Bodies left half-burnt: मावठे के कारण श्मशान में अधजले रह गये शव
Bodies left half-burnt: श्मशान में महंगे दामों पर लकड़ी - कंडे भी कमजोर मिल रहे

Bodies left half-burnt: उज्जैन में ठंड और मावठे के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए लाए हुए शव अधजले रह रहे हैं। समाजसेवी अनिल डागर ने दावा किया है कि उन लोगों द्वारा इन अधजले शवों को जलाया जा रहा है। अनिल डागर ने आरोप लगाया कि श्मशान समिति द्वारा कमजोर कंडे और लकडिय़ां कम दिये जाने के ऐसी स्थिति बन रही है। समिति जो लकडिय़ां 150 रूपये क्विंटल में देनी चाहिये वह 700 रूपये क्विंटल में दी जा रही है।
ठंड के समय में शव को जलने में करीब 5 घंटे, बारिश के मौसम में 6 घंटे और गर्मी में करीब डेढ़ से दो घंटे लगते हैं। उपर से श्मशान समिति द्वारा लकड़ी, कंडे में किये जा रहे हेरफेर के कारण शवों के साथ ऐसी दुर्गति हो रही है। अनिल डागर ने बताया कि ठंडे मौसम और बारिश के कारण लकड़ी गीली हो रही है ऐसे में अंतिम संस्कार के बाद बॉडी पूरी तरह जल नहीं पा रही। ऐसे में प्रतिदिन शाम को वे चक्रतीर्थ पहुंचकर इन अधजली लाशों को जला रहे हैं।
30 सालों से कर रहे हैं सेवा
अनिल डागर करीब 30 सालों से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। अनिल डागर ने बताया कि कई बार ऐसी घटनाएं हुई जब बॉडी पर वजन नहीं रखा जाए तो लाशें उठ जाती हैं, लकड़ी कम रखी जाए तब ऐसी घटनाएं होती है।