दुकान बंद करने से शराब पीना बंद नहीं होगी

मुख्यमंत्री शिवराज बोले-अगर ऐसा होता तो हम एक भी दुकान नहीं लगाते
समाचार आज। उज्जैन
प्रदेश में उठ रही शराब बंदी की मांग के बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उज्जैन में शनिवार रात को गौरव दिवस मेें महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर दुकानें बंद करने से शराब पीना बंद हो जाए तो हम प्रदेश में एक भी दुकान शुरू नहीं करते। पहले लोगों को नशाखोरी छोडऩा होगी, शराब दुकान स्वत: ही बंद हो जायेगी।
शनिवार रात मुख्यमंत्री श्री सिंह रामघाट पर आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां आयोजित कैलाश खैर की भजन संध्या में मुख्यमंत्री शामिल हुए और उन्होंने सिंगर कैलाश खेर के साथ सुर से सुर मिलाते हुए बाहुबली का गीत जय-जयकारा… गाया।
उन्होंने मंच से कहा- मेरा बस चले और यह विश्वास हो जाए कि केवल दुकान बंद करने से दारु पीना बंद हो जाएगी तो मैं एक दिन भी नहीं लगाता। लेकिन, ऐसा होता नहीं है। इसीलिए पहले नशा-मुक्त समाज बनाएंगे। लोग नशा छोड़ेंगे, तो अपने आप दुकानें बंद हो जाएंगी। आप चिंता मत करो…। मुख्यमंत्री गौरव दिवस के मंच से भी गुंडे-माफिया के खिलाफ एक्शन मोड में दिखे। कलेक्टर-एसपी को कहा कि गुंडे-बदमाशों को छोडऩा नहीं है। जिस किसी ने भी बेटियों पर आंख उठाई तो जमींदोज कर दिए जाएंगे। मकानों और दुकान का पता नहीं चलेगा। ऐसे बदमाशों पर बुलडोजर चलेगा।
गरीब बच्चों की फीस मामा भरेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब के बच्चों की पढ़ाई के लिए एक संकल्प लेता हूं। ऐसे बच्चों का प्रवेश शुल्क और पूरी शिक्षा के लिए फीस मामा भरेगा। उन्होंने उज्जैन को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का भी संकल्प लिया। मौके पर मुख्यमंत्री ने महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा प्रकाशित विक्रम पंचांग और भारत विक्रम यू-ट्यूब चैनल का लोकार्पण किया। 4000 हजार रोजगार देने वाली कंपनी की सौगात दी। प्रतिभा सिंटेक्स शहर में 150 करोड़ रुपए की लागत की यूनिट लगा रही है, जो की जल्द ही बनकर तैयार होगी।
कैलाश खेर बोले- पहली बार नदी के बीच गा रहा हूं
मुख्यमंत्री की संकल्पना के अनुरूप 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा का दिन उज्जैन गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। रामघाट पर रोशनी से नहाई शिप्रा के बीच रात 8 बजे कैलाश खेर की परफॉर्मेंस शुरू होकर देर रात तक चली। खेर ने अपने बैंड कैलासा के साथ अपने हिट्स गाने गाए। उन्होंने कहा कि पहली बार वह नदी के बीच गा रहे हैं। यह अनुभव उनके लिए अद्वितीय है।
अवन्तिका तीन लोक से न्यारी, कितनी प्यारी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज उज्जयिनी का जन्म उत्सव है। अवन्तिका नगरी तीन लोक से न्यारी, देखो कितनी प्यारी है। यहां का शुद्ध एवं सात्विक वातावरण सबका मन मोहता है। अदभुत दिन है आज गुड़ी पड़वा इस दिन विक्रम संवत का प्रारम्भ हुआ। आज विक्रम उत्सव भी हो रहा है। हमें यह याद रखना चाहिये कि हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है। विक्रम संवत ईस्वी सन से 57 वर्ष पुराना है। सनातन नया वर्ष आज प्रारम्भ हो रहा है और इसी दिन 2005 से हमने विक्रमोत्सव मनाना शुरू किया था। आज ही के दिन अवन्तिका का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। इसी दिन सृष्टि की रचना हुई थी। सृष्टि को आरम्भ हुए एक अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 