Sukhdev Singh Gogamedi murder case : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड: दुश्मनों के गठबंधन का नतीजा
हत्याकांड के पीछे रेप का बदला भी, तार नेपाल से भी जुड़े, बढ़ता वर्चस्व भी बन गया जान का दुश्मन: जानिए बिंदुवार घटनाक्रम...

Sukhdev Singh Gogamedi murder case : श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष राजस्थान के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में नितनए खुलासे हो रहे हैं। पहले गैंगवार, फिर व्यक्तिगत विवाद और अब हत्या के आरोपी नितिन फौजी और अन्य के पकडे जाने के बाद घटना में नया मोड़ यह आया है कि सुखदेख सिंह गोगामेड़ी की हत्या के पीछे एक रेप केस का मामला भी है। उसी का बदला लेने के लिए नेपाल मे बैठे वीरेंद्र चारण ने रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को सुपारी दी थी। इन्हे 50 हजार रुपए देने के साथ ही कनाडा में बसाने का लालच भी दिया गया था।
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या का राज खुल गया है. 5 दिसंबर को जयपुर के श्याम नगर में दो शूटर्स नितिन फौजी और रोहित राठौड़ ने गोगामेड़ी को उनके घर पर ही गोलियों से भून दिया था. जानकारी मिली है कि इस हत्या का मास्टरमाइंड रोहित गोदारा है और वह इस वक्त विदेश में है.दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने तीन ऐसे आरोपी दबोचे हैं जिनकी जुबान से हत्या के मास्टरमाइंड के नाम खुलासा हो गया है. इस सनसनीखेज हत्याकांड में एक गैंगस्टर का भी नाम आ रहा है जिस तक पहुंचने की कवायद पुलिस ने शुरू कर दी है. नेपाल में बैठे वीरेंद्र चारण ने रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को गोगामेडी की हत्या की सुपारी दी थी। वर्चस्व और कई तरह के विवादों के चलते यह हत्या कराई गई। सुखदेव की हत्या के लिए लॉरेंस ने संपत नेहरा और संपत ने रोहित गोदारा और रोहित ने वीरेंद्र चारण को टास्क दिया। वीरेंद्र ने भवानी सिंह उर्फ रॉनी को पहले तैयार किया था। जो अपने साथी सुमित और राहुल के साथ पुलिस की पकड़ में आ गया। इसके बाद नवीन के जरिए रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को तैयार किया। नितिन फौजी को लालच दिया गया कि सुखदेव को मार दिया तो उसे पत्नी के साथ कनाडा में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वह संपत नेहरा व रोहित गोदारा के नजदीक हो जाएगा। वहीं, रोहित राठौड़ ने रेप केस का बदला लेने के लिए गोगामड़ी की हत्या कर दी। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया- सुखदेव की हत्या करने के लिए नवीन शेखावत ही रोहित और नितिन को लेकर सुखदेव के घर गया था। हत्याकांड में मारा गया नवीन पहले से वीरेंद्र चारण व रोहित गोदारा के संपर्क में था। ऐसे में बदमाशों ने शूटरों को गोगामेड़ी के घर में प्रवेश कराने के लिए नवीन का उपयोग किया। इसके लिए नवीन ने गाड़ी किराए पर ली थी। मिलने के बहाने दोनों को साथ ले गया। इसके बाद 5 दिसंबर को अजमेर रोड पर तीनों आपस मिले। सीधे गोगामेड़ी के घर पहुंच गए। गोगामेड़ी की हत्या कर दी।
मास्टर माइंड कौन है, उसने ऐसा क्यों किया
सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड के तार अब विदेश से जुड़ गये है। हत्या का मास्टर माइंड विदेश में बैठा है और वहीं से उसने पूरी प्लानिंग कर इस घटनाक्रम को अंजाम दिया। मास्टर माइंड कौन है, उसने ऐसा क्यों किया और किस-किस का उपयोग कर इस चर्चित हत्याकांड को अंजाम दिया। अब इस पर भी प्रकाश डालते हैं। पुलिस सू़त्र बताते हैं कि सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड का मास्टरमाइंड विदेश में बैठा है। राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा ही मास्टरमाइंड है. रोहित गोदारा ने सुखदेव की हत्या का टास्क और शूटर अरेंज करने की जिम्मेदारी अपने राइट हैंड वीरेंद्र चारन को दी थी. वीरेंद्र चारन के साथ राजस्थान की जेल में रोहित राठौड़ बंद था। रोहित राठौड़ रेप के केस में अजमेर जेल में वीरेंद्र चारन के साथ बंद था. रोहित ने पूछताछ में बताया कि उसके ऊपर रेप का केस दर्ज था, जिसमें सुखदेव उसके खिलाफ पैरवी कर रहे थे. जिससे वो सुखदेव से गुस्से में था. रोहित के गुस्से का फायदा वीरेंद्र चारन ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए रोहित को तैयार किया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड केस में बड़ा खुलासा यह भी हुआ है. शूटर नितिन और रोहित को हत्या से पहले 50-50 हजार रुपये मिले थे. चंडीगढ़ के बाद दोनों का गोवा जाने का प्लान था. गोवा के बाद साउथ इंडिया के इलाकों में छिपते और इसी दौरान पासपोर्ट और इनके विदेश जाने का इंतजाम होना था. लेकिन इससे पहले ही पकड़े गए। दिल्ली पुलिस के अनुसार रोहित और नितिन ने मात्र 50 हजार रुपए के लिए सुखदेव सिंह की हत्या की थी। अब पुलिस इस मर्डर में सहयोग करने वाले और सोशल मीडिया पर इन्हें फॉलो करने वालों को भी पकड़कर पूछताछ करेगी। हत्या के लिए हथियार बाड़मेर से मंगवाए गए थे। यह वही हथियार हैं, जो राजू ठेहट की हत्या में प्रयोग लिए गए थे। शूट आउट की प्लानिंग और ऑर्डर देने वाला निरंतर दोनों बदमाशों के सम्पर्क में था।
आरोपी को विदेश भागना था, लेकिन मोबाइल और सीसीटीवी ने पुलिस को सुराग दे दिया
पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित, नितिन और उधम होटल कमल रिजॉर्ट नाम के गेस्ट हाउस में चंडीगढ़ में छिपे थे। यहां तीनों आरोपी नाम बदलकर छिपे थे। आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड दविंदर कुमार, जयवीर सिंह और सुखबीर सिंह के नाम से बना रखे थे। इससे उनकी पहचान उजागर नहीं हो। पुलिस कमिश्नर ने मीडिया को बताया हत्या करने के बाद आरोपियों की लोकेशन हिसार में आई। टीम ने बदमाशों का मूवमेंट धारूहेड़ा व हिसार में होने के कारण दिल्ली क्राइम ब्रांच से संपर्क किया। जहां से इंस्पेक्टर राकेश कुमार टीम लेकर पहुंच गए। इसके बाद जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया। हिसार रेलवे स्टेशन से रोहित और नितिन के सीसीटीवी फुटेज निकाले गए। साथ ही गुड़गांव की जेल में भवानी सिंह से पूछताछ के बाद उधम सिंह का नाम सामने आया। इसकी लोकेशन के आधार पर टीम चंडीगढ़ पहुंची। दबिश देकर नितिन फौजी, रोहित राठौड़ और उधम सिंह को साथ-साथ पकड़ लिया। इसके बाद नितिन को जयपुर लाया गया, जबकि रोहित राठौड़ और उधम को क्राइम ब्रांच पहले दिल्ली ले गई। पूछताछ करने के बाद रविवार दोपहर में जयपुर लाकर राजस्थान पुलिस को सौंप दिया।
कौन हैं मास्टर माइंड और घटना को अंजाम देने वाले
