गुड्डू कलीम की हत्या के अनजाने रहस्य…..
गुड्डू कलीम की हत्या के पहले ऐसे क्या हालात बने कि बेटे-पत्नी को नागवार गुजरे और मार डाला....

गुड्डू कलीम की हत्या के कई अनजाने रहस्य बने हुए हैं। मध्यप्रदेश के धार्मिक शहर उज्जैन के पूर्व पार्षद होटल व्यवसायी कलीम खान उर्फ गुड्डू की हत्या के पीछे जो कारण सामने आ रहा है, वह है भतीजे से अत्यधिक प्रेम के कारण बेटे-पत्नी को संपत्ति नहीं देकर उन्हें घर से निकालना। गुड्डू कलीम की यहीं बात पत्नी और बेटों को नहीं सुहाई और उन्होंने उसे रास्ते से अलग करने की ठान ली। पहले हमला करवाया, कलीम गुड्डू उसमें बच गये तो फिर खुद ही गोली मारकर जान ले ली।
कलीम खान उर्फ गुड्डू की हत्या पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। किन हालातों में पत्नी बेटों ने अन्य लोगों के साथ हत्याकांड को अंजाम दिया यह हर कोई जानने की इच्छा रखता है। हालांकि घटना के दिन ही शाम को पुलिस घटना से जुड़ी मुख्य बातों का खुलासा कर चुकी है। एसपी प्रदीप शर्मा ने प्रेस से चर्चा में बताया कि वजीर पार्क निवासी पूर्व पार्षद गुड्डू कलीम पिता वजीर खान उम्र 60 वर्ष की हत्या उसकी पत्नी नीलोफर उम्र 51 वर्ष, बड़ा बेटा आसिफ उर्फ मिंटो उम्र 34 साल दोनों निवासी वजीर पार्क कॉलोनी उज्जैन , छोटा बेटा दानिश (फरार) निवासी गोल चौराहा के पास आजाद नगर इंदौर, पत्नी नीलोफर की बहन का दामाद इमरान उर्फ अभिषेक खान पिता सरफुद्दीन उम्र 31 साल निवासी छावनी इंदौर, सोहराब पिता नवाब शेख उम्र 26 साल (फरार) और जावेद पिता नवाब शेख उम्र 28 साल दोनों निवासी वजीर पार्क कॉलोनी उज्जैन ने मिलकर षड्यंत्र पूर्वक की है। हत्या में शामिल वजीर पार्क कॉलोनी के रहने वाले आसिफ उर्फ मिंटो के दोस्त जावेद और सोहराब शेख जो कुवैत में रहते हैं और पांच महिने पहले ही उज्जैन आए थे। ये दोनों भारी रकम की लालच में हत्याकांड में शामिल हुए थे।
सगे बेटों से करते थे परायों का दुर्व्यवहार
पत्नी नीलोफर ने पुलिस को बताया कि कलीम ने उसके बेटों से ज्यादा महत्व उसके भतीजों को दिया। सगे बेटों से वे परायों जैसा दुर्व्यवहार करता था। पत्नी नीलोफर को भी आए दिन मारपीट कर भगा दिया करता था। बुरी आदतों में फंसे छोटे बेटे दानिश को 13 साल की उम्र में उसने घर से भगा दिया था। नीलोफर ने पुलिस को बताया कि दानिश को उसके माता-पिता और परिवार ने संभाला पालन-पोषण किया।
अंडे का ठेला लगाकर गुजरबसर की दानिश ने
सूत्रों का कहना है कि छोटे बेटे दानिश का चाल चलन शुरू से ठीक नहीं था। उसने पिता की मर्जी के खिलाफ प्रेम विवाह भी कर लिया था। इसके बाद से गुड्डू कलीम ने उसे जायदाद से बेदखल कर दिया था। करोड़ों की प्रॉपर्टी में से एक भी प्रॉपर्टी दानिश के नाम पर नहीं है। जबकि होटल प्रेसिडेंट सहित 90 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपटी पत्नी नीलोफर के नाम पर है। दो साल पहले जब दानिश की पत्नी ने आत्महत्या की थी तो उसके