मध्यप्रदेश

हड्डी जोड़ने का अस्‍पताल, होम्‍योपैथी डॉक्‍टर कर रहे इलाज, आयुष्‍मान कार्ड वाले से वसूल रहे थे रुपए

उज्‍जैन के मेवाड़ ऑर्थोपैडिक हॉस्पिटल का लायसेंस निरस्त

समाचार आज । उज्‍जैन

मापदंड के तहत अस्पतालों का संचालन नहीं करने वालों के खिलाफ उज्जैन में कार्रवाई शुरू हो गई है। सोमवार को फ्रीगंज में संचालित प्राइवेट हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जांच में यह बात सामने आई कि अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में होम्योपैथी के डॉक्टर महेश राठौर की ड्यूटी लगा रखी थी। जांच दल ने सवाल भी उठाया था कि एलोपैथी में अस्पताल में होम्योपैथी के डॉक्टर की ड्यूटी कैसे लगा रखी है।

जिले के सभी पंजीकृत निजी नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा से संबंधित नियमों के पालन को लेकर सीएमएचओ डॉ. संजय शर्मा ने जांच दल गठित किए थे। जांच दल ने 2 दिसंबर को प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इसमें फ्रीगंज में माधवनगर थाने के सामने संचालित मेवाड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल का भी निरीक्षण किया था।

यहां अग्नि सुरक्षा के नियमों का पालन भी नहीं होना पाया गया। दल की रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने मेवाड़ा ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। उन्होंने बताया मेवाड़ा ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल में कई बिन्दुओं पर अनियमितता पाई गई थी।

माधव नगर थाने के पास संचालित होने वाले मेवाड़ अस्पताल में अनियमितता के चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने सख्त कदम उठाते हुए अस्पताल का पंजीयन क्रमांक 302 को अधिनियम 1973 तथा नियम 2021 के प्रावधानों के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर उक्त हॉस्पिटल की जांच दल ने निरिक्षण कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौपी थी। जिसमे विगत दिनों उक्त अस्पताल की शिकायत आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भी कलेक्टर को प्राप्त हुई थी।

आयुष्‍मान कार्ड धारी से भी वसूलते थे रुपए

शिकायत में आयुष्मान कार्ड से उपचार करवाने वाले मरीजों से शुल्क लेने का मामला प्रकाश में आया था। फ्रेक्‍चर होने और इलाज के बाद सुमन बाई पति अंतरसिंह उम्र 66 यसल निवासी इंदिरानगर आयुष्मान योजना के तहत स्क्रू निकलाने के लिए गई तो उससे तीन हजार रुपए वसूल लिए गए। इसके साथ ही अन्य बिन्दुओ पर जांच में अस्पताल प्रबंधन में कई खामियां निकली जिसके बाद अस्पताल का का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है।

अस्पताल में ये गड़बड़ियां पाई गई

– फायर का अस्थाई प्रमाण पत्र नहीं पाया गया।
– बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं करवाया गया।
– अस्पताल के किसी भी फ्लोर पर पीने के पानी के लिए वाटर कूलर नहीं पाए गए।
– लिफ्ट सर्टिफिकेट नहीं पाया गया।
– सफाई का अभाव, वार्ड में गंदगी पाई गई।
– नर्सिंग होम एक्ट अनुसार बिस्तर की संख्या के अनुपात में नर्सिंग स्टॉफ नहीं था।
– प्रदूषण नियंत्रण की एनओसी भी नहीं मिली।
– ओटी रजिस्टर पर सर्जन व निश्चेतना विशेषज्ञ के हस्ताक्षर नहीं पाए गए।
– रेट लिस्ट पर सुविधाओं के दर अंकित नहीं।
– बिस्तर के समीप एक भी स्टूल नहीं पाया गया।
– मरीजों का ट्रीटमेंट चार्ट नहीं पाया गया।

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