holi-in-mahakal : महाकाल में होली अब पंडे-पुजारी ही खेलेंगे, रंगपंचमी पर बाहर से कोई रंग नहीं ले जा सकेगा
holi-in-mahakal : महाकाल में होली पर हादसे के बाद मंदिर समिति ने लिया निर्णय

holi-in-mahakal : महाकाल मंदिर में होली पर भस्म आरती में भस्मआरती के दौरान होली खेलते वक्त आग लगने की घटना के बाद मंदिर समिति अब रंगपंचमी को लेकर सतर्क हो गई है। रंगपंचमी पर अब कोई भी दर्शनार्थी बाहर से रंग नहीं ले जा सकेगा। होली भी सिर्फ पंडे-पुजारी ही प्रतीकात्मक रूप से खेलेंगे।
उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने 30 मार्च को होने वाली रंगपंचमी पर्व के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। रंग पंचमी पर मंदिर के पुजारी पुरोहित ही महाकाल से होली खेल सकेंगे और वो भी प्रतीकात्मक। इस दौरान पण्डे पुजारी सीमित मात्रा तय मापदंडो के आधार पर रंगपंचमी पर्व मना सकेंगे। कलेक्टर सिंह ने बताया कि जो परम्परा मंदिर में वर्षों से चली आ रही है, उसका निर्वहन किया जाएगा। परम्परा के अतिरिक्त अन्य किसी सामग्री का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
गाइड लाइन तोड़ी तो खैर नहीं
जारी आदेश में स्पष्ट है कि रंग पंचमी पर मंदिर समिति द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय और कोर्ट की गाइड लाइन से ही पर्व मनाया जाएगा। जो भी मंदिर के नियम तोड़ेगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी। रंग पंचमी पर मंदिर में आने वाले भक्त अपने साथ रंग लेकर नहीं आए। सभी को चेकिंग के बाद ही प्रवेश मिलेगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी। पण्डे पुजारियों को रंग भी मंदिर समिति उपलब्ध करवाएगी।
होली पर गुलाल के कारण लगी थी आग
होली पर भस्मारती के दौरान आग लगने की घटना केमिकल युक्त गुलाल की वजह से हुई थी। गुलाल को भस्म आरती के दौरान हुई कर्पूर आरती में पुजारी के पीछे खड़े किसी व्यक्ति ने फेंका था। जिसके कारण गुलाल पुजारी के सिर पर गिरा और बाद में वहीं गुलाल नीचे रखे दीपक में गिरने लगा। अब मंदिर से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि आरती की वजह सिर्फ वही गुलाल था, जिसको किसी ने फेंका था। हालांकि दो दिन बाद जांच टीम रिपोर्ट सौंपेगी। जिसमें साफ हो जाएगा कि आग लगने की पीछे कारण क्या थे?
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