विक्रमादित्य की नगरी में इस बार खास होगा विक्रम उत्सव

नए विक्रम संवत्सर के स्वागत का उत्सव 25मार्च से होगा शुरू, 9 दिनों तक चलेगा महोत्सव
समाचार आज । उज्जैन
इस साल विक्रम संवत् 2079 का स्वागत राजा विक्रमादित्य की नगरी में विशेष रूप से किया जायेगा। पहले दिन 2 अप्रैल को उज्जैन का जन्म उत्सव मनेगा। यूं तो शहर मे विक्रम उत्सव पिछले 16 साल से मनाया जा रहा है। लेकिन इस बार यह उत्सव खास होगा और कोशिश रहेगी इसे रोजगार उत्सव के रूप में स्थापित करने की।
विक्रम उत्सव की शुरुआत उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव व साथियों ने उस वक्त की थी तब वे उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे। प्रारंभिक दौर में आयोजन शिप्रा तट पर सूर्यदेव को अघ्र्य देने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। बाद में इसकी छटां साल-दर-साल बढ़ती गई और कवि सम्मेलन व अन्य कार्यक्रम भी आयोजन से जुड़े। चूंकि अब डॉ. यादव खुद उच्च शिक्षा मंत्री हैं और इस बार कोरोना का रोड़ा भी नहीं है, इस कारण इस बार आयोजन भी भव्य होना तय है।
विक्रमोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष और उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने रविवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि इस बार का विक्रमोत्सव 9 दिवसीय होगा। 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच शहर में कई स्थानों पर अलग-अलग तरह के आयोजन होंगे। गुड़ी पड़वा(2 अप्रैल) को उज्जैन का जन्मउत्सव मनाया जाना है लिहाजा इस बार के विक्रमोत्सव को रोजगार उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नवाखेड़ा में स्थापित होने वाले प्रतिभा सिंटेक्स के कारखाने की नींव रखेंगे। इस कारखाने से सीधे तौर पर उज्जैन के 4 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
विक्रम उत्सव में कहां-क्या : कैलाश खैर भजनों से सजेगी गुड़ी पड़वा की शाम
- 25 मार्च की शाम 7 बजे राज्यपाल मंगूभाई पटेल कालिदास अकादमी में उत्सव का शुभारंभ करेंगे। दोपहर 2 बजे जीडीसी कॉलेज से कलश यात्रा निकलेगी।
- 25 से 31 मार्च के बीच हर रोज सम्राट विक्रमादित्य के गौरवशाली इतिहास पर भारत के अलग-अलग राज्यों में प्रचलित कथाओं और नाटकों का मंचन होगा।
- 9 दिन की अवधि में कालिदास अकादेमी, विक्रमादित्य शोध पीठ बिड़ला भवन, सामाजिक न्याय परिसर, शहीद पार्क, शिप्रा तट और गुमानदेव हनुमान मंदिर 6 स्थानों पर अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।
- 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा की सुबह 5.30 बजे दत्त अखाड़ा घाट पर सूर्य को अघ्र्य दी जाएगी।
- 21 मार्च से 2 अप्रैल के बीच कालिदास अकादेमी परिसर में सुबह 10 से शाम 5 बजे के बीच सम्राट विक्रमादित्य आधारित प्रदर्शनी को आम लोग देख सकेंगे।
- 31 मार्च की शाम शहीद पार्क पर अखिल भारतीय स्तर का कवि सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें देश के कई नामी-गिरामी कवि शामिल होंगे।
- 28, 29 और 30 मार्च को सामाजिक न्याय परिसर में महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य का मंचन होगा।
- 1 अप्रैल की शाम प्रसिद्ध गीतकार और कवि मनोज मुंतशिर अपनी प्रस्तुतियां देंगे, यह आयोजन युवाशक्ति पर केंद्रित होगा।
- 2 अप्रैल की शाम शिप्रा तट पर प्रसिद्ध गायक कैलाश खैर भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।