चिंतामन गणेश के दरबार में सरस्वती पुत्रों ने समा बांधा

चैत्र माह के साथ ही श्रीगणेश की जत्रा शुरू, महोत्सव की रंगारंग शुरूआत
समाचार आज। उज्जैन
श्री महाकालेश्वर की नगरी उज्जयिनी में बाबा महाकाल के पुत्र प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश के दरबार में भी भक्तों का मेला लगने लगा है। चैत्र मास शुरू होते ही श्री चिंतामन गणेश पर भक्तों का मेला लगने लगा है। यहां चैत्र माह के प्रत्येक बुधवार को भक्तों का मेला लगता है। हजारों की संख्या मेें दर्शनार्थी यहां पहुंचते हैं और श्रीगणेश का दर्शन कर मुंहमांगी मुराद पाते हैं। मंदिर समिति भी प्रत्येक बुधवार को चैत्र महोत्सव मनाती है।
होली के बाद आने वाले पहले बुधवार को इस बार श्री चिंतामन गणेश की पहली जत्रा का आयोजन हुआ। दिनभर दर्शनार्थियों का हुजुम श्रीगणेश की पूजा-अर्चना में लगा। शाम को मंदिर समिति द्वारा आयोजित चैत्र महोत्सव की शुरुआत हुई जिसमें शहर के कई ख्यात कलाकारों ने मंच से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। चिंतामन गणेश मंदिर समिति के प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ कार्यक्रम के अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य विनोद यादव, चिंतामन मंदिर समिति के सदस्य आत्माराम पटेल गांधी, मंदिर के पुजारी शंकर गुरु, गणेश गुरु आदि ने भगवान गणेशजी का पूजन व दीप प्रज्वलित कर किया।
इसके पश्चात अभिषेक माथुर, रोशन चौधरी, निकुंज शर्मा, गिरिश सिसौदिया, समर्थ घाघरे, राकेश घाघरे आदि ने सामूहिक रूप से तबला वादन किया। दूसरी प्रस्तुति नृत्य की हुई जिसमें सिद्धा कला अकादमी की निर्देशिका श्रीमती ऋतु शर्मा के निर्देशन में नंदनी वाध्व, यशिका पांडे, कृतिका शर्मा, जितानशी जैन, वैभवी श्रीवास्तव, सृष्टि शर्मा, हर्षिता मुछाल, अवनी शर्मा, परी जैन व स्वरा पाठक ने समूह में आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। दर्शकों ने तालियों के साथ कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम के समापन पर मंदिर समिति की ओर से सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिह्न आदि भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राहुल शर्मा, अजय शर्मा आदि भी मौजूद थे।
एक महीने तक चलने वाली जत्रा की मान्यता
मान्यता है की जो भी भक्त चैत्र माह के एक महीने में बुधवार के दिन भगवान गणेश के दर्शन लाभ लेता है उसे मन वांछित फल की प्राप्ति होती है। जिसके चलते देशभर से श्रद्धालु भगवान चिंतामन गणेश के दर्शन के लिए उज्जैन पंहुचते है और अपने साथ धान लाकर भगवान् गणेश को अर्पित करते है। चिंतामन गणेश मंदिर की स्थापना भगवान श्री राम और लक्षमण जी ने की थी यंहा एक मूर्ति में चिंतामन, इच्छामन और सिद्धि विनायक गणेश जी के दर्शन होते है मान्यता है की चैत्र के महीने में भगवान चिंतामन गणेश जी को जो भी भक्त चारो बुधवार जत्रा में दर्शन करने आते है उन्हें मन चाहा वर मिलता है। यंहा खास तौर से वो भक्त जिन्हें संतान सुख नहीं है या जिनकी शादी में बाधा उतप्न्न हो रही हो उन्हें चैत्र के चारो बुधवार में आकर दर्शन करना चाहिए उनकी मनोकामना जरुर पूरी होती है चैत्र के एक माह तक जत्रा का आयोजन चिंतामन मंदिर में होता है। इस दौरान एक माह में आने वाले सभी बुधवार को जत्रा में श्रद्धालु शामिल होते है और अपनी उपज में से धान चढ़ाकर भगवान से आशीर्वाद लेते है। वर्षों पुरानी परम्परा है की इस माह में किसान जो भी उपज अपने खेतों में उगाता है वो भगवान गणेश को चढ़ाई जाती है। साथ ही आने वाले वर्ष में पैदावार अच्छी हो इसकी भी प्रार्थना करते है।