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shankaracharya-nischalanand-saraswati : नेताओं में क्षमता बची नहीं, दिशाहीन व्यापारी चला रहे देश

shankaracharya-nischalanand-saraswati : उज्जैन में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में देश-विदेश में खराब हालातों पर की टिप्पणी

shankaracharya-nischalanand-saraswati : श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्री मज्जगदुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज ने शुक्रवार को उज्जैन में कहा कि देश हो या विदेश सभी दूर दिशाहीन व्यापारियों का कब्जा हो गया है और वे ही देश चला रहे हैं। नेताओं में कुछ करगुजरने की क्षमता बची नही है। उन्होंने व्यापारियों को कामकाज सौंप दिया।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलाचंद सरस्वती महाराज उज्जैन में इन दिनों तीन दिनों के प्रवास पर हैं। शुक्रवार सुबह झालरिया मठ नरसिंह घाट पर आयेाजित धार्मिक आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में एक प्रश्न का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में दिशाहीन व्यापारी आ गये हैं। कोई भगवा धारण किये हुए भी मिल जायेगा जो योगी बनकर आपको योग और मोक्ष समझायेगा और लूट लेगा। नेताओं की क्षमता कम होने के कारण यह स्थिति बनी है।

कर्म का फल निश्चित है

एक सवाल के जबाव में शंकराचार्य जी ने कहा कि अगर आप प्रतिदिन धर्म आधारित धार्मिक क्रियाकलापों को करते हैं और फिर भी आपके जीवन में दुःख है तो यह जरुर आपके किसी कर्म का फल है। जो बीज आपने आज बोया है उसका फल बाद में मिलेगा, लेकिन जो पहले बो चुके हैं उसका तो फल भोगना ही पड़ेगा। जीवन में कर्म फल तो निश्चित भोगना होता है।

यह भी कहा शंकराचार्य जी ने

  • – गीता प्रेस गोरखपुर की नित्य कर्मपूजा प्रकाश नामक पुस्तक से दिनचर्या व पूजन के बारे में समझने में मदद मिलेगी। राह भटकने की संभावना कम होगी।
  • अगर जीवन भर धर्मविरोधी कार्यों में लगा व्यक्ति अंतिम समय में भगवत स्मरण करता है तो उसका मोक्ष निश्चित है। क्योंकि भगवत स्मरण के बाद व्यक्ति जो जाने-अनजाने पाप कर्म करता है। उनका पाप फिर बढ़ जाता है। लेकिन मृत्युशैया पर भगवत स्मरण कर रहे व्यक्ति को बाद में कुछ कर्म करने का मौका ही नहीं मिलता।
  • अगर गोवंश बचाना है तो पारंपरिक खेती की ओर आना पड़ेगा, ताकि गाड़ियों और खेतों में बैल व दुग्ध उत्पादन में गायों की जरुरत बनी रहे। इनकी उपयोगिता बढ़ते ही कटाई स्वतः खत्म हो जायेगी।
  • तंत्र मंत्र से जटिल रोगों का इलाज भी संभव है।
  • पूर्वजों की मुक्ति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ साफ उच्चारण वाले ब्राह़मण से करवाना चाहिए।

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