जनाजे में भी गुड्डू कलीम शामिल नहीं हुआ था। दानिश को बेदखल करने के बाद से वह इंदौर अपने ननिहाल में रहता था। नीलोफर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पिता की करोड़ों की जायदाद पर दानिश का कोई अधिकार नहीं था। उसको पिता ने बेदखल किया तो उसने बहुत तकलीफें झेली। अंडे का ठेला तक लगाया। इधर कलीम गुड्ड ने भतीजे को बेटों से ज्यादा महत्व दिया। पत्नी ने कहा यदि हम उसे नहीं मारते तो वो हमें मार देता।
पहले हमला करवाया, फिर खुद ने बंदूक थामी
पुलिस को पता चला है कि हालात यह बन गये थे पत्नी और बेटों को ऐसा लगने लगा था कि गुड्डू कलीम उन्हें धीरे-धीरे संपत्ति से बेदखल तो कर ही रहा है बल्कि उनके नाम पहले से दर्ज संपत्ति भी वापस लेने की फिराक में है। उसने बीच में पत्नी से भी संबंध खत्म कर लिये थे। बाद में वो पत्नी नीलोफर को घर तो ले आया लेकिन पत्नी के नाम दर्ज संपत्ति वो खुद के नाम कराना चाहता था। ऐसे मेें पत्नी और बेटों ने गुड्डू कलीम को रास्ते से हटाने की ठान ली। 4 अक्टूबर 2024 को गुड्डू कलीम पर पत्नी नीलोफर की बहन शबाना के दामाद इमरान से पिस्टल से हमला करवाया गया। लेकिन गुड्डू कलीम बच निकला। इस हमले के एक सप्ताह बाद 9 अक्टूबर गुड्डू कलीम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखकर आरोपियों का पता लगा लिया था। हमला करने वाले आरोपी इमरान को गिरफ्तार कर लिया था। इमरान ने हमले की पूरी कहानी पुलिस को बताई जिस आधार पर पुलिस ने परिवार के लोगों के भी वारदात में शामिल होने के संकेत दिये थे। इस बात का जिक घटना के एक दिन पहले की रात यानी 10 अक्टूबर की रात गुड्डू कलीम ने परिवारजन (बहन, भानजे, पत्नी, बेटे) के समक्ष किया था और यह भी कहा था कि कल यानी 11 अक्टूबर को पुलिस हर बात का खुलासा कर देगी। परिवारजन बताते हैं कि रात करीब 3 बजे तक परिवार जनों के बीच बातचीत चलती रही, और उसके बाद गुड्डू कलीम सोने कमरे में चला गया। इसके करीब डेढ़-दो घंटे बाद यानी 11 अक्टूबर की सुबह करीब 5 बजे गुड्डू कलीम को सोते हुए सिर पर गोली मार दी गई।
दो घंटे मेें ही पत्नी-बेटे ने बनाई हत्या की योजना
सूत्रों के मुताबिक रात में चर्चा के वक्त गुड्डू कलीम ने परिजनोें से कहा था जो भी उसकी जान लेना चाहते हैं उनके बारे में सुबह पुलिस से पता चल जायेगा। इसके बाद वो किसी को नहीं छोड़ेगा। यह बात पत्नी नीलोफर और बड़े बेटे आसिफ ने भी सुनी। इस कारण वे घबरा गये। जब गुड्डू कलीम सोने चला गया तो उसके बाद नीलोफर ने आसिफ और छोटे बेटे दानिश के साथ गुड्डू कलीम को मारने की योजना बनाई। योजनाबद्ध तरीके से आसिफ ने घर के सीसीटीवी बंद किये, घर का दरवाजा खोला ताकि दानिश साथियोें के साथ घर में प्रवेश कर सके। नीलोफर ने बेडरूम का दरवाजा खुला रखा। दानिश अंदर आया, पिता गुड्डू कलीम को गोली मारी और भाग गया। दुर्भाग्य से वो भागते वक्त गेट पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे में दर्ज हो गया।
