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suicide-by-brother-and-sister-in-ujjain : बच्चों का खून मां ने रख दिया फ्रीज में….. जानिए क्यों

suicide-by-brother-and-sister-in-ujjain : उज्जैन में बोहरा भाई-बहन के मौत की दर्दनाक दास्तां...

suicide-by-brother-and-sister-in-ujjain : उज्जैन में 29 मार्च 2024 की शाम मृत मिले बोहरा भाई-बहन का खून उनकी मां ने पॉलीथिन में लेकर फ्रीज में रख दिया था। ताकि लापरवाह पित को बता सके कि देखों ये है तुम्हारे बच्चो का खून…..। इस तरह की दर्दनाक दास्तां युवा भाई-बहन की मौत के बाद सामने आई है।

उज्जैन में बोहरा भाई-बहन की 29 मार्च को हुई दर्दनाक मौत  के मामले में 2 अप्रैल को पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया। दोनों पिता की अनदेखी से नाराज थे और इस कारण उन्होने मां के सामने ही अपने हाथ की नस काटी थी। नस काटने के बाद भाई-बहन का काफी खून बहा तो मां ने उसे पॉलीथिन में लेकर फ्रीज में रख दिया। ताकि लापरवाह पिता को बच्चों का खून बता सके। जमीन पर फैला खून भी मां ने ही साफ किया। नस कटने के बाद भी बच्चों की मौत नहीं हुई और वे तड़प रहे थे तो उन्हें सल्फास भी खिलाई ताकि वे चैन से मर सके। यह सल्फास मां खुद की जान देने के लिए लाई थी। दरअसल कुवैत में रह रहे पिता की उपेक्षा से नाराज परिवार ने सामूहिक हत्या का प्लान बनाया था। लेकिन बाद में मां इसलिए जिंदा रही कि बच्चों की मौत की खबर के बाद भी पिता उनकी खैर-खबर लेने उज्जैन आते हैं या नहीं। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में माता और पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

उज्जैन की बोहरा बाखल सैफी मोहल्ला में 29 मार्च 2024 की शाम घर में ताहेर पिता सादिक हुसैन (29) और उसकी बहन जेहरा (15) का शव मिला था। दोनों के हाथ की नस कटी हुई थी। लाश सबसे पहले मां फातिमा ने देखी थी। पिता सादिक हुसैन कुवैत में नौकरी करता है। मां ने ही बच्चों की लाश देखकर लोगों को बताया और पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके से पुलिस को पिता के नाम लिखा गया सुसाइट नोट बरामद हुआ था।  घटनास्थल से मिले सुसाइड नोट पर लिखा है, ‘आपने मेरी आंखों का इलाज नहीं करवाया। आपने हमारा ध्यान नहीं रखा। मां भी ध्यान नहीं रखती हैं।’ बच्चों के पिता सादिक हुसैन कुवैत में रहते हैं। उनकी पत्नी फातिमा प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। ताहिर बोहरा समाज के बच्चों की ऑनलाइन ट्यूशन लेता था। ताहिर की आंखें कमजोर थीं। उसे देखने में भी दिक्कत होती थी। इलाज चल रहा था। पिता का उज्जैन कम ही आना-जाना था।

घटनास्थल पर खून नहीं मिलने से उलझी पुलिस

घटना पहली नजर में आत्महत्या प्रतीत हो रही थी। लेकिन दोनों युवाओं के हाथ की नस कटने के बाद भी घर में खून नहीं मिलने से पुलिस उलझी हुई थी, ऐसा कैसे हो सकता है। पुलिस घटना के बाद उलझ गई थी। मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया गया तो शरीर में जहर होना भी सामने आया। घटना की गंभीरता को देखते हुए बारिकी से जांच शुरू की गई। भाई-बहन के साथ मां फातिमा रहती थी, जो काफी बदहवास थी। लेकिन बार-बार बयान में भिन्नता होने के कारण शंका के  दायरे में भी थी।  एक दिन बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो चौकाने वाला खुलासा हुआ। इस बीच कुवैत में रहने वाला पिता भी बेटे-बेटी की मौत का पता चलने पर उज्जैन लौट आया था। पुलिस ने उसे भी हिरासत में लिया। चार दिन बाद भाई बहन की मौत के मामले में माता-पिता को धारा 306, 305 में गिरफ्तार कर लिया गया।

सालों से घर नहीं आया था पिता, बीमार बच्चे डिप्रेशन में थे

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मृतक भाई बहन का पिता सालों पहले कुवैत चला गया था वह पांच सालों से घर नहीं आया था। बेटे ताहेर को आंखों की गंभीर बीमारी थी, उसे रात होने पर दिखाई देना बंद हो जाता था।  जिसका उपचार नहीं होने पर वह डिप्रेशन में रहने लगा था। मां निजी स्कूल में नौकरी कर घर खर्च चला रही थी। पिता के नहीं आने की बात सुनकर बहन के साथ उनकी मां भी डिप्रेशन में आ गई थाी। पिता सादिक हुसैन ने फोन पर कह दिया था कि उससे ज्यादा उम्मीद मत रखना, वह नहीं आ सकता है, ना ही उपचार करा सकता है। इसी तनाव में आकर भाई-बहन ने सुसाइड का तय किया

बेटा बोला था पिता को दिखाना खून

पिता सादिक हुसैन की उपेक्षा के कारण पत्नी और दोनों बच्चों तनाव में आ चुके थे। मां को पता था कि दोनों बच्चे सुसाइड कर लेगें। वह भी मरना चाहती थी। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया घटना वाले दिन दोनों बच्चों ने नींद की गोलियां खा ली थी। उसके बाद भी मां स्कूल चली गई। जब शाम को लौटी तो दोनों बच्चों को कुछ नहीं हुआ था। दोनों भाई बहन आत्महत्या करना तय कर चुके थे। दोनों भाई बहन ने मां के सामने हाथ की नस काट ली। मां भी मरना चाहती थी लेकिन बेटे ने कहा कि हमारा खून पिता के लौटने पर दिखाना। दोनों का खून बहने पर मां ने उसे फ्रीज में रख दिया।

बच्चों को तड़पता देख खुद के लिए लाई सल्फास उन्हें खिला दी

घटना के दिन ताहेर ने पहले अपनी और बाद में बहन के हाथ की नस काटी। खून बहने के काफी देर बाद भी मौत नहीं आई और वे तड़प रहे थे। मां अपने लिये बाजार से सल्फास की गोलियां लाई थी। दोनों भाई बहन ने वह भी मां से लेकर खा ली। पूरा घटनाक्रम मां के सामने हुआ। सल्फास खाने के बाद दोनों बच्चे अचेत हो गये। मां ने दोनों बच्चों के हाथ से निकला खून फ्रीज में रख दिया। घर में फैले खून को साफ कर कपड़ा भी छिपा दिया था। जब दोनों की मौत हो गई तो देर शाम लोगों को बताया कि बच्चों ने सुसाइड कर लिया है।

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