सीएम डॉ. मोहन यादव का वादा, हर व्यक्ति का जीवन करेंगे खुशहाल
सीएम डॉ. मोहन यादव उज्जैन में कई कार्यक्रमों में शामिल, विकास के वादों को दोहराया

सीएम डॉ. मोहन यादव रविवार 13 अक्टूबर को उज्जैन में बासी दशहरे पर हुए रावण दहन के कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विकास के वादों को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीएम डॉ. मोहन यादव रविवार शाम खाकचौक और डालडा मैदान मक्सी रोड में आयोजित दशहरा महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में भगवान राम , माता सीता और हनुमान जी की पूजा अर्चना की और सभी को दशहरे पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज यहां हो रही आतिशबाजियां हमारे हिंदू संस्कृति की यश गाथा गा रही हैं। उन्होंने कहा कि बुराई का प्रतीक कितना ही बड़ा और बलिष्ठ क्यों ना हो सच्चाई के तीर से उसकी डूठी का अमृत जलता है। उसके प्राण नष्ट होते हैं। रामराज्य की अवधारणा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। भगवान राम और कृष्णा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि उज्जैन सहित प्रदेश के विकास में कोई कसर बाकी नहीं रहेगी। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से दुख के कांटे निकालकर खुशहाली लाने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी तीज त्योहारों को पूरे धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया हैं।
भगवान श्रीराम हमारे लिये आदर्श
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भगवान राम और उनका परिवार हमारे लिए आदर्श हैं। भगवान राम हमारे रोम-रोम में समाए हुए हैं। भगवान राम के नाम से ही दिन और रात होती हैं। आज भारत का कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में चले जाए और देश का नाम बताएं बिना कहें कि वह भगवान राम और कृष्ण की भूमि से आया है तो सामने वाला भलीभांति समझ जाएगा कि आप भारत से आए हैं। यह हमारे देश और संस्कृति की विशेषता हैं। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा , विधायक सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, विवेक जोशी , बहादुर सिंह बोरमुंडला, सहित आयोजन समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।
उज्जैन में बासी दशहरे पर कई जगह दशानन के पुतलों का दहन
उज्जैन में दशहरा पर्व के दूसरे दिन भी रावण दहन हुए। हालांकि बारिश ने शहर के शास्त्री नगर, सिद्ध वट, डालडा फैक्ट्री ग्राउंड, अंकपात पर हुए आयोजन में खलल डाला। शास्त्री नगर में रावण के पुतले को समय से पहले पहले पैर में आग लगाई गई। धड़ व सिर को जमीन पर गिरा कर जलाया गया। डालडा फैक्ट्री मैदान में बारिश रुकने के बाद रावण का पुतला खड़ा किया गया।
नानाखेड़ा स्टेडियम : रविवार सुबह से देर शाम तक चली बारिश ने रावण दहन के कार्यक्रमों में बाधा डाली। नानाखेड़ा स्टेडियम में नानाखेड़ा दशहरा महोत्सव समिति की ओर से 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। रविवार को दिन भर हुई बारिश के बाद समिति के सदस्यों के बीच चर्चा के बाद मंगलवार को दहन करने पर सहमति बनी है।
शास्त्री नगर मैदान : शास्त्री नगर दशहरा उत्सव समिति की ओर से 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया था। 30 वर्ष से यह परंपरा जारी है। तय हुआ था कि रात 8.30 बजे दहन किया जाएगा। आयोजक विजय सिंह दरबार के अनुसार मौसम को देखते हुए निर्णय लिया कि इसे शाम 6 बजे ही जलाएंगे। तब तक बड़ी संख्या में लोग एकत्र होने लगे थे। शाम 6 बजे पहले पुतले के पैरों में आग लगाई गई। भीगने से वह पूरा नहीं जला। इसके बाद धड़ को जमीन पर गिराया। दो कलाकार पुतले के लिए बनाए ढांचे पर चढ़े और सिर को जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद जमकर आतिशबाजी की
अंकपात : अंकपात रावण दहन समिति ने 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का निर्माण किया। समिति के अध्यक्ष महंत महेश महाराज ने बताया कि श्रीराम जी की झांकी निर्मोही अखाड़े से निकली गई। सहसचिव विशाल पांचाल ने बताया कि बारिश के कारण समिति सदस्यों ने देर शाम को पुतले में पटाखे रखे फिर रात 9.30 बजे दहन किया।
डालडा फैक्ट्री मैदान : दशहरा उत्सव समिति ने 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया। आयोजक उमेश सिंह सेंगर के अनुसार पुतले को इस तरह बनाया था कि जलाने के पहले वह तीन भागों में बंट गया। रंगारंग आतिशबाजी के बीच रात 10 बजे दहन हुआ।
सिद्धवट मैदान : श्री सिद्धवट युवा मंच की ओर से 101 फीट ऊंचे पुतले को सुबह ही मैदान में स्थापित कर दिया था। बारिश में भीगे नहीं, इसके लिए उसे वाटरप्रूफ बनाया गया। आयोजन समिति के सदस्यों के अनुसार 150 साल से यह परंपरा जारी है। रात 9.30 बजे पुतले का दहन किया गया।