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सिंहस्थ 2028 : चेहरा देखकर कैमरा पहचान लेगा अपराधी को

सिंहस्थ 2028 में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी नजर रहेगी, मोबाइल एप से पता चलेगा कहां भीड़ अधिक

सिंहस्थ 2028 की तैयारी में मध्यप्रदेश सरकारी अभी से जुट गई है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले इस महा आयोजन के लिए तमाम निर्णय सरकार ने लेना शुरू कर दिये हैं। जिसमें सुरक्षा इंतजामों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए टेक्नालॉजी आधारित व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में साढ़े तीन साल बाकी है। सरकार का प्रयास है कि सिंहस्थ टेक्नालॉजी से लेस हो, जिसमें सुरक्षा के इंतजाम प्रमुख है। इसके अलावा यहां आने वाले श्रदधालुओं की सुविधा के लिये भी टेक्नोलॉजी की मदद से कई विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन के साथ फेस रिकग्निशन जैसी टेक्नालॉजी का भी इस्तेमाल करेगी। इसके साथ ही क्राउड कंट्रोल के लिए रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट रखने एक मोबाइल एप्लिकेशन भी श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। यहां टेलिकम्युनिकेशन के लिए लेटेस्ट टेक्नालॉजी के इस्तेमाल पर भी फोकस किया जा रहा है।

सिंहस्थ 2028 : सुरक्षा मापदंडों पर आधारित कार्ययोजना तैयार

सिहस्थ में सुरक्षा के सभी मापदंड को लेकर विशेष कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। जो जल्दी ही सरकार के समक्ष पेश की जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार के पुलिस विभाग (पीएचक्यू) के संबंधित शाखाओं द्वारा तैयार कार्ययोजना में मैन पॉवर, ट्रेनिंग, परमानेंट स्ट्रक्चर, टेम्प्रेरी स्ट्रक्चर, उपकरण, वाहन तथा वर्तमान में संसाधनों की उपलब्धता और बजट की मांग कार्ययोजना में शामिल की गई है।

सिंहस्थ 2028 में सुव्यवस्थित यातायात और सुरक्षा के इंतजाम जरूरी

पुलिस विभाग का मानना है कि सिंहस्थ महाकुंभ – 2028 में सुव्यवस्थित यातायात और सुरक्षा के इंतजाम जरूरी हैं। इस दौरान क्राउड कंट्रोल और क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम बहुत ही मजबूत रखना होगा। क्राइम कंट्रोल, एंटी नेशनल एलिमेंट कंट्रोल तथा टेरेरिस्ट गतिविधियों पर हर पल निगरानी रखनी होगी। सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी व्यक्तियों की परस्पर संचार व्यवस्था तथा अन्य विभागों से भी अच्छा सम्पर्क और समन्वय होना अत्यावश्यक है।

सिंहस्थ 2028 में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी पर जोर

सिंहस्थ में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी पर पुलिस विभाग का विशेष जोर है। फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी या एफआरटी की मदद से किसी भी कैमरा को खास क्षमताएं दी जा सकती हैं। कैमरा इसके फ्रेम में आने वाले लोगों के चेहरे पहचानने से लेकर उनके हाव-भाव तक समझ सकता है। कैमरा एफआरटी टेक्नोलॉजी की मदद से एक चेहरे से दूसरे चेहरे के बीच अंतर भी समझ जाता है। इसका इस्तेमाल सीसीटीवी से लेकर स्मार्टफोन कैमरा तक में किया जा सकता है और इसके कई फायदे हैं।

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सिंहस्थ 2028  के लिये सरकार इन सुरक्षा इंतजामों की तैयारी में जुटी

पुलिस प्रशासन सिंहस्थ मेले के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा, जो 24&7 एक्टिव रहेगा।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष हेल्प डेस्क और बाल सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई जाए।

भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए स्वयं सेवक और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाए।

रिटायर्ड अफसरों से अनुभव लेकर की जा रही है प्लानिंग

सिंहस्थ 2028 के लिये पुलिस उन पुराने अफसरों से भी अनुभव ले रही है, जो सिंहस्थ 2004 और 2016 में अहम पदों पर पदस्थ थे। ऐसा इसलिए ताकि पुराने अफसरों के क्राउड मैनेजमेंट के तत्कालीन तरीकों को मौजूदा परिस्थितियों के साथ जोडक़र नई प्लानिंग बनाई जा सके। इसे लेकर मध्यप्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना ने बैठक भी ले चुके हैं। जिसमें सिंहस्थ 2004 में आईजी उज्जैन रहे सरबजीत सिंह (रिटायर्ड), एसपी उज्जैन रहे उपेंद्र जैन और 2016 में एसपी उज्जैन रहे मनोहर वर्मा (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे। डीजीपी ने कहा कि सिंहस्थ-2028 में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक आएंगे। इसलिए सुव्यवस्थितट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा के इंतजाम भी इसके अनुकूल ही हों। क्राइम कंट्रोल, एंटी नेशनल एलिमेंट कंट्रोल और टेरेरिस्ट गतिविधियों पर सजग निगाह रखनी होंगी।

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सिंहस्थ 2028 के लिये रिटायर्ड अधिकारियों के सुझाव के बाद ये निर्णय

  • भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन सेवा- पुलिस प्रशासन इस बार सिंहस्थ मेले के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा। ये नंबर 24&7 सक्रिय रहेगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष हेल्पडेस्क और बाल सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की प्लानिंग है। इसके अलावाभीड़ प्रबंधन और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
  • मेला क्षेत्र मेें बनेगी मोबाइल चौकी- सिंहस्थ मेला क्षेत्र में मोबाइल पुलिस चौकियां बनें। पूरे मेला क्षेत्र में 24 घंटे पुलिस गश्त रहेगी और एंटी-टेरर स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते भी तैनात रहेंगे। विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए स्पेशल टीम काम करेंगी। पुलिस और अन्य विभागों के बीच संचार के लिए एडवांस वायरलेस सिस्टम और कमांड सेंटर का इस्तेमाल होगा।
  • ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष जोर- सिंहस्थ 2024 में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग रूट प्लान बनाए जाएं। उज्जैन के नजदीकी जिलों को भी ट्रैफिक प्लान में शामिलकर डीटेल प्लान बनाएं। मेला क्षेत्र में वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पार्किंग स्थलों की संख्या बढ़े और सिटी बसों के साथ-साथ ई-रिक्शा की भी व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए मुख्य मार्गों पर सूचना केंद्र बनाए जाएंगे और रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन भी उपलब्ध कराना प्रस्तावित है।

हरिओम राय @ उज्जैन

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