
उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर के लिए यह गर्व का क्षण है। उज्जैन की बेटी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर आयशा सना कुरैशी ने पोलैंड में आयोजित सौंदर्य प्रतियोगिता में ‘मिस इंडिया पोलैंड 2025’ का प्रतिष्ठित खिताब जीतकर देश और प्रदेश का नाम अंतर्राष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है। पोलैंड में एक आईटी कंपनी में कार्यरत आयशा अब अगले साल अमेरिका में होने वाली विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में पोलैंड का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मिस इंडिया पोलैंड 2025 का ताज इस बार उज्जैन की प्रतिभाशाली बेटी आयशा सना कुरैशी के सिर सजा है जिसने अपनी अलग पहचान और लगन से यह खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि उनके जीवन की नई ऊंचाई को दर्शाती है। इस खिताब के साथ आयशा ने साबित कर दिया कि जब आत्मविश्वास और परिश्रम एक साथ होते हैं तो सफलता खुद आपके कदम चूमती है। इसके साथ ही बचपन से देखा उनका ड्रीम भी पूरा हो गया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक्ट से जीता मंच
आयशा ने यह खिताब 23 नवंबर को पोलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में जीता। आयशा ने रेम्प वॉक के साथ-साथ अन्य सभी श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। मंच पर उनके ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक्ट को विशेष रूप से सराहा गया, जिसने उन्हें निर्णायक बढ़त दिलाई। इस शानदार जीत के बाद, आयशा अब न्यूयॉर्क (USA) में आयोजित होने वाली ‘मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2026’ प्रतियोगिता में पोलैंड का प्रतिनिधित्व करेंगी।
आदर्श नगर से पोलैंड तक का प्रेरणादायक सफर
आयशा सना कुरैशी उज्जैन के आदर्श नगर, नागझिरी की निवासी हैं।
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शिक्षा: उन्होंने अपनी सेकेंडरी तक की शिक्षा उज्जैन के सेंट पॉल स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एमआईटी कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की।
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करियर: इंजीनियरिंग के बाद 2015 में उनका चयन अमेरिका की एक आईटी कंपनी में हुआ। 2019 में उन्होंने पोलैंड में नौकरी जॉइन की और वर्तमान में वह एक बड़ी आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
आयशा की इस उपलब्धि से पूरे उज्जैन शहर में खुशी की लहर है।
माता-पिता बोले: बचपन का सपना हुआ पूरा
आयशा के पिता मुक्तदिर खालिद कुरैशी और मां जरका कुरैशी ने अपनी बेटी की सफलता पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने बताया: “आयशा शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। साथ ही उसे एक्टिंग और मॉडलिंग का भी शौक था। हमने कभी उसे रोका नहीं। बचपन से ही उसका सपना मिस इंडिया बनने का था और आज उसने पोलैंड के मंच पर भारत का नाम चमकाया है।”
आयशा की यह जीत बताती है कि प्रतिभा और समर्पण के दम पर कोई भी व्यक्ति अपनी जड़ों से दूर रहकर भी देश का गौरव बढ़ा सकता है।



