अध्यात्म

मंदिर पर संकट आये तो बलिदान के लिए तैयार रहे हिंदू समाज

पुजारी महासंघ ने मंदिरों के संरक्षण का संकल्प दोहराया

समाचार आज। उज्जैन

पुजारी महासंघ ने हिंदू समाज से आग्रह किया कि जब भी कभी किसी मंदिर पर संकट आए तो वे अपना बलिदान देने हेतु तैयार रहें। पुजारी महासंघ का लक्ष्य है पूरे नगर और पूरे देश के पुजारियों और मंदिरों को संरक्षित करना। पुजारियों का संगठन पूरे देश में होना चाहिये जिससे हिंदू समाज के मंदिरों की पवित्रता, परंपराएं और जो भी वहां की पूजा पध्दति है वह स्थापित रहे। क्योंकि हिंदू समाज में ही सरकारीकरण किया जाता है, सरकारीकरण के कारण वहां की परंपराएं, पवित्रताएं नष्ट, भ्रष्ट होती हैं। हम उसी लक्ष्य के तहत कार्य कर रहे हैं।
यह निर्णय उज्जैन के जयसिंहपुरा क्षेत्र में गउघाट स्थित श्री त्रिकाल हनुमान मंदिर पर पुजारी महासंघ ने लिया है। प्रारंभ में मंदिर पर महाआरती की गई

मंदिरों की समस्या की सूची बनायेंगे

पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि नगर के मंदिरों में कुछ समस्याएं हैं जिन्हें दूर करने का भी महासंघ प्रयास कर रहा हैं। इसी को देखते हुए दक्षिण क्षेत्र में अध्यक्ष के रूप में शनि शक्ति पीठ के प्रधान नारायण स्वामी को अध्यक्ष बनाया है, बबलू बैरागी को महामंत्री नियुक्त किया है। दोनों से कहा है कि इस क्षेत्र के मंदिरों की लिस्ट तैयार करें, मंदिरों में कहां कमी है, किसी कारण से प्रताडि़त होते हैं, इसकी जानकारी एकत्रित कर पुजारी महासंघ को दें ताकि पुजारी महासंघ उनका संरक्षण कर सके।

पुजारी जागृत होंगे तो हिंदू समाज भी जागेगा

हिंदू समाज केवल मंदिर में दर्शन तक आस्था रखता है, मंदिर तोड़ा जाता है, हटाया जाता है तो उनकी भावनाएं शून्य हो जाती हैं, कभी कोई प्रशासन किसी अन्य धर्म के स्थलों को तोडऩे जाता है तो पूरा समुदाय एकत्रित हो जाता है, ये उनमें एकता है, और हिंदू समाज में कमी है। पुजारी का भी कर्तव्य है भगवान की सेवा करता है, भरण पोषण करता है, तो उसे प्राण देना पड़े तो भगवान के प्रति वह तैयार रहे यदि उसमें जागृति आएगी तो हिंदू समाज भी जागृत रहेगा। महाआरती में मुख्य पुजारी महेश बैरागी, बबलू बैरागी, संतोष सोनीया, मोहनलाल कुमावत, स्वामी नारायण स्वामी, जितेंद्र महाराज, महेंद्रसिंह बैस, अर्पित पुजारी, राजू बैरागी, जीतू पंडित आदि मौजूद रहे।

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