Diwali Laxmi Pujan: ऐसे करें लक्ष्मी पूजन, दरिद्रता का होगा नाश
Diwali Laxmi Pujan: इस दीपावली आठ दुर्लभ शुभ योग-संयोग में घर-घर पधारेगी मां लक्ष्मी

Diwali Laxmi Pujan: उज्जैन के ज्योतिर्विद पं अजय कृष्ण शंकर व्यास बताते हैं अगर इस दीपावली आपने विधि विधान से मां लक्ष्मी का पूजन किया तो निश्चिंत ही दरिद्रता का नाश होगा। क्योंकि इस दीपावली पर आठ ऐसे दुर्लभ योग-संयोग बन रहे हैं जो कामना पूर्ति में सहयोगी हैं।
इस साल 2023 में दीपावली 12 नवंबर रविवार को रहेंगी और इस दिन गृहस्थ आश्रम, व्यापारी, बहीखाता धारकों का नया वर्ष के रूप में विधि-विधान के साथ पूजन करेंगे तो महालक्ष्मी जीवन में सुख समृद्धि के मार्ग खोल देगी और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होगी। इस बार दीपावली पर गजलक्ष्मी सौभाग्य और आयुष्मान सहित पांच अन्य शुभ योग और सदियों बाद आने वाले दुर्लभ संयोग में महालक्ष्मी का पदार्पण होगा। दीपावली पर्व पर मेष राशि में गुरू ग्रह योग होने से धर्म आध्यात्म की भावना बढ़ती है, भारत का विकास होता है। अन्य शुभ योग जैसे राज योग गजकैसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के शुभ योग आर्थिक संपन्नता, लाभ, स्थिरता, सम्मान, प्रतिष्ठा शुभता दिलाते हैं।
12 नवंबर को दोपहर 1.३० बजे बाद अमावस्या, प्रदोष काल में पूजन श्रेष्ठ
12 नवंबर रविवार को चतुर्दशी उपरांत अमावस्या दोपहर 1.30 बजे से प्रारंभ होगी। लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल 5:29 बजे से रात 8:08 बजे तक है। गृहस्थ के लिए विशेष समय वृषभ स्थिर लग्न में शाम 5:55 बजे से शाम 7:50 बजे तक पूजन का विशेष महत्व है।
तंत्र साधना राजयोग मुहुर्त
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा निशिता मुहूर्त रात 12:35 बजे से लेकर देर रात 2:25 बजे तक भी है। लक्ष्मी पूजा निशिता तंत्र साधना राजयोग के लिए मुहूर्त संपन्न करें।
दीपावली पूजन मुहुर्त चौघडिय़ा अनुसार
पं अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया प्रत्येक शुभ कार्य के लिए चौघडिय़ा में शुभ व्यापार व्यवसाय के लिए 1.34 से 2.57 दोपहर, चिकित्सा विभाग संबंधित अमृत शाम 7.20 से 8.57, वाहन अग्नि संयंत्र होटल वाहनादि संबंधित चर रात 8.57 से 10.34, निशा रात्रि लाभ का चौघडिय़ा 1.48 से 3.23 तक रहेगा।
विधि विधान से पूजन क्यों जरूरी
पं अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया कि इस दिन विधि विधान से पूजन नहीं किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। दरअसल इसके पीछे की मान्यता है कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है। दिवाली के दिन यदि आप विधि विधान के साथ पूजन करते हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
ऐसे करें पूजन, महालक्ष्मी होगी प्रसन्न
सर्व प्रथम गणपति का पूजन किया जाता है, उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए।
– पूजा स्थान पर गंगाजल छिडक़ें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम: का जाप करें। सर्वप्रथम गणेश जी के मंत्रों का जाप और पूजन करना चाहिए।
– भगवान गणपति का पूजन ’गजाननम् भूत भू गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपाद पंकजम्। इस मंत्र का जाप करते हुए करें। गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें।
-माता लक्ष्मी का पूजन भी भगवान गणपति के साथ करें उसके लिए माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ करें। इनके साथ आप धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन करें।
– लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन करने के बाद मां काली और मां सरस्वती का पूजन करें। पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें। आरती के बाद भोग परिवारजनों में वितरित करें।
घी के दीप जलाएं- श्री मां लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें। सबसे पहले आप लक्ष्मी जी के सामने 5 या 7 घी के दीये प्रज्वलित करें।
राशि अनुसार दीपावली पर यह जरूर करें
मेष – सौभाग्य सुख समृद्धि के लिए चांदी कि मूर्ति या पात्र से शहद चढ़ाएं।
वृषभ – मिश्री का भोग लगाएं, पर्स में दो का सिक्का रखें।
मिथुन- भगवान शिव को मुंग के लडडू का भोग लगाएं, लक्ष्मी जी के फोटो या मूर्ति के पास मनीप्लांट का पौधा रखें।
कर्क- चांदी के पात्र से भगवान का अभिषेक करें। गाय माता की पूजा करें।
सिंह- गरीब रोगी व्यक्ति की मदद करते रहे वर्ष उत्तम है।
कन्या- घर के उपर और धार्मिक स्थल पर ध्वजा लगवाए अच्छा समय शुरू होगा।
तुला- सर्वप्रथम गणपति बप्पा को भोग अर्पित करें, लक्ष्मी जी का शहद से अभिषेक करें।
वृश्चिक- घर के दक्षिण द्वार पर दीपक लगाएं अन्न धान अर्पित करें।
धनु- मित्र, विद्वतजन गणमान्य लोगों को मिठाई, पीले फल भेंट करें।
मकर- भूमि स्पर्श करें, भूमि के जीव-जंतु को मिष्ठान चूरा कर खिलाएं।
कुंभ- कलश पूजन कर श्रीफल रखें, बरकत में चावल रखें।
मीन- ईसान कोण में पूजन करें, घर में साफ-सफाई रखें।