अधिकारी निकले सड़कों पर, आवारा रिक्शा चालक अब नहीं चल पायेंगे
नाबालिग से दुष्कर्म की घटना के बाद जागा प्रशासन, कई नाबालिग गैरकानूनी तौर पर रिक्शा चलाते मिले

समाचार आज @ उज्जैन,
धार्मिक नगरी उज्जैन में पिछले दिनों एक बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद अब आखिरकार प्रशासन अब जाग गया है। शनिवार को आरटीओ की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सड़कोंं पर उतरकर (Ujjain me auto rikshaw) रिक्शा चालकों की चैकिंग का अभियान चलाया। इस दौरान उन्हें कई नाबालिग भी रिक्शा चलाते मिले, जिनके पास लाइसेंस भी नहीं था। कई रिक्शा बिना परमिट-बिना नंबर के दौड़ते पाये गये। करीब पचास से अधिक ऐसे रिक् शों को टीम ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया है।
शनिवार को आरटीओ संतोष मालवीय के साथ आरटीओ के उड़़नदस्ते चैकिंग अभियान चलाया। टीम का टारगेट शहर में दौड़ रहे ऑटो रिक्शा थे। टीम ने रिक् शा के कागजात के साथ ही रिक्शा चालकों का रिकार्ड भी जांचा। जांच में कई रिक्शा चालक नाबालिग भी सामने आये , जो बिना किसी लाइसेंस और परमिट के सड़कों पर बेखौफ रिक्शा दौड़ा रहे थे। टीम ने कार्रवाई के दौरान करीब 50 से अधिक ऐसे रिक्शा चालकों को पकड़ा है जो कि सड़कोें पर गैरकानूनी तौर पर रिक्शा दौड़ा रहे थे। इन्हें पकड़कर चालानी कार्रवाई की गई और संदिग्ध को पुलिस के हवाले भी किया गया है।
अपराधों पर अंकुश के लिए अभियान जरूरी
आरटीओ मालवीय ने बताया कि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए यह अभियान काफी जरूरी है। शहर में हो रहे जघन्य अपराधों में रिक्शाचालकों की संलिप्तता सामने आने के बाद इन पर अंकुश जरूरी हो गया है। पिछले दिनों उज्जैन में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना और उसके बाद औंकारेश्वर में हुई वारदात के बाद यह अभियान बहुत जरूरी हो गया था। शहर में जिस तरह से ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा की बाढ़ आ गई है, ऐसे में अब इन पर अंकुश बहुत जरूरी हो गया है।
(Ujjain me auto rikshaw)
महाकाल महालोक के बाद तेजी से बढ़े रिक्शा, संख्या 10 हजार से अधिक
उज्जैन में महाकाल महालोक बनने के बाद जिस तेजी से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है, उतनी ही तेजी से ऑटो रिक्शा और ई – रिक् शा भी बढ़े हैं। आरटीओ कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि महाकाल महालोक के पहले शहर में अधिकतम तीन से चार हजार रिक्शा थे, जो कि एक साल में ही बढ़कर दस हजार से अधिक हो गए हैं। इनमें से अधिकतर रिक्शा चालक तो ऐसे हैं जो इस व्यवसाय में नये हैं और सही ड्रायविंग भी नहीं जानते हैं। कई रिक्शा चालक अन्य शहरों या ग्रामीण इलाकों से यहां आ गये हैं। अपराधिक किस्म के युवाओं ने भी रिक्शा थाम कर शहर में घूमना शुरू कर दिया है। यही वे लोग हैं जो मौका मिलते ही आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे देते हैं।