2000 रेलकर्मियों ने 40 मांगों पर आवाज की बुलंद

आल इंडिया कार्यकारिणी में उज्जैन के एसएस शर्मा भी शामिल
समाचार आज। उज्जैन
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन यानी एआईआरएफ का 17 वां जोन सम्मेलन उज्जैन के माधव सेवा न्यास में आयोजित किया गया। वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन के 101 वें अधिवेशन के साथ आयोजित हुए सम्मेलन में कोने से आए करीब दो हजार से अधिक रेलवे कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आखिरी दम तक संघर्ष का संकल्प लियाहै।
कर्मचारियों कीलंबित समस्याओं को हल करने में केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति एवं उदासीन रवैये को लेकर सम्मेलन में आलोचना की गई। जिसमें प्रमुख रूप से नई स्कीम खत्म कर पुरानी पेंशन लागू करना, रेलवे में ठेकेदारी प्रथा बंद करने, रेलवे के निजीकरण आदि मुद्दों को सम्मेलन में प्रमुखता से उठाया गया। साथ ही अपनी मांगों के निराकरण तक संघर्ष करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। इस दिन एआईआरएफ के चुनाव हुए, जिसमें सभी पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ। एआईआरएफ के अध्यक्ष एन. कन्हैया, कार्यकारी अध्यक्ष जेआर भोसले, महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा, क्षेत्रीय सचिव दिनेश पांचाल चुने गए। वेरेएंयू के मंडल अध्यक्ष उज्जैन के एसएस शर्मा को एआईआरएफ की कार्यकारिणी में शामिल किया गया। उज्जैन रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका है जब यहां के किसी कर्मचारी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान मिला हो। इस उपलब्धि पर सभी कर्मचारियों ने श्री शर्मा का स्वागत भी किया।
श्री शर्मा ने बताया कि सम्मेलन में जो मांगे उठाई हैं उनमें प्रमुख हैं–रेलवे के 109 रूट पर 150 यात्री ट्रेनों के संचालन के निर्णय को वापस लिया जाए, आउटसोर्स को खत्म करें, रात्रिकालीन ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को रात्रिकालीन भत्ते का भुगतान किया जाये, रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाऐ, रेलवे के अद्र्धशासकीय कार्यालयों में कार्यरत स्टॉफ को नियमित किया जाए। सभी रेल कर्मचारियों को कोविड की चौथी लहर से मुकाबले के लिए सुविधाएं दी जाएं, ग्रुप इंश्योरेंश स्कीम में बीमाकृत राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए की जाए। इसी तरह की अन्य कर्मचारी हितेषी मांग भी सम्मेलन में उठाई गई।