Ravan Dahan: सुबह रावण का पूजन, शाम को दहन
Ravan Dahan: चिकली में है रावण का मंदिर, दशहरे पर पूजन करने हर साल पहुंचते हैं 25 गाँव के लोग

Ravan Dahan: देश भर में दशहरा का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप मनाया जाता है और इसलिए देश के हर छोटे बड़े शहर में रावण का पुतला दहन होता है ,लेकिन उज्जैन से करीब 20 की मी दूर चिकली गाँव में रावण का मंदिर है और दशहरा पर रावण की पूजा कर उससे वरदान माँगा जाता है।
बुराई के प्रतीक रावण का एक मंदिर उज्जैन के पास चिकली में है जिसका न सिर्फ पूजन पाठ होता है बल्कि रावण के मंदिर के पास चैत्र की नवमी और दशहरा पर मेला भी लगता है। ग्रामीणों का मानना है की ये परम्परा आज से नही बल्कि सदियों पुरानी है कोई नहीं जानता ही की रावण का मंदिर कब और किसने बनाया लेकिन दशहरा पर रावण के पूजन का सिलसिला आज भी चलता है। गाँव में रहने वाले वीरेंद्र बताते है की हमारे पूर्वजो को हमने रावण की पूजा करते देखा और अब हम भी इसी तरह परम्परा का निर्वहन कर रहे है।
पूजन के बाद शाम को दहन भी
गाँव के ही केसर सिंह ने बताया की एक बार ग्रामीण रावण की पूजा करना भूल गए थे इसके बाद गाँव में भीषण आग लग गयी और काफी नुकसान भी हुआ था। जिसके बाद हमेश दशहरा पर रावण की पूजा का विधान है। ग्रामीण बताते है की कई लोग अन्य गाँवों से अपनी अपनी मुराद लेकर भी रावण की पूजा के लिए आते है। चिकली गाँव में ग्रामीण दशहरा के पर्व पर शाम को रावण दहन भी होता है।
25 गाँव के लोग आते है रावण दर्शन को
दशहरा के एक दिन पहले मंदिर में साज सज्जा भी की जाती है करीब आसपास के 25 गाँव के लोग यहां पर आते है ख़ास बात ये की रावण के पूजन में मुस्लिम समाज भी भागीदारी करता है और मान्यता है की रावण के मंदिर में जो भी भक्त अपनी मन्नत मांगता है उसकी हर मनोकामना पुरी होती है इसी के चलते रावण के इस मंदिर में न सिर्फ उज्जैन के बल्कि गुजरात राजस्थान के लोग भी दर्शन के लिए पहुंचते है।