रंगपंचमी पर सीहोर में फिर जमा महादेव की होली का रंग

पं. प्रदीप मिश्रा के साथ शुरू हुए जुलूस के स्वागत में एक हजार बोरी गुलाल उड़ा, पुष्प वर्षा भी हुई
समाचार आज
रंगपंचमी के मौके पर सीहोर में एक बार फिर महादेव की होली का रंग जमा। यहाँ पहली बार रंगपंचमी पर विद्युत मंडल स्थित शिव मंदिर के पास से महादेव की होली का चल समारोह प्रारंभ हुआ जो मुख्य मार्गों से होते हुए थाने के सामने शिव मंदिर पर जाकर समाप्त हुआ। चल समारोह में भागवत भूषण पं. प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में हजारों की संख्या में महिला-पुरूषों, नवयुवक व बच्चे नाचते गाते हुए उत्साह के साथ रंगों में सराबोर होते हुए सम्मिलित हुए। क्षेत्र में एक हजार से अधिक गुलाल की बोरी के अलावा दो क्विंटल से अधिक फूलों से चल समारोह का स्वागत किया गया।
रंगों की बौझार के बीच चल समारोह जब निकला तो दूर-दूर से शामिल होने आए लोग भी ढोल और डीजे एवं बैंड बाजे पर थिरकते हुए बस स्टेंड पहुंचे। जहां गुरुदेव पं. मिश्रा ने महादेव के गीत गाए व मातृशक्ति की उपस्थिति के बीच कहा कि प्रत्येक वर्ष हर एक शिवालय में इस तरह से होली मनाना चाहिए।
झागरिया को हम बिलकिसगंज नहीं बोलेंगे, संकल्प लीजिए
पं. मिश्रा ने कहा कि हम इस गांव को झागरिया के नाम से ही जानते हैं, इसे बिलकिसगंज करके हमें हमारे प्राचीनतम महत्व से भटकाया गया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने स्थान व झागरिया के इतिहास व महत्व से सभी को अवगत कराया। क्षेत्रिय विधायक से आग्रह किया की बिलकिसगंज का प्राचीन नाम झागरिया किया जाये तथा सभी उपस्थितों को संकल्प दिलाया कि हम झागरिया ही बोलेगें। मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर में चौसठ योगिनी जहाँ झांझर बजाती थी उस स्थान का नाम झागरिया है, झांझर से नाम पड़ा झागरिया, वर्षों से यही नाम रहा है इसलिए इसे झागरिया ही बोलेगें सभी संकल्प लिजिए।