
मध्यप्रदेश के उज्जैन मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों के लिए भी बड़ी सौगात मिलेगी। यहां पर कैंसर मरीजों को अब रेडियो थेरेपी मिल सकेगी। उज्जैन में करीब 592 करोड़ रुपए की लागत से बन रही मेडिसिटी ( मेडिकल कॉलेज) को यह सौगात मिल रही हे। मेडिसिटी के बन जाने के बाद कैंसर के मरीजों को लिए रेडियो थेरेपी भी हो सकेगी। यहां के मरीजों को अब इंदौर या अहमदाबाद नहीं जाना होगा। इसके लिए एईआरबी द्वारा मेडिकल एक्सीलेरेटर इंस्टॉलेशन के लिए साइट एवं लेआउट स्वीकृति मिल गयी है।
मध्यप्रदेश की पहली मेडिसिटी बन रही है उज्जैन में
उज्जैन में मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी बन रही है। मेडिसिटी में मेडिकल कॉलेज के साथ ही नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज, अनुसंधान सुविधा के अतिरिक्त डॉक्टर, अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आवास उपलब्ध रहेंगे। लेकिन अब इसमें नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) द्वारा मेडिकल एक्सीलेरेटर की स्थापना के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज स्वीकृति मिल गई है। उज्जैन में इस थेरेपी के लिए साइट एवं ले आउट फाइनल हो चुका है। अब जल्द ही मेडिकल कॉलेज के साथ कैंसर मरीजों के यहां बड़ी राहत मिल सकेगी।
उज्जैन शहर के लिये यह बड़ी सौगात है
उज्जैन शहर को मेडिकल जगत की यह बड़ी सौगात मिली है। यहां पर कैंसर मरीजों को अब रेडियो थेरेपी ( सिकाई) के लिए अन्य बड़ो शहरों में चक्कर नहीं लगाने होंगे। कलेक्टर रौशनकुमार का कहना है कि कॉलेज में बाद में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कॉलेज 592 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। शहर में कैंसर के मरीजों के लिए पहले से थेरेपी की सुविधा तो थी लेकिन अब रेडियो थैरेपी की सुविधा मिलने लगेगी जिससे मरीजों को दूर दराज के क्षेत्रों में नहीं जाना होगा।
रेडियो थेरेपी सुविधा के लिये इन शर्तों का पालन करना होगा
एईआरबी ने जो स्वीकृति पत्र भेजा है उस निर्माण कार्य में एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड की तकनीकी शर्तों के अनुरूप बनाए जाने के निर्देश दिए है जिसमें रोगियों और स्टाफ की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की। एईआरबी ने रेडिएशन सुरक्षा के सभी मानकों जैसे कि आरसीसी निर्माण, सीसीटीवी मॉनिटरिंग, सुरक्षा चेतावनी लाइट्स, इलेक्ट्रिकल इंटरलॉक, एसी डक्टिंग, और आवश्यक सील्डिंग मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।