उज्जैनमध्यप्रदेश

विक्रम विवि टीसीएस की मदद से कंप्यूटर एक्सपर्ट बिजनेसमैन तैयार करेगा

विक्रम विवि का कंप्यूटर साइंस एंड बिजनेस सिस्टम्स कोर्स, टीसीएस से एमओयू

उज्जैन। विक्रम विश्व विद्यालय अब आईटी फॉर्म टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) की मदद से कंप्यूटर एक्सपर्ट बिजनेसमैन तैयार करेगा।

इसके लिए नया कोर्स सीएसबीएस (कंप्यूटर साइंस एंड बिजनेस सिस्टम्स) शुरू किया जा रहा है। खास बात यह है कि इसके लिए टीसीएस मार्केट की जरूरतों के मुताबिक विद्यार्थियों को ट्रेनिंग में मदद करेगा।

इस साल विक्रम विश्वविद्यालय का यह दूसरा ऐसा कोर्स है जो विद्यार्थियों को सीधे उद्योग और तकनीक से जोड़ेगा। इसके पहले विक्रम विश्वविद्यालय में बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स की सफलतापूर्वक प्रारंभ किया जा चुका है।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज ने CSBS पाठ्यक्रम प्रारंभ करवाने की पहल करने के बाद कोर्स की शुरुआत के लिए विश्वविद्यालय और टी.सी.एस. (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर होने जा रहा है।

टी.सी.एस. ग्लोबल हेड (एकेडेमिक्स) के. सुचेंद्रन 20 अगस्त को विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे,यह साझेदारी छात्रों को उद्योग की वास्तविक ज़रूरतों के अनुसार प्रशिक्षित करने में मदद करेगी।

कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विक्रम विश्वविद्यालय को ऊँचाईयों पर ले जाने के लिए सतत् प्रयत्नशील हैं और हमारा लक्ष्य भी है कि, छात्रों को सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि उन्हें ऐसा ज्ञान देना है जो सीधे रोज़गार दिला सके।

बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी के बाद, सी.एस.बी.एस. कोर्स इसी दिशा में हमारा दूसरा बड़ा कदम है। यह कोर्स सूचना प्रौद्योगिकी और व्यापार प्रबंधन के ज्ञान को एक साथ मिलाकर छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करेगा।

भविष्य की ओर बढ़ता कदम

ये दोनों नए कोर्स, विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को परिलक्षित कर रहे हैं क्योंकि जहां बी.टेक डेयरी टेक्नोलॉजी का कोर्स मध्यप्रदेश को डेयरी कैपिटल बनाने के सपने को साकार करेगा, वहीं सीएसबीएस कोर्स छात्रों को तकनीकी और व्यापारिक कौशल दोनों में पारंगत बनाकर उन्हें आधुनिक बाज़ार की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा।

कार्यपरिषद सदस्यों का पूरा सहयोग मिला

कार्यपरिषद के सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, रूप पमनानी, वरुण गुप्ता, डॉ. संजय वर्मा, श्रीमती मंजूषा मिमरोट, डॉ. कुसुमलता निंगवाल और कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने इस दूरदर्शी निर्णय का स्वागत किया और बताया यह न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे उज्जैन और आसपास के क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

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