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कालिदास समारोह में मैथली ठाकुर पेश करेंगी भजन; 20 प्रदेशों के रचनाकार भी आयेंगे

कालिदास समारोह में देश नेपाल, मलेशिया, पौलेंड के रचनाकार भी आयेंगे

उज्जैन। कालिदास समारोह जो अब तक अखिल भारतीय स्तर का होता था वो इस साल 2028 में अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। हम आपको बता देें कि कालिदास समारोह उज्जैन का प्रमुख साहित्यिक, सांस्कृतिक आयोजन है जो महाकवि कालिदास की स्मृति में आयोजित किया जाता है। इस साल भी कालिदास समारोह देवप्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर 2024 से प्रारंभ होगा।

कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविन्द गंधे ने बताया कि इस साल उज्जैन में 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह होना है। कालिदास समारोह 2024 की रुपरेखा लगभग तय हो गई है। इस वर्ष देश के लगभग 20 प्रदेशो के संस्कृत के महाकवि संस्कृत कविसम्मेलन में अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। उक्त सारस्वत आयोजन में मलेशिया के इडन खू, पोलेण्ड के फिलिप्स रोचेन्सकी, नेपाल की प्रियमवदा काफले, काशीनाथ नैपुण्ये, सविनादेवी प्रो. वासुदेव काफ्ले के उपस्थित रहने की पुरी सम्भावना है।

101 विद्यार्थी करेंगे श्यामलादण्डकम् का सामूहिक पाठ

पूर्वरंग के अन्तर्गत वागर्चन गढक़ालिका मन्दिर पर सम्पन्न होगा। इस बार 101 छात्र-छात्राओं द्वारा श्यामलादण्डकम् का सामूहिक पाठ तथा संस्कृत के विद्वानों, गणमान्य नागरिकों, कलाकारों की उपस्थिति में महाकवि कालिदास की आराध्या का पूजन किया जायेगा। कलश यात्रा में उज्जैन शहर के प्रतिष्ठित गणमान्य नागरिक, लोकनर्तको के दल एवं पोलेण्ड के लोकनृत्य के दल के साथ अन्य प्रतिवर्ष की परम्परा के अनुसार अन्य सभी का निर्वहन होगा।

इन विद्वानों के होंगे व्याख्यान

लोकप्रिय व्याख्यान माला के अन्तर्गत प्रो. मुरली मनोहर पाठक कुलपति श्री लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विश्वविद्यालय नईदिल्ली, प्रो. रमाकान्त पाण्डेय केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल तथा प्रो रवीन्द्र मुल्ये पुणे का व्याख्यान होगा।

यह होंगे अतिथि

इस वर्ष लम्बे अंतराल के बाद भारत के महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़, रामजन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविन्ददेव गिरी मौजूद रहेंगे। समापन मौके पर महंत डॉ. आचार्य श्री सियारामदास महाराज माउंट आबू के उपस्थित रहने की संभावना है।

कालिदास समारोह में ये होंगे आयोजन

  • कालिदास समारोह के नान्दी कार्यक्रम के अन्तर्गत सुश्री मैथली ठाकुर भक्ति एवं सुगम संगीत का कार्यक्रम होगा। शंख वादकों का दल, भक्ति संगीत एवं देश भक्ति गीत प्रस्तुत करेंगे। पारम्परिक मंगल वादय सनई वादकों के द्वारा सुमधुर प्रस्तुतियां की जायेगी।
  • समारोह में कालिदास समारोह पर केन्द्रित कालिदासमहोत्साहम् का मंचन किया जायेगा।
  • प्रसिद्ध कथक नृत्यागना राजश्री शिर्के की मेघदूतम् पर आधारित रंगनृत्य की प्रस्तुति होगी।
  • केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल के नाट्य अनुसंधान केन्द्र द्वारा मृच्छकटिकम ् पर आधारित वसन्त सेना नाटक की प्रस्तुति की जायेगी।
  • हैदराबाद की सुश्री के श्रीवल्ली अपनी गुरु रश्मि मेनन के साथ मोहिनीअट्टम एवं मणीपुरी नृत्य प्रस्तुत करेंगी।
  • सुप्रद्धित शास्त्रीय संगीत गायक श्री राहुल देशपाण्डे शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे।
  • श्री अश्विन दळवी के द्वारा सुरबहार वाद्ययंत्र का वादन किया जायेगा।
  • सुश्री अनुराधा सिंह, भोपाल घुघरु वादन करेंगी।
  • दिल्ली की नृत्यागना सुश्री आरोही आठवले कथक नृत्य की प्रस्तुति करेंगी।
  • सारस्वत आयोजन के अन्तर्गत राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी तीन सत्रों में होगी। इस वर्ष शोध संगोष्ठी का विषय महाकवि कालिदास के साहित्य में पंचमहाभूतविर्मश रखा गया है।

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