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सावन के पहले दिन महाकाल एक घंटा पहले जागे, साढ़े पांच लाख से अधिक दर्शनार्थी ने महाकाल दर्शन किये
सावन के पहले दिन चलित भस्मारती में 55 हजार ने श्रद्धालुओं ने दर्शन किये, लाखों दर्शनार्थी आये उज्जैन

सावन के पहले दिन सोमवार है। सावन का माह भगवान भोलेनाथ को प्रिय है। उसमें भी अगर शुरुआत सोमवार से हो तो यह सोने पर सुहागा है।

सावन माह के पहले दिन भस्मारती मेें 55 हजार से अधिक लोगों को भस्मारती के दर्शन कराने का दावा मंदिर समिति ने किया है। यह चलित भस्मारती दर्शन व्यवस्था के कारण संभव हुआ है। वहीं सोमवार को साढ़े पांच लाख दर्शनार्थियों ने भगवान महाकाल के दर्शन किये हैं। ज्ञात हो कि, श्रावण- भाद्रपद माह में श्रद्धालुओं की अधिक संख्या को देखते हुए अनुमति नही मिलने से श्रद्धालु निराश हो जाते थे। गतवर्ष से चलित भस्मारती की व्यवस्था किये जाने से भगवान के दर्शन कर श्रद्धालु अत्यंत प्रसन्न है। मंदिर प्रबन्ध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि दर्शनार्थियों को मानसरोवर द्वार से नि:शुल्क प्रवेश दिया गया। दर्शन में उनको 40 से 45 मिनट तक का समय लग रहा है। श्री मीणा ने बताया कि रात तक लगभग 5 लाख 55 हज़ार श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये। सावन के पहले दिन सोमवार के विशेष संयोग पर लाखों की संख्या में दर्शनार्थी उज्जैन पहुंचे। देर रात से ही भीड़ मंदिर क्षेत्र में जुटना प्रारंभ हो गई थी। रात 1 बजे से ही मंदिर में भस्मारती के लिए कतार शुरू हो गई थी। सोमवार को सावन के पहले दिन भगवान महाकाल भी एक घंटा पहले जागे। रात ढाई बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही भस्मारती का दौर शुरू हुआ। भगवान महाकाल मंदिर के द्वार पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। भगवान महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार रात को आम दिनों की अपेक्षाकृत एक घंटा पहले ही यानी रात 2.30 बजे ही महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए।
सावन के पहले दिन सोमवार के विशेष संयोग पर लाखों की संख्या में दर्शनार्थी उज्जैन पहुंचे। देर रात से ही भीड़ मंदिर क्षेत्र में जुटना प्रारंभ हो गई थी। रात 1 बजे से ही मंदिर में भस्मारती के लिए कतार शुरू हो गई थी। सोमवार को सावन के पहले दिन भगवान महाकाल भी एक घंटा पहले जागे। रात ढाई बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही भस्मारती का दौर शुरू हुआ। भगवान महाकाल मंदिर के द्वार पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी। भगवान महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार रात को आम दिनों की अपेक्षाकृत एक घंटा पहले ही यानी रात 2.30 बजे ही महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए।
भगवान महाकाल का पूजन-अभिषेक देखने के लिए वीडियो देखें-
सुबह विशेष पूजन अभिषेक हुआ
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा और सोमवार के महासंयोग पर आज सुबह 2.30 बजे भस्म आरती के दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियो ने गर्भगृह मे स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों ओर पुरोहितों द्वारा इस दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व मुंड माला धारण करवाई गई। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की धर्मपत्नि श्रीमती सीमा यादव ने परिवारजनों सहित श्री महाकालेश्वर के दर्शन कियें। पूजन पुजारी जितेन्द्र शर्मा द्वारा सम्पन्न करवाया गया।
भगवान वीरभद्र की आज्ञा के बाद खुले द्वार
वर्षों के बाद एक ऐसा विशेष संयोग आया है, जब श्रावण मास की शुरुआत सोमवार से हो रही है। राष्ट्र की कामना को लेकर आज बाबा महाकाल का विशेष पूजन अर्चन किया गया। भस्म आरती की प्रतिदिन की प्रक्रिया के अनुसार ही भगवान वीरभद्र से आज्ञा लेकर चांदी द्वार खोला गया और उसके बाद भगवान का पूजन अर्चन तो हुआ ही। लेकिन आज भगवान का पंचामृत स्नान करवाने के साथ ही उन पर केसर युक्त जल अर्पित किया गया और चंदन व भांग से बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार भी किया गया। पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि बाबा महाकाल भोले हैं। इसलिए अगर आज के दिन उन पर जल अर्पित कर बेल पत्र चढ़ाया जाए तो वे प्रसन्न हो जाते हैं। आज प्रातः भगवान के विशेष श्रृंगार के बाद उन्हें महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई।
उमा भारती और अनुराधा पौड़वाल भी आईं
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने भी भगवान महाकाल के दर्शन किये। दोपहर करीब 12 बजे वे उज्जैन आईं। गर्भगृह में पूजन-अभिषेक के बाद उन्होंने नंदी हाल में बैठकर भगवान महाकाल की आराधना की। इनके बाद पाश्र्व गायिका अनुराधा पौड़वाल भी उज्जैन आई। उन्होंने भी भगवान महाकाल की आराधना की।