पुलिस से बोले- डकैत आए थे, तिजोरी टूटी दिखाई
घटना के दिन 11 अक्टूबर 2024 की सुबह करीब 4.30 से 5 बजे के बीच गुड्डू कलीम अपने बेडरूम में मच्छरदानी लगाकर सो रहा था। इस दौरान पत्नी ने बेडरूम का दरवाजा खुला छोड़ दिया। बड़े बेटे मिंटो ने घर का मुख्य दरवाजा खोला और हत्यारे छोटे भाई दानिश के साथ सोहराब और जावेद को घर में प्रवेश कराया। दानिश के हाथ में 12 बोर की बंदूक थी उसने बेडरूम में घुसकर सोते हुए उसके पिता कलीम गुड्डू के सिर में गोली मारी। हत्या कर वो अपने साथियो के साथ फरार हो गया। इधर गोली चलने की आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्य जागे और उन्होंने मिंटो और उसकी पत्नी को पकड़ लिया। सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक वे परिजनों के सामने कहानी बना रहे थे कि डकैत आए थे। पुलिस को भी आरोपी पत्नी और बेटों ने यही बताया कि डकैती के लिए कोई बदमाश आए थे उन्होंने कलीम गुड्डू की हत्या कर तिजोरी साफ करने की कोशिश की।
हत्या के बाद कुवैत भागने वाले थे आरोपी
हत्या में शामिल वजीर पार्क कॉलोनी के रहने वाले आसिफ उर्फ मिंटो के दोस्त जावेद और सोहराब शेख जो कुवैत में रहते हैं पांच महिने पहले ही उज्जैन आए थे। आरोपियों ने इस साजिश में शामिल होने के लिए बड़ी राशि ली थी और वे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद कुवैत भागने वाले थे। यह भी जानकारी मिली है कि दानिश भी प्रापर्टी में से अपना हिस्सा लेकर कुवैत भागने की तैयारी में था। दानिश उसका एक साथी अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। पुलिस दोनों की सरगर्मी से तलाश में जुटी है। पुलिस को यह भी अंदेशा है कि दानिश और उसका साथी कुवैत भागने में सफल ना हो जाए।
गुड्डू कलीम भी हिस्ट्रीशीटर था
पूर्व पार्षद गुड्डू कलीम शहर के रसूखदार और हिस्ट्रीशीटर बदमाशों में शामिल था। पुलिस का कहना है कि वर्ष 1985 से 2022 के बीच गुड्डू कलीम के खिलाफ कुल 31 मुकदमे उज्जैन के महाकाल, खाराकुआ और नीलगंगा थाने में दर्ज हुए हैं। जो कि जानलेवा हमला, शांति भंग करने, आर्म्स एक्ट,जुआ एक्ट सहित कई गंभीर किस्म के अपराधों में दर्ज हुए हैं।
यह है गुड्डू कलीम की प्रमुख प्रापर्टी
- होटल वेलकम शहीद पार्क फ्रीगंज उज्जैन- आसिफ उर्फ मिंटो के नाम है, कीमत करीब 2 करोड़ रुपए।
- होटल प्रेसिडेंट हरीफाटक उज्जैन – पत्नी नीलोफर के नाम, कीमत करीब 50 करोड़ रुपए।
- 24 बीघा जमीन ग्राम नईखेड़ी में – पत्नी नीलोफर और उसकी बहन शकीला निवासी नलखेड़ा के नाम, कीमत करीब 25 करोड़ रुपए।
- राजवाड़े इंदौर में बेसमेंट- पत्नी नीलोफर के नाम, कीमत करीब 10 करोड़ रुपए।
- होटल ब्लू स्टार बेगमबाग उज्जैन – पत्नी नीलोफर के नाम, कीमत करीब 8 करोड़ रुपए।
- पिपलोन जिला आगर में 35 बीघा जमीन – भतीजे आरिफ के नाम, कीमत करीब 4 करोड़ रुपए।
- चित्तौड़गढ़ राजस्थान में प्लॉट- भतीजे आरिफ के नाम, कीमत करीब 1.5 करोड़।