रिटायर्ड रेलवे अधिकारी के पुत्र की करतूत से एक ठेकदार मर गया, दूसरे को फंसा लिया

उज्जैन। समाचार आज
रेलवे के रिटायर अधिकारी के पुत्र के खिलाफ सोमवार को नीलगंगा पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोप है कि उसने टेंडर दिलवाने का झांसा देकर एक ठेकदार को तीन लाख रुपए के बदले फर्जी चेक थमाए थे। इसकी ऐसी हरकतों के कारण पहले भी एक ठेकेदार जान दे चुका है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक देवास के चाणक्यपुरी निवासी रूपसिंह पंवार ठेकेदारी करते हैं। उज्जैन के नीलगंगा क्षेत्र निवासी रेलवे के रिटायर अधिकारी यतींद्रनाथ द्विवेदी के पुत्र अर्पित ने 2019 में ठेका दिलवाने के नाम पर तीन लाख रुपए लिए थे। बदले में उन्होंने तीन लाख का चेक रुपसिंह को दिया था। काम नहीं होने पर पंवार चेक लेकर बैंक पहुंचे तो पता चला वह चलन के बाहर का है। उन्होंने नीलगंगा थाने में शिकायत की थी। टीआई तरुण कुरील ने बताया कि चेक व उस पर किए हस्ताक्षर की राइटिंग एक्सपर्ट से जांच करवाई है। फर्जीवाड़ा पाए जाने पर अर्पित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। फिलहाल वह फरार है।
पहले भी एक ठेकेदार इनके कारण दे चुका है जान
आरोपी अर्पित द्विवेदी पहले उज्जैन में ऋषिनगर निवासी रेलवे ठेकेदार प्रमोद शुक्ला के यहां काम करता था। अर्पित यहां पर भी विश्वास कायम कर शुक्ला की कंस्ट्रंक्सन साइट से करीब 7 लाख का माल उठा ले गया था और उनके नाम से ठेकेदारों से 50 लाख का कर्ज ले लिया था। मामला सामने आने पर शुक्ला ने रुपए लौटाने का कहा तो अर्पित व उसके परिजनों ने शुक्ला को धमकाया था। नतीजतन शुक्ला ने सैनेटाइजर पीकर आत्महत्या कर ली थी। मामले में माधवनगर थाने में केस दर्ज हुआ था।