अधिकारों के लिए राजधानी में खूब लड़ीं आशा और सहयोगी
Asha and allies fought a lot in the capital for rights
अपने अधिकारों के लिए प्रदेश की आशा कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने 20 सितंबर को भोपाल में जंगी प्रदर्शन किया। प्रदेश के सभी जिलों से आई करीब पांच हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने भोपाल में विधानसभा को घेर लिया।
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने इन आंदोलनकारी महिलाओं को गिरफ्तार कर अलग-अलग खुली जेल में शिफ्ट किया। लेकिन तेज ठंड में इनके तेवर नरम नहीं हुये। ये अपने अधिकारों के लिए मांगों पर अड़ी रहीं और उचित निराकरण के बिना घर लौटने को तैयार नहीं हुईं। बाद में अपर कमिश्नर इरशाद वली ने इनकी प्रदेश अध्यक्ष हीरादेवी चंदेल, लक्ष्मी कौरव की बातचीत एनएचएम मुख्य मिशन संचालिका प्रियंका दास, आशा सेल संचालक डॉ. प्रकाश शुक्ला, डिप्टी डायरेक्टर शैलेष साकल्ले एवं राज्य कोऑडिनेटर आरती पांडे के साथ करवाई। प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद अधिकारियों ने शासन स्तर पर प्रत्येक मांग पर उचित कार्रवाई का आश्वसन दिदया। इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि में राज्य सरकार ने अपना समान योगदान देने का आश्वासन और सहयोगी कार्यकर्ताओं को यात्रा भत्ता के रूप में ५० रुपएदेने का लिखित आदेश प्रदान किया है। आंदोलन के बाद उज्जैन लौटीं निर्मला यादव ने बताया हमारी माँग निश्चित वेतन-न्यूनतम वेतन की है जो पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।