300 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी के लिए सिपाही बना किडनैपर
पुणे से एस. परिहार
चिंचवड़ पुलिस दल में काम करने वाले एक पुलिस सिपाही ने उसके साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्तिका अपहरण किया. जबकि वाकड़ पुलिस ने अपहरण मामले के मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी को जाल बिछाकर गिरफ्तार किया. पुलिसकर्मी का नाम दिलीप तुकाराम खंदारे (भोसरी, पुणे, मूलत: कोनाटी, तहसील सिंदखेड़ राजा, जिला बुलढाना) है और इसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अन्य आरोपियों सुनील राम शिंदे (खारदांडा पश्चिम, मुंबई), वसंत श्यामराव चव्हाण (नालासोपारा पूर्व, मुंबई), फ्रांसीस टिमोटी डिसूजा(कल्याण पश्चिम,मुंबई), मयूर महेंद्र शिर्के( खार पश्चिम, मुंबई, प्रदीप काशिनाथ काटे (दापोड़ी, पुणे) शिरीष चंद्रकांत खोत (उलवे, नवी मुंबई) और संजय उर्फ निकी राजेश बंसल (उलवे, नवी मुंबई) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों ने विनय सुंदरराव नाईक (ताथवड़े) का १४ जनवरी को एक होटल से अपहरण किया गया था. घटना को लेकर रफीक अल्लाउद्दीन सैयद (उम्र-३८ वर्ष) ने वाकड़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस आयुक्त कृष्णप्रकाश द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 14 जनवरी को नाईक जब होटल में थे, तब सात से आठ अज्ञात लोगों ने उनका अपहरण किया. घटना को लेकर उनके दोस्त सैयद ने वाकड़ पुलिस स्टेशन में जानकारी दी. पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर दो टीमें बनाई. पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करते हुए तकनीकी तौर पर विश्लेषण किया. इस बीच पुलिस के पीछा करने की भनक आरोपियों लगी. उन्होंने नाईक को वाकड़ क्षेत्र में छोड़ दिया और फरार हो गए. नाईक ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने उनसे बिटकॉइन और ८ लाख रुपए की मांग की. आरोपियों का पीछा करते हुए वाकड़ पुलिस मुंबई पहुंची. वहां से चार लोगों को हिरासत में लेते हुए अपहरण के लिए इस्तेमाल की गई कार जब्त की. गिरफ्तार आरोपियों ने प्रदीप काटे और दिलीप खंदारे के कहने पर राजेश बंसल और शिरीष खोत ने गुनाह करने का कबूल किया. नाईक का अपहरण कर उन्हें अलीबाग के एक होटल में बंद कर रखा गया और ८ लाख रुपयों की मांग की. अन्य तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपियों ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड दिलीप खंदारे है.
पुलिस सिपाही दिलीप खंदारे पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में पुलिस मुख्यालय में पुलिस सिपाही के पद पर कार्यरत है. फिलहाल, वह ड्यूटी पर गैरहाजिर था. वह पहले पुणे शहर पुलिस दल में कार्यरत था. उसने वहां पर साइबर विभाग में काम करते समय सेवाअंतर्गत ऑफिस ऑटोमेशन, साइबर अपराध प्रणाली, एडव्हांस साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन टेक्नोलॉजी, बेसिक ऑफ हार्डवेयर एंड नेटवर्क इन्फारमेशन, मोबाइल फॉरेन्सिक आदि कोर्स किए है. उसके साइबर क्राइम विभाग पुणे शहर में नियुक्त रहते समय उसे विनय सुंदरराव नाईक के पास३०० करोड़ रूपयों की बिटकॉईन, क्रिप्टो करन्सी होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद उसने विनय नाईक का अपहरण कर पैसे उगाही की योजना बनाई.