मध्यप्रदेश

अंतत: आंदोलनों का दिखा असर, पंचायतों की प्रशासकीय समितियों को मिल सकते हैं वित्तीय अधिकार

आज मुख्यमंत्री कर सकते हैं बड़ा ऐलान


समितियों के प्रधान से बात होने के बाद आज होगा निर्णय

समाचार आज

पंचायतों की प्रशासकीय समितियों को 17 जनवरी को एक बार फिर वित्तीय अधिकारी वापस मिलने के आसार बन रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 17 जनवरी को समितियों के प्रधानों से चर्चा करने के बाद कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव रद्द करने के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों की प्रशासकीय समितियों एवं उनके प्रधानों के अधिकार भी राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं। चुनाव रद्द होने के बाद राज्य सरकार ने इनको वित्तीय अधिकार दिए थे। इस संबंध में 4 जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश जारी कर किया, लेकिन अगले ही दिन एक नया आदेश जारी कर उनके वित्तीय अधिकार वापस ले लिए। अधिकार छीने जाने पर प्रधान लगातार विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों का विकास कार्य रुक गया है। ऐसे में उम्मीद जाहिर की जा रही है कि सीएम इन अधिकारों को एक बार फिर वापस दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को इन समितियों के प्रधानों से बात करेंगे। इस दौरान शिवराज इनके वित्तीय अधिकारों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश कांग्रेस पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व रतलाम जिला पंचायत उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ पिछले कई दिनों से सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़े थे। पंचायत जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को लेकर वे पूरे प्रदेश में जगह-जगह विरोध का बिगुल बजा रहे थे। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के हितों के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। हम लोगों द्वारा इसके विरोध में पूरे प्रदेश में लगातार आंदोलन किये जा रहे हैं। सरकार को पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छीनने का कोई अधिकार नहीं है। इससे गांवों का विकास रूक जायेगा। गांव का विकास सिर्फ जनप्रतिनिधि ही बेहतर रूप से कर सकते हैं अधिकारी नहीं। अफसरों के भरोसे गांवों का विकास नहीं हो सकता।

Related Articles

Back to top button