का मंचन, विक्रम उत्सव में जमा रंग

ashutosh-at-vikramotsav : उज्जैन में 4 अप्रैल की शाम बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अशुतोष राणा ‘रावण’ के रूप में दिखाई दिये। रावण के रूप में जब उन्होंने शिव तांडव सुनाया तो जनसमुदाय स्तब्ध रह गया। बाद में उन्होंने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अपना सिर काट दिया और भोलेनाथ से दस शीश आशीर्वाद के रूप में प्राप्त किये।
दरअसल, विक्रमोत्सव के अंतर्गत विक्रम नाट्य समारोह के चौथे दिन गौरव भारद्वाज निर्देशित प्रस्तुति हमारे राम का मंचन कालिदास अकादमी में हुआ। इस नाट्य प्रस्तुति में बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अशुतोष राणा रावण के रूप में दिखाई दिये। नाट्य प्रस्तुति में आशुतोष राणा रावण की भूमिका में रहे , जिन्होंने जमकर तालियां बटोरी , पुरे मंचन के दौरान दर्शक नाट्य में बंधे हुए दिखाई दिए। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 अंतर्गत विक्रम नाट्य समारोह आयोजित किया जा रहा है।
रामायण के अनछुए पहलुओं से अवगत कराया
आशुतोष व साथी कलाकरों ने बड़ी संख्या में कार्यकम में पहुँचे लोगो को रामायण के अनछुए पहलुओं से अवगत करवाया तो वही रावण में किरदार में आशुतोष राणा ने शिव को शीश चढ़ा कर प्रसन्न किया। नाटक में बताया गया कैसे रावण ने शिव को शिव तांडव स्त्रोत सुनाया कैसे नारियल की जगह रावण ने शीश चढ़ाया और शिव को प्रस्सन कर 10 सिर 20 भुजाएं प्राप्त की।
लव और कुश के दृष्टिकोण से शुरू होता है नाटक
नाटक ‘हमारे राम’ एक थिएट्रिकल अनुभव रहा। जो असाधारण प्रदर्शन, बातचीत, प्रकाश, संगीत, कॉस्ट्यूम, विशेष प्रभाव और बड़े पैमाने पर दृश्य के साथ भरा है। पहली बार, ‘हमारे राम’ उन कई सीनों को लाता है जो महाकाव्य रामायण में कभी स्टेज पर नहीं दिखाए गए हैं। नाटक लव और कुश के दृष्टिकोण से शुरू होता है जब उनकी माँ सीता भूमि के गोद में अंतिम शरण लेती हैं। राम से उनकी माँ सीता के बारे में कुछ सवाल पूछते हैं। सूर्य भगवान के दृष्टिकोण से, नाटक ‘हमारे राम’ परिचितों को लेकर जाता है जो राम, सीता और उनके अनंत प्रेम, परीक्षण और विजय की एक यात्रा पर है। नाटक में कुछ अज्ञात सीन्स हैं जो वाल्मीकि रामायण में लिखे गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक स्पष्ट किया नहीं गया है।
चोटी के कलाकारों ने किया प्रदर्शन
इसके पहले महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने सभी कलाकारों का पुष्पगुच्छ व विक्रम पंचांग भेंट कर स्वागत किया। नाटक में राम की भूमिका राहुल आर भूचर, लक्ष्मण की भानु प्रताप, सीता की हरलीन रेखी, हनुमान की दानिश अख्तर और रावण की भूमिका आशुतोष राणा ने निभाई।