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बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में 3 साल बाद फैसला आया

मध्यप्रदेश के बहुचर्चित भय्यू महाराज सुसाइड केस में 3 साल बाद फैसला आ गया है। इंदौर जिला कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक, ड्राइवर शरद को दोषी ठहराया है। तीनों को 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है। पहले ही ये तीनों 1105 दिन जेल में रह चुके हैं। यानी आधी सजा पहले ही काट चुके हैं। इसलिए उन्हें सिर्फ 3 साल और जेल में रहना होगा।

फैसले में दर्ज बयानों में खुलासा हुआ है कि शिष्या पलक की एंट्री भय्यू महाराज की जिंदगी में बहुत पहले हो गई थी। तब पहली पत्नी भी जिंदा थी। उनकी (पत्नी की) मौत के बाद सबसे पहला शक महाराज की बहन को हुआ था, लेकिन महाराज यह कहकर रह गए कि मैं फंस गया हूं, निकलना चाहता हूं। यह भी खुलासा हुआ कि पलक महाराज का बाथरूम, बेडरूम तक शेयर करती थी।

इस मामले में सेवादार विनायक की जमानत को लेकर आरोपी के वकील सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। इधर, बेटी कुहू ने फैसले पर कुछ भी कहने से अभी इनकार किया है। उन्होंने बातचीत में कहा- अभी कुछ नहीं कहूंगी। मौका आने पर जरूर बोलूंगी, आपको पता चल जाएगा।

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