खुद लाइटर जलाकर रोजाना 40 सिगरेट पीती रही ये मादा चिंपैंजी, जानें इसके चेन समोकर बनने की वजह…
क्या आपने कभी किसी जानकर को सिगरेट पीते देखा है? आपका जवाब शायद न में ही होगा लेकिन हम आपको उत्तर कोरिया के प्योंगयांग चिड़ियाघर में रहनी वाली एक ऐसे मादा चिंपैंजी के बारे में बताने जा रहे है कि हर रोज 1-2 नहीं बल्कि 40 सिगरेट पी जाती थी। इससे भी हैरान करने वाली बात तो यह है कि वह खुद सिगरेट जलाती थी। चिड़ियाघर में लोगों के मनोरजंन के लिए उसे सिगरेट पीना सिखाया गया था, फिर धीरे-धीरे उसे सिगरेट पीने की लत लग गई। अभी तक इस मादा चिंपैंजी को देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं। चिंपैंजी की उम्र 25 साल की है और वह सभी का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मादा चिंपैंजी का नाम अजालिया है, जिसे कोरियाई भाषा में ‘डैले’ नाम से बुलाया जाता है। इस चिंपैंजी को उत्तर कोरिया के प्योंगयांग चिड़ियाघर में रखा गया है। दिन में करीब 40 सिगरेट पीने वाली ये चिंपैंजी धुंए के छल्ले भी बनाती रही। दरअसल, अजालिया को इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। ताकी वो खुद सिगरेट जला सके। अगर दूसरा व्यक्ति भी उसके पास सिगरेट फेंक देता था, तो वह उसे भी जला लेती थी। इस चिड़ियाघर में हाथी, जिराफ, पेंग्विन, गैंडे, ऊंट, मछली, मगरमच्छ, कछुए जैसे कई जानवर हैं, लेकिन उन सब में यह चिंपैंजी बहुत अधिक लोकप्रिय है।

पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स के अध्यक्ष इंग्रिड न्यू के मुताबिक, सिर्फ लोगों के मनोरंजन के लिए एक चिंपैंजी को जानबूझकर स्मोकिंग की लत लगाना गलत है। इसके अलावा स्वीडिश चिड़ियाघर विशेषज्ञ जोनास वॉल्स्ट्रॉम भी उन लोगों में शामिल थे जो मानते हैं कि चिंपैंजी के धूम्रपान को तुरंत रोकना चाहिए। कई सारी शिकायतों के बाद अजालिया की रोजाना 40 सिगरेट पीनी की लत को छुड़ाया गया।