पुलिस को इन लोगों के बारे में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की प्लानिंग करने वाले और हत्याकांड को अंजाम देने वाले कहीं न कहीं गोगामेड़ी से रंजिश खाये हुए थे और इन सभी लोगों के एकसाथ मिलने से गोगामेड़ी हत्याकांड का स्वरुप सामने आया है। गोगामेड़ी की हत्या का प्लान बनाने वाला वीरेंद्र चारण सालों से फरार है। एक लाख रुपए के इनामी बदमाश वीरेंद्र चारण ने नेपाल में रहकर भवानी के मार्फत नितिन और रोहित को सुखदेव की हत्या करने के लिए तैयार किया। इसने नवीन शेखावत के जरिए रोहित और नितिन को हत्या करने के लिए तैयार किया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गोगामेड़ी की हत्या करने वाले रोहित पर वैशाली नगर में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने पॉक्सो एक्ट में रेप का मामला दर्ज कराया। साल 2017 में दर्ज इस मामले में गोगामेडी ने लड़की वालों का साथ दिया। इसके कारण रोहित राठौड़ को कई समय तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि बाद में इस मामले में खात्मा हो गया था। रोहित गोगामेड़ी से इस का बदला लेना चाहता था। इसलिए वह पैसों के लिए हत्या करने के लिए तैयार हो गया। हत्याकांड के लिए वीरेंद्र चारण ने नवीन और भवानी सिंह की जरिए नितिन फौजी से सम्पर्क किया था। दरअसल, नितिन फौजी पहले भी भवानी सिंह के साथ गांव में एक व्यक्ति पर फायरिंग कर चुका था। नितिन फौजी के दिमाग में यह बिठा दिया गया था कि उसकी फायरिंग वाली घटना के बाद नौकरी नहीं रहेगी। आर्मी वाले उसे नौकरी से निकाल कर जेल में डाल देंगे। इससे अच्छा है कि वह एक हत्या कर दे तो उसे और उसके परिवार को कनाडा शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे उसे और परिवार को कोई परेशानी नहीं होगी। कनाडा जाने के लालच में नितिन भी वीरेन्द्र चारण के जाल में फंस गया। अब बात करते हैं हत्याकांड में सहयोगी रहे रामवीर और उधम सिंह की। शूटर्स की मदद करने वाला रामवीर और नितिन फौजी गहरे दोस्त हैं। रामवीर व नितिन के गांव आस-पास हैं। दोनों आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल महेंद्रगढ़ में कक्षा 12वीं में एक साथ पढ़े थे। रामवीर जाट ने जयपुर में होटल समेत हर सुविधा आरोपियों को उपलब्ध कराई थी। महेश नगर,मानसरोवर ,जगतपुरा सहित कई जगहों पर रामवीर ने दोनों को रुकवाया। सुविधा मुहैया कराई थी। वहीं, सुखदेव हत्याकांड में रोहित और नितिन की फरारी कटवाने के लिए उधम सिंह ने हिसार से लेकर चंडीगढ़ तक रुपए, गाड़ी और होटल की व्यवस्था कराई। पुलिस ने रोहित, नितिन के साथ उधम को भी चंड़ीगढ़ से गिरफ्तार किया हैं।
बढ़ता वर्चस्व ही नुकसानदायी साबित हुआ
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इससे पहले लंबे समय तक राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े रहे थे। विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। साल 2006 में सबसे पहले करणी सेना बनी थी। बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था। साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को श्री राजपूत करणी सेना का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया था। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना है। वहीं सुखदेव सिंह राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम का संगठन संभाल रहे थे। 5 दिसंबर को दोपहर करीब 1 बजे 2 बदमाशों ने गोगामेड़ी पर गोलियां चलाईं, फिर भाग निकले थे। गोगामेड़ी को मेट्रो मास हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। गोगामेड़ी के साथ घटना के दौरान मौजूद गार्ड अजीत सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बदमाशों की फायरिंग में नवीन शेखावत की भी मौत हो गई थी। नवीन ही बदमाशों को गोगामेड़ी के घर ले गया था।