कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर देशव्यापी बैन: तमिलनाडु, MP के बाद केरल में भी रोक; छिंदवाड़ा में 11 बच्चों की मौत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर: तमिलनाडु के बाद, शनिवार को मध्य प्रदेश और केरल ने भी कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस सिरप के कारण अकेले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 27 दिनों के भीतर 1 से 5 साल की उम्र के 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस सिरप का निर्माण तमिलनाडु के कांचीपुरम में हो रहा था।
MP में 11 मौतें, वजह डायएथिलीन ग्लाइकॉल
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत हो गई है, जिसका पहला मामला 24 अगस्त को सामने आया था। एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि सिरप की जांच में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा से अधिक पाई गई, जिसके कारण यह विषैला हो गया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कोल्ड्रिफ सिरप पीने से मरने वाले 11 बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
राजस्थान में सिरप से तीसरी मौत, केसंस फार्मा प्रतिबंधित
उधर, राजस्थान में भी दूसरे कफ सिरप डेक्सट्रोमेथोरपन हाइड्रोब्रोमाइड से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है।
- शनिवार को चूरू के 6 साल के एक बच्चे ने इलाज के दौरान जयपुर के जेके लोन अस्पताल में दम तोड़ दिया, जो इस सिरप से होने वाली तीसरी मौत है।
- इससे पहले, सीकर और भरतपुर में भी एक-एक मौतें सामने आई थीं।
- यह सिरप जयपुर स्थित केसंस फार्मा कंपनी द्वारा बनाया जाता था। राजस्थान सरकार ने कंपनी की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है।
- राज्य सरकार ने ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को भी निलंबित कर दिया है, जिन्होंने पहले कंपनी को क्लीन चिट दी थी।
इन मौतों के बीच, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि बच्चों की मौत की वजह सिरप नहीं है। हालांकि, सरकार ने ऐक्शन लेते हुए संबंधित कंपनी पर रोक लगा दी है।
देशव्यापी चिंता
तमिलनाडु की मैन्युफैक्चरिंग वाली कोल्ड्रिफ और जयपुर की केसंस फार्मा द्वारा निर्मित सिरप से हुई बच्चों की मौत ने देश भर में दवा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं। तमिलनाडु, मध्य प्रदेश के बाद केरल में भी कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन लगा दिया गया है।



