
diwali: उज्जैन में भगवान महाकाल के आंगन में दीपावली 12 नवंबर 2023 को मनाई जायेगी। इस बार अमावस्या 12 व 13 नवंबर को है। ऐसे में उलझन यह है कि दीपावली किस दिन मनाई जाये और पूजन कब की जाये।
10 नवंबर को धनतेरस पर परंपरा अनुसार दीपावली का पर्व शुरू होगा तो 15 नवंबर को भाई दूज पर इसका समापन होगा। इसके बीच एक दिन सोमवती अमावस्या का पर्व भी रहेगा। दीपावली के साथ सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग रहेगा। कार्तिक महीने की अमावस्या रविवार 12 नवंबर और सोमवार 13 नवंबर दोनों ही दिन रहेगी, लेकिन दीपावली 12 तारीख को मनेगी। रविवार की रात में अमावस्या होने से लक्ष्मी पूजन इसी तारीख को किया जाएगा। सोमवार को अमावस्या दिन में ही खत्म हो जाएगी। ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या हो तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि दीपावली 12 नवंबर को ही मनाएं।
लक्ष्मी पूजन 12 नवंबर को प्रदोष काल में करना बेहतर
ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार 12 नवंबर को दोपहर में अमावस्या तिथि लगेगी। दीपावली का पूजन प्रदोष काल का माना गया है। पौराणिक गणना के अनुसार प्रदोष काल या स्थिर लग्र में जब महालक्ष्मी की पूजा की जाती है तो चिर स्थाई समृद्धि का योग बनता है। माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अष्ठविद या दशविद लक्ष्मी की कृपा से आशीर्वाद प्राप्ति के माध्यम से परिवार में सुख, शांति, व्यापार में वृद्धि होती है। 12 नवंबर को प्रदोष काल में अमावस्या विद्यमान रहेगी। शास्त्रीय अभिमत यह भी है कि जब सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में होते है तो दीपावली के प्रदोष काल की पूजा महत्वपूर्ण मानी गई है। शाम 5.40 से वृषभ लग्र का भी क्रम रहेगा। चौघडिय़ा भी अच्छा रहेगा। यह क्रम 5.40 से लेकर 8.22 तक का विशेष रूप से रहेगा। रात्रि में स्थिर लग्र में पूजा की जा सकेगी।
आठ शुभ योगों में मनेगी दीपावली
12 नवंबर को अमावस्या दोपहर तकरीबन 2.30 बजे बाद से शुरू होगी। शाम को लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। इनके साथ आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे। इस तरह आठ शुभ योगों में दीपावली मनेगी। जानकारों का कहना है दीपावली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 सालों में नहीं बनी। दीपावली पर बन रही ग्रह स्थिति देश की तरक्की का शुभ संकेत दे रही है।दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से नया साल शुरू होता है। व्यापारियों में पुष्य नक्षत्र और धनतेरस से नए बही-खाते लेकर कारोबारी नया साल शुरू करने की परंपरा भी रही है।
दीपावली पर रहने वाले 5 राजयोग
इस साल दीपावली पर गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नामक पांच राजयोग बन रहे हैं। जो शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु की स्थिति से बनेंगे। ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है। हर्ष योग धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ता है। काहल योग स्थिरता और सफलता देता है। वहीं, उभयचरी योग से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है।
5 राशियों के लिए फायदे वाला समय
यह दीपावली अगले एक वर्ष तक 5 राशियों को फायदा देने वाली है। दीपावली पर ग्रहों की स्थिति देखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक और मकर राशि के लिए अच्छा समय शुरू होगा। इन पांच राशियों के लोगों को अगली दीपावली तक धन लाभ और बड़ा फायदा मिलने की संभावना है।
मेष: कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। कर्ज लेना चाह रहे हैं तो मिल जाएगा और समय पर चुकता भी होगा। बिजनेस में फायदा होगा
मिथुन: नौकरीपेशा लोगों को तरक्की के मौके मिलेंगे। प्रॉपर्टी से जुड़ा रुका काम पूरा होगा। चल-अचल संपत्ति की खरीदारी होने के योग।
कन्या: नौकरी और बिजनेस में फायदा बढ़ेगा। काम समय पर पूरे होंगे। पुराना निवेश फायदा देगा और रुका हुआ पैसा मिलने के योग बनेंगे।
वृश्चिक: धन मिलने की संभावना है। शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को बड़ा फायदा हो सकता है। नौकरी और बिजनेस में फायदा देने वाली योजनाओं पर काम होगा और सफलता मिलेगी।
मकर: किस्मत का साथ मिलेगा। रोजमर्रा की इनकम बढ़ सकती है। नौकरी-पेशा लोगों को बड़ी जिम्मेदारी और फायदा मिल सकता है। अचानक धनलाभ के योग भी बनेंगे।
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