उज्जैन

प्रतिबंध के बाद भी बाजार में मौजूद ‘मौत की डोर’

पुलिस ने चायना डोर के 50 चकरों के साथ युवक को पकड़ा, अब तक की चौथी कार्रवाई

उज्जैन। समाचारआज

आसमान में उड़ते पक्षी और जमीन पर घूमते लोगों के लिये जानलेवा चाइना डोर प्रतिबंध के बाद भी बाजार में मौजूद है। 12 जनवरी को पुलिस ने चाइना डोर के 50 चकरों के साथ युवक को पुलिस ने पकड़ा है। मौत की इस डोर के खिलाफ उज्जैन शहर में पुलिस की यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है।

14 जनवरी को मकर संक्रांति के पहले पतंग बाजार सज चुका है। पतंग उड़ाने के लिए पिछले कुछ वर्षों से चाइना से आने वाली डोर का उपयोग ज्यादा होने लगा है तो काफी घात है। इसके कारण मौतें भी हो चुकी है और कई लोग बुरी तरह घायल हो चुके हैं। इसकी भयानकता को देखते हुए ही कलेक्टर इसके उपयोग, खरीदी-बिक्री आदि पर प्रतिबंध लगा चुके हैं तभी से इस घातक चायना डोर पर पुलिस की नजर लगी हुई है।

12 जनवरी दोपहर में महाकाल पुलिस को जानकारी मिली कि प्रतिबंधित डोर इंदौरगेट से नलियाबाखल की ओर एक युवक लेकर जाने वाला है। पुलिस ने उसकी घेराबंदी की। अली का बाड़ा से रितिक पिता दिलीप (20) निवासी नलियाबाखल को पकड़ा गया। उसके पास से झोले में भरे चायना डोर के 50 चकरे बरामद हो गये। पूछताछ में रितिक ने बताया कि वह चायना डोर बेचने के लिये लाया था और घर ले जा रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ कलेक्टर के आदेश का उल्लघंन करने की धारा 188 का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि बरामद की गई घातक डोर की कीमत करीब 15 हजार रुपये है। पिछले 15 दिनों में पुलिस ने तीसरी कार्रवाई की है। इससे पहले एक युवक को पकड़ा था, जिसके पास से 2 चकरे डोर बरामद हुई थी। उसके बाद लोहे का पुल उपकेश्वर चौराहा से चुलबुल पंतग सेंटर संचालक से 25 चकरे जब्त किये गये थे। 2 दिन पहले नीलगंगा पुलिस ने जयसिंहपुरा में दिलीप किराना दुकान पर दबिश देकर प्रतिबंधित चायना डोर के 20 चकरे पकड़े थे। दुकान संचालक राकेश कुमावत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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