वर्ष हो गये हैं। उज्जैन कालगणना की नगरी है। उज्जैन का गौरव सबको गौरवान्वित करता है। उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि है जो युगों से पल्लवित होती रही है। सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है। युग बदलते गये और उज्जैन को कभी उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सृष्टि के प्रत्येक कल्प में उज्जयिनी का अस्तित्व रहा है। स्कंद पुराण में उज्जयिनी के 6 कल्पों के 6 नाम दिए गए हैं जो कल्पवार क्रमश: कनकश्रृंगा, कुशस्थली, अवंतिका, अमरावती, चूड़ामणि एवं पद्मावती है। इसीलिए उज्जैन को प्रतिकल्पा भी कहा गया है। अन्य ग्रंथों में उज्जयिनी को भोगवती, हिरण्यवती, विशाला आदि नामों से भी संबोधित किया गया है।
शहर के सभी प्रतिष्ठानों के नाम हिन्दी में हों
स्कंद पुराण के अवंति खंड के अनुसार भगवान शिव अवंतिका में महाकाल वन में अधिष्ठित हैं। उन्होंने कहा कि महाकाल वन प्रोजेक्ट में मन्दिरों की छटा को बढ़ाया जा रहा है। उज्जैन का सांस्कृतिक पुनर्उत्थान होगा, विकास का नया इतिहास रचा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें एक नया संकल्प लेना पड़ेगा। शहर में जितने भी होटल बने हैं, सबके नाम अंग्रेजी में लिखे हैं। उन्होंने कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि सभी होटल्स के नाम हिन्दी में लिखे जायें। निज भाषा की उन्नति से ही हमारा शैक्षणिक पुनर्उत्थान होगा। उज्जैन में मेडिकल कॉलेज आ रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क विक्रम उद्योगपुरी में आ रहा है। कर्नाटक एंटीबायोटिक नामक उद्योग भी उज्जैन में लगाया जा रहा है। इससे अनेक लोगों को रोजगार मिलेगा। उज्जैन का औद्योगिक पुनर्उत्थान भी होगा।
शहर से भिक्षावृत्ति पूरी तरह मिटायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उज्जैन के गौरव दिवस के अवसर पर आव्हान करता हूं कि उज्जैन से भिक्षावृत्ति को पूरी तरह मिटा दिया जाये। बच्चों के नशे की आदत छुड़ाने के लिये उज्जैन जिले के कलेक्टर ने बहुत मेहनत की है। बच्चे भीख न मांगे, उनकी शिक्षा व भोजन की व्यवस्था की जाये। शहर में एक ऐसा केन्द्र बनाकर दें, जहां भण्डारा निरन्तर चलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में दो-चार स्थान पर आनन्दक केन्द्र बनाये जायें, जहां पर लोग अपनी अनुपयोगी वस्तुओं को देने और जरूरतमंद लोग सामग्री प्राप्त करने का आनन्द ले सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब के बच्चों की पढ़ाई के लिये मैं एक संकल्प लेता हूं। ऐसे बच्चों का प्रवेश शुल्क एवं सम्पूर्ण शिक्षा के लिये फीस मामा भरेगा।
विभिन्न संस्थाओं ने लिया जनकल्याण का संकल्प
- रामा दल अखाड़े की ओर से महन्त रामेश्वरदास द्वारा शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर एक लाख 25 हजार पौधारोपण करने का संकल्प लिया गया।
- श्रीमहाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से प्रदीप गुरू द्वारा कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों को दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह प्रत्येक को प्रदान कर उनके रहने, खाने एवं शिक्षा का प्रबंध करने का संकल्प लिया गया।
- उज्जयिनी सेवा समिति के सुधीरभाई गोयल द्वारा जन सहयोग से जिले के सभी कुपोषित बच्चों, एचआईवी से पीडि़त बच्चों एवं बाल भिक्षावृत्ति से पीडि़त बच्चों की सहायता करने का संकल्प लिया गया। साथ ही उन्होंने शिप्रा तट पर 11 हजार पौधे लगाने की बात कही।