पंचक्रोशी मार्ग घोटाला : पीडब्ल्यूडी के 23 अफसर कार्रवाई के घेरे में
पंचक्रोशी मार्ग की घटिया सड़क बनाने वाले कॉन्ट्रेक्टर पर मेहरबान अफसरों पर मंत्रालय से होगी कार्रवाई, जानिए क्या है पूरा मामला

पंचक्रोशी मार्ग पर घटिया सड़क बनाने का यह मामला करीब 15 साल पुराना है, जो अब कार्रवाई की ओर अग्रसर है। PWD विभाग ने जांच कर 23 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए PWD मंत्री को फाइल भेजी है।
हम जिस मार्ग की बात कर रहे हैं वो उज्जैन के पंचक्रोशी मार्ग की 96 किमी लंबी सड़क से जुड़ा है। सड़क का निर्माण इतना घटिया हुआ कि गारंटी पीरियड में उखड़ गई। दूसरी ओर PWD अफसर कार्रवाई करने के बजाय परफाॅर्मेंस गारंटी की 5 करोड़ रुपए की राशि लाैटाने के प्रति ज्यादा गंभीर थे। PWD अफसरों ने ठेकेदार की परफॉर्मेंस गारंटी की राशि लौटाने के लिए एक के बाद एक प्रस्ताव भेजे जबकि हाईकोर्ट खुद ठेकेदार की परफॉर्मेंस गारंटी की राशि का मामला खारिज कर चुका था।
जानिए, क्या है पूरा मामला
- हम आपको बता दें कि उज्जैन में पंचक्रोशी यात्रा का काफी धार्मिक महत्व है। हर साल यात्रा शुरू होने के पहले सरकार पंचक्रोशी मार्ग की मरम्मत करवाती है। करीब 15 साल पहले 28 फरवरी 2009 को PWD ने राजू कंस्ट्रक्शन कंपनी एंड शेल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को पंचक्रोशी मार्ग के निर्माण का ठेका दिया गया था।
- नियम के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ने 10% परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में 4 करोड़ 84 लाख रुपए इस कंपनी से जमा कराए । कंपनी ने सड़क का निर्माण कार्य 31 जनवरी 2012 को पूरा किया। यह काम बेहतर तरीके से पूरा हो गया है इसका प्रमाण पत्र भी जारी हुआ। कार्यपालन यंत्री ने कार्य पूर्णता का सर्टिफिकेट 23 मई 2012 को जारी किया था।
- परफॉर्मेंस गांरटी की अवधि 3 साल थी यानी 30 जनवरी 2015 तक निर्धारित थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ निर्माण कार्य इतना घटिया था कि निर्माण के एक साल बाद ही सड़क उखड़ना शुरू हो गई। साल 2014 आते-आते सड़क का ज्यादातर हिस्सा खराब हो गया। सड़क परफॉर्मेंस गारंटी में थी लेकिन ठेकेदार ने सड़क की मरम्मत नहीं की।
- साल 2016 में सिंहस्थ का आयोजन होना था। समय कम था इसलिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना टेंडर जारी किए 6 करोड़ 90 लाख रुपए में सड़क का निर्माण श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया। ऐसे में नियमानुसार परफॉर्मेंस गारंटी की राशि 4 करोड़ 96 लाख रुपये राजसात होकर सरकार के खजाने में जमा होनी थी। लेकिन अफसरों की मनमानी देखिए, कार्यपालन यंत्री ने 27 सितंबर 2014 को परफॉर्मेंस गारंटी की राशि का नकदीकरण कराकर डिपॉजिट में रख ली।
- सड़क परफॉर्मेंस गारंटी में थी, इसके बाद भी ठेकेदार ने काम नहीं किया।
- दूसरी तरफ, परफॉर्मेंस गारंटी की राशि को वापस लेने के लिए सितंबर 2014 में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर कर दी। याचिका में कहा कि रोड का कुछ हिस्सा दूसरे ठेकेदार ने बनाया था। जबकि सच्चाई यह है कि उसके ऊपर नई सड़क का निर्माण किया गया था।
- ठेकेदार ने अपनी याचिका में ये भी तर्क दिया कि इस मार्ग पर अधिक ट्रैफिक की वजह से सड़क उखड़ गई। निर्माण में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं थी।
- हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में 30 अक्टूबर 2014 को राशि वापस लेने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में 27 मार्च 2015 को ठेकेदार की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया।
- हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी तो भी ठेकेदार ने गारंटी राशि वापस लेने के प्रयास जारी रखे। PWD अधिकारियों से साठगांठ कर परफॉर्मेंस गारंटी की राशि वापस लेने की प्लानिंग की गई। पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन मुख्य अभियंता एमपी सिंह जो 30 सितंबर 2022 को रिटायर हो चुके हैं, उन्होंने रिटायरमेंट से पहले 28 मार्च 2022 को परफॉर्मेंस गारंटी लौटाने के लिए प्रस्ताव भेजा।
- इस प्रस्ताव में ठेकेदार का पक्ष मजबूत करने के लिए मध्यप्रदेश आरबिट्रेशन ट्रिब्यूनल के मामले राधेश्याम त्रिपाठी बनाम मप्र शासन का जिक्र किया। जिसमें परफॉर्मेंस गारंटी की राशि सरकार ने ठेकेदार को वापस की थी।
