मध्यप्रदेश

कैसे गया महाकाल मंदिर में पानी, जानिए कहां है सुराख

नंदी हाल में पानी जाने के कई रास्ते, आगे भी बन सकते हैं ऐसे हालात

टनल ने रोका पानी का रास्ता, डिस्टर्ब हुआ मंदिर का ड्रेनेज सिस्टम

हरिओम राय

समाचार आज । उज्जैन

उज्जैन के श्री महाकाल मंदिर में शुक्रवार रात को नंदी हाल में जल भराव जैसी घटना आगे भी तेज बारिश के कारण हो सकती है क्योंकि मंदिर परिसरसे पानी जाने का रास्ता नवनिर्मित टनल ने रोक लिया है। मनमाने ढंग से जल्दबाजी में किया गया टनल का निर्माण आगे भी और कई परेशानी खड़ी करेगा। इससे पहले 21 जुलाई 2015 को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भी बारिश का पानी भर गया था। सुबह भस्मारती के लिए जब गर्भगृह के पट खोले गए, तो बाबा महाकाल जलमग्न थे। तय समय पर भस्मारती हुई और इसके बाद पानी खाली किया गया।

हम आपको बता दें कि महाकाल मंदिर में निर्माण कार्य के दौरान ये ध्यान नहीं रखा गया कि तेज बारिश होगी तो पानी की निकासी कैसे की जाएगी। टनल निर्माण का कार्य भी जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया। नतीजा ये रहा कि गणेश और नंदी हॉल में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान गर्भ गृह की साइड वॉल से झरना बहने लगा। एक दिन की बारिश में ये हाल हो गए। मंदिर प्रशासन इससे सबक लेकर व्यवस्थाएं नहीं सुधारता है, तो आने वाले दिनों मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

मंदिर तक यहां से पहुंचा पानी, जानिए अव्‍यवस्‍था के सुराख को

महाकाल मंदिर के बाहरी परिसर में नवग्रह मंदिर के पास नई टनल बनाई जा रही है। इस टनल के ऊपरी हिस्से से दर्शनार्थी कार्तिकेय मंडपम तक पहुंचते हैं। टनल का रास्ता नीचे गणेश मंडपम से भी जुड़ेगा। इस टनल की छत पर ढलान होने से बारिश के पानी ने रैम्प पर जगह बना ली। दूसरी ओर, बारिश के पानी ने नैवेद्य द्वार के सामने से एग्जिट रैम्प की जाली से होकर नीचे बहना शुरू कर दिया। इसी कारण रैम्प का एक हिस्सा झरने में तब्दील हो गया। मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कई जगह गड्डे खोदे गए हैं। इनमें भरे पानी के लिए निकासी का रास्ता नहीं है। ऐसी हालत में बारिश के पानी ने जहां जगह मिली, वहां से रास्ता बना लिया। मंदिर के अंदर ही परिसर का विस्तार किया जा रहा है। निर्माण सामग्री ला रहे बड़े वाहन चार नंबर गेट के पास से मंदिर परिसर में आते हैं। इसके लिए उपयोग किया जा रहा रास्ता ढलान के रूप में सीधे सड़क से जुड़ा है। तेज बारिश के कारण सड़क की ओर से आने वाली पानी भी इसी ढलान से बहकर मंदिर परिसर में पहुंच गया।

टनल का पानी सीधा नंदी हाल जायेगा

टनल का ढाल नंदी हाल की ओर है। टनल की छत से दर्शनार्थी कार्तिक मण्डपम पहुंच रहे हैं। स्पष्ट दिख रहा है कि इसका ढाल कार्तिक मण्डपम की ओर से यहां से पानी कार्तिक मण्डपम होते हुए नीचे गणेश मण्डप होता हुआ नंदी हाल पहुंचेगा। इसी तरह टनल सीधे गणेश मण्डपम से मिलेगी, हालाकि इसे मिलाने वाली दीवार अभी खोली नहीं गई है। लेकिन चित्र के जरिए आप देख सकते हैं कि टनल में पानी लबालब भरा है और यह पानी जगह-जगह से रिस कर सीधा गणेश मण्डपम और वहां से नंदी हाल में जायेगा।

टनल के कारण ड्रेनेज लाइन डिस्टर्ब,

टनल निर्माण के कारण मंदिर की ड्रेनेज लाइन प्रभावित हुई है। मामूली बारिश में ही ड्रेनेज लाइन फेल हो जाती है। शनिवार शाम को भी यही हालात बने। करीब १५ मिनट हुई तेज बारिश में ही सारे चैंबर फुल हो गए। यहां मोटर और पाइप लाइन के जरिए पानी बाहर फेंका गया। टनल निर्माण के वक्त ड्रेनेज लाइन भी प्लान की जाती तो ऐसे हालात नहीं बनते। पुरानी ड्रेनेज लाइन भी चौक पड़ी हैं। हालांकि शनिवार को इनकी सफाई की गई थी।

टनल के पीछे का ढाल भी नंदी हाल की ओर

जिस जगह से टनल बनाई गई है उसके पीछे के हिस्से के पानी की निकासी की भी कहीं व्यवस्था नहीं है। यहां पर भी निर्माण कार्य चल रहा है और बारिश का सारा पानी निर्माणाधीन टनल की ओर आ रहा है। यहां से पानी फूटकर नंदी हाल की ओर ही जायेगा। इसी तरह मंदिर परिसर में उतरने वाली सीढिय़ां (सवारी मार्ग), उसके साइड की रोड जहां से निर्माण सामग्री के वाहन मंदिर परिसर में आ रहा हैं वहां की बारिश का पानी भी टनल की ओर ही आ रहा है और वहां से नंदी हाल की ओर जा रहा है।

टनल में पानी भराया, पूरा पानी निकलने के बाद शुरू होगा काम

निर्माणाधीन टनल में पानी जमा होने के कारण यहां काम रुक गया है। अब पानी निकलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा। बारिश के दौरान मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा पानी निर्गम रैम्प से होकर नंदी हॉल की ओर ढलान से जमा हुआ था। निकासी के रास्ते पहले ही तैयार हो जाते, तो पानी यहां तक नहीं पहुंचता।

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