- इसके बाद तत्कालीन प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार ने 11 अप्रैल 2022 को ठेकेदार को परफॉर्मेंस गारंटी की राशि वापस देने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया। बार बार ऐसे प्रस्ताव आने पर विभाग को संदेह हुआ तो पीडब्ल्यू विभाग ने 30 जुलाई 2024 को उज्जैन के पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता को सच्चाई से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा।
- उज्जैन के पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ने 29 अगस्त 2024 को नया प्रस्ताव पेश किया। जिसमें बताया गया कि परफॉर्मेंस गारंटी के तहत रोड के मेंटेनेंस का काम ठेकेदार को किया जाना था। ठेकेदार ने काम नहीं किया तो विभाग ने मेंटेनेंस का काम किया। इस हालत में सड़क बनाने में हुए विभाग के खर्च को ठेकेदार की परफॉर्मेंस गारंटी की राशि से एडजस्ट करना था। उसके बाद ठेकेदार को परफॉर्मेंस गारंटी की राशि वापस की जानी थी लेकिन कार्यपालन यंत्री ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की।
अब कार्रवाई की तैयारी
तो आपने देखा कि किस तरह एक डिफाल्टर ठेकेदार के पक्ष में पीडब्ल्यू के अधिकारी फाइल चलाते रहे। हालांकि उज्जैन के मुख्य अभियंता की तरफ से अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। विभाग की ओर से टीप लिखी गई कि 28 मार्च और 11 अप्रैल 2022 के पत्रों में कार्यपालन यंत्री को ठेकेदार की जमा राशि को सड़क बनाने के खर्च से एडजस्ट नहीं किया गया। वहीं, ठेकेदार को परफॉर्मेंस राशि का भुगतान करने के लिए पत्र लिख दिया गया। इससे ये स्पष्ट है कि अफसरों की सड़क निर्माणकर्ता एजेंसी से कोई न कोई सांठगांठ है और इसके तहत सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। इस पूरे मामले में अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती है। दोषी अफसरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस या आरोप पत्र देने से पहले मंत्री का प्रशासकीय अप्रूवल लेना उचित होगा। इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट के साथ दोषी इंजीनियरों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए फाइल विभागीय मंत्री राकेश सिंह के कार्यालय को भेजी गई है। जो फिलहाल वहीं है। चर्चा है कि पंचक्रोशी सड़क के मामले में मंत्री कोई बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में हैं।
ये अधिकारी इस दौरान रहे पदस्थ
- नरेंद्र कुमार प्रमुख अभियंता, 4 जनवरी 2022 से 31 जुलाई 2023 तक कार्यरत
- आर के मेहरा प्रमुख अभियंता 13 फरवरी 2024 से निरंतर कार्यरत
- आर पी पवार मुख्य अभियंता 16 दिसंबर 2013 से 28 फरवरी 2014 तक कार्यरत
- अनंत गोरे मुख्य अभियंता 28 फरवरी 2014 से 12 मार्च 2014 तक कार्यरत
- आर के सांवला मुख्य अभियंता, 12 मार्च 2014 से 31 अक्टूबर 2017 तक कार्यरत
- योगेंद्र बागोले मुख्य अभियंता, 31 अक्टूबर 2017 से 20 नवंबर 2017 तक कार्यरत
- एमपी सिंह मुख्य अभियंता, 20 नवंबर 2017 से 30 सितंबर 2022 तक कार्यरत
- आर के जैन मुख्य अभियंता, 30 सितंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक कार्यरत
- योगेंद्र बागोले मुख्य अभियंता, 31 जनवरी 2023 से निरंतर
- जीपी पटेल कार्यपालन यंत्री 13 फरवरी 2012 से 19 मई 2014 तक कार्यरत
- पी के सक्सेना कार्यपालन यंत्री, 19 मई 2014 से 5 अगस्त 2014 तक कार्यरत
- जितेंद्र रांगडेकर कार्यपालन यंत्री, 5 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2014 तक कार्यरत
- पी के सक्सेना, कार्यपालन यंत्री 14 अगस्त 2014 से 25 सितंबर 2014 तक कार्यरत
- एच के राजपूत कार्यपालन यंत्री, 25 सितंबर 2014 से 18 दिसंबर 2014 तक कार्यरत
- किशन वर्मा कार्यपालन यंत्री, 18 दिसंबर 2014 से 22 मई 2015 तक कार्यरत
- पीजी केलकर कार्यपालन यंत्री 22 मई 2015 से 23 मई 2015 तक कार्यरत
- राजेंद्र जोशी कार्यपालन यंत्री 23 मई 2015 से 28 अक्टूबर 2016
- पीजी केलकर कार्यपालन यंत्री 28 अक्टूबर 2016 से 14 दिसंबर 2016 तक कार्यरत
- राजेंद्र जोशी कार्यपालन यंत्री 5 दिसंबर 2020 से 21 जुलाई 2023
- जीपी पटेल कार्यपालन यंत्री
- ए एस रघुवंशी कार्यपालन यंत्री
- जीपी पटेल, कार्यपालन यंत्री